Delhi Par Raj: करने वालों का ऐतिहासिक विडंबना | दिल्ली की भूमि पर

महानुभव इस ब्लॉग पोस्ट में दिल्ली की भूमि पर बैठकर शासन करने वालों का ऐतिहासिक विडंबना के बारे में बताया गया है। जो राजा ब शासक दिल्ली की गद्दी पर बैठा (Delhi Par Raj) उसके साथ क्या हुआ? यह इतिहास इस बात का गवाह है। चलिए इस सत्संग लेख के अंतर्गत जानते हैं उन राजाओं के बारे में, उन नेताओं के बारे में जो दिल्ली की भूमि पर बैठकर शासन करते रहे, या कर रहे।

Delhi Par Raj: करने वालों का ऐतिहासिक विडंबना | दिल्ली की भूमि पर

Delhi par raj karne wale raja

1- करीब करीब 5000 वर्ष पूर्व इसी भूमि पर महाराज युधिष्ठिर के छोड़ ने के बाद इंद्रप्रस्थ नामक नगर बसाए । उसी जगह जुए के दांव और द्रौपदी रख दी गई, पांचाली का चीर हरण महाभारत की घटना सर्वविदित है।

2- इसी भूमि पर बैठने के बाद महाराज पृथ्वीराज की आंखें निकाल ली गई, उनका वध करके हिंदू साम्राज्य का बंद कर दिया गया।

3- मोहम्मद गोरी गद्दी पर बैठने के चंद दिनों के बाद पंचनद के खोखर विद्रोही द्वारा मार डाला गया।

4- कुतुबुद्दीन ऐबक लाहौर में घोड़े से गिरकर मर गया तो रजिया बेगम अपने पति और दुनिया के साथ मार डाली गई ।

5- जलालुद्दीन खिलजी को उसका भतीजा एवं दमाद अलाउदीन को मार कर गद्दी पर बैठा था उसे भी उसके सिपहलाकार ने विषपान करा कर मार डाला ।

6- गयासुद्दीन तुगलक अपने नवनिर्मित महल पर बिजली गिरने से दबकर मर गया।

7- मोहम्मद तुगलक निजामुद्दीन नामक फकीर के आदेश से दौलताबाद राजधानी ले गया था लेकिन उसका लड़का महमूद ज्योंही दिल्ली की गद्दी ( delhi par ) पर बैठा त्योही समरकंद का तैमूर दिल्ली पर धावा बोलकर सारे शहर को सराबोर कर दिया दिल्ली पर आफत का पहाड़ टूट पड़ा ।

Delhi Par Raj karne walon ka hal

8- पानीपत में लोदी वंश को खुन दरिया में डुबाकर बाबर ज्योही गद्दी पर बैठा बीमार होकर मर गया।

9- हुमायूं के गद्दी पर बैठते ही दिल्ली से मार भगाया। भागते समय अमरकोट के राजा वीरसाल के किले में अकबर का जन्म हुआ।

10- 5 साल के अंदर ही शेरशाह कालिंजर के किले पर आक्रमण करते हुए बारूद में जलकर मर गया। हुमायूं पुन दिल्ली की गद्दी पर बैठा तो सीढ़ी से गिर कर मर गया।

11- अकबर ने राजधानी बदलने की सूफियों की सलाह मान ली तो महान बन गया और भारत को समृद्धिशाली बना दिया।

12- शाहजहां लाल किला (delhi ka lal kila) बनवाकर जब दिल्ली की गद्दी पर बैठा उसकी ऐसी दुर्गति हुई कहने लायक नहीं है।

13- भारत का अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर जो महान स्वतंत्रता सेनानी था, रंगून के कारागार में भूख और प्यास ने तड़प तड़प कर मर गया।

Delhi ki Gaddi per बैठने वालों की ऐतिहासिक विडंबना

14- अंग्रेज जब तक कोलकाता से शासन कर रहे हैं तब तक भारत का विस्तार किया लेकिन जूही राजधानी दिल्ली मैं कायम हुआ त्योंही इंग्लैंड के ऊपर आफत का पहाड़ टूट पड़ा। दो दो महायुद्ध के बाद दिल्ली छोड़कर भागना पड़ा क्योंकि जिस स्थान पर दिल्ली का निर्माण हुआ था उसी स्थान पर तैमूर ने एक लाख मानव खोपड़ियों का मीनार खड़ी करवाया था।

15- आजादी के बाद नेहरू और पटेल गद्दी पर बैठते ही महात्मा गांधी को पीछे धकेल कर भारत का विभाजन स्वीकार करके करोड़ों भारतीयों को पाकिस्तान दो दो बार युद्ध, इंदिरा जी की हत्या, संजय गांधी व राजीव गांधी की हत्या से भी लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि दिल्ली की भूमि है कि असहनीय है कि नहीं।

16- अटल जी ने कहा कि सबको देखा बार बार हमको देखो एक बार। रामनाम के सहारे दिल्ली की गद्दी पर बैठते ही कारगिल मे हजारों को शहीद का दर्जा देकर गद्दी से दूर हो गये ।

Vartman shasak Narendra Modi

17- मोदी ने कहा कि जब गद्दी, सबके खाते में 15-15 लाख रुपया जायेगा, गरीबी दूर करेंगे, मँहगाई दूर करेंगे। माँ बहनों की रक्षा होगी। आप लोग यह भी देख रहे हैं।

18- वर्तमान में उसी गद्दी पर बैठने की होड़ लगी है तो मानव बुचड खाने पर बसी है। मालूम होता है कि नेताओं में भारतीय सोच समाप्त हो चुकी है इस देश में एक मकान में लगातार दो चार अकाल मौतें हो जाती है तो लोग उसे भतहा करार कर छोड देते है।

लेकिन दुःख के साथ यह कहना पड रहा है कि दिल्ली की गद्दी पर बैठने की होड में समूचा हिन्दुस्तान कब्रिस्तान बनने जा रहा है।

निष्कर्ष

महानुभाव इस बात का इतिहास गवाह है की दिल्ली की गद्दी या दिल्ली पर राज करने वाला राजा क्या कहता है, क्या करता है, और क्या होने वाला है, यह तो ऊपर वाला ही जानता है। इस इनफॉरमेशन को अपने अच्छे दोस्तों के साथ ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।

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