दोस्तो महानुभाव 200 वर्ष पूर्व गुजरात के देवायत पंडित अपनी पत्नी से भविष्य में आने वाले समय का संकेत देते हुए कहते हैं कि- Devayat Pandit ने भविष्य में क्या होने जा रहा है इसका संकेत देते हुए अपनी पत्नी से कहते हैं हे देव लदे। तुम मेरी बात गौर से सुन लो, हमारे गुरु महाराज ने दया करके हमें बताया है वह सच होने वाला है कोई गलत नहीं है।
देवायत पंडित की भविष्यवाणी
देवायत पंडित दांडो, दाखवे सूण दवेलदे नार।
आपाणा गुरुवे सत्य भाखीयू, जूठू नहीं ते लगार।
लख्याने भाख्या सोइ, दिन आवशे।
पहिला पहिला पवन फरकशे, नदीए खलकशे नीर।
उत्तर दिशाथी साहेबो, आवेशे, मुखे हनुमो वीर।
पोरो आव्यौ खरो पापनी, धरती भागी छे भोग।
केटलाक खडगे संहारशे, केटलाक मरेश रोग।
कांकरीये तंबू ताणशे सौ सौ गावनी सीम।
रुडी दिशा रेणी या मणी, आवशे अर्जुन ने भीम।
धग्नी ऊपर हेमर हालशे, सोना नगर मौजार ।
लक्ष्मी लुटांशे लोकोतणी, तेनी बुम नहीं केवार।
सरस्वती ने साबरमती, वचमांथसे संग्राम।
कायम कलिंगाने मारशे, धरशे नकलंग नाम ॥
वानां पुस्तक खोटां थइजशे, खोटा काजी नांकुरान । असलजादी चुडो पहेरश, अ अगमनां अँ घाण।
उत्तर दिशाथी साहेबो आवशे, जागो जुगना वीर।
कलयुग उथापी सतयुग थापसे, वोल्या देवायत पीर ।
अर्थ: Devayat Pandit Bhavishyvani
मेरे गुरु ने सत्य सत्य पर लिखा बताया और वे दिन अब जरूर आयेंगे। पहले पहले वायु और जो बहेगा और नदियों में भारी बाढ़ आएगी। उत्तर दिशा से महापुरुष आएगा जिसके मुंह पर राम वाणी होगी।
पाप बढ़ गए। कितने युद्ध में संहार हो जायेंगे और कितने लोग रोग बीमारियों से मरेंगे। जब वह साहेब आएगा तो कंकरिया (अहमदाबाद शहर के बीच में तालाब) के अगल बगल में तब्बू और शामियाने लगेंगे और उसी शोभा चारों ओर चारों ओर से बहुत भली लगेगी।
ऐसी लगेगी की 100 सौ गांव के साथ वस बए हैं। वहां अर्जुन और भीम जैसे भक्तजन सेवक भी आएंगे। उस समय क्या होगा ? धरती पर ऊपर से अस्त्र शस्त्र गिरेंगे और नगर के नगर उजड़ जायेंगे और सुने ही जायेंगे।
कलयुग को हटाकर सतयुग की स्थापना
उस वक्त लोगों की लक्ष्मी की लूटपाट बहुत होगी जिसकी कोई सीमा नहीं रहेगी। जब वो साहेब यहां आयेगा तो यह सब बातें होने वाली होंगी। सरस्वती और साबरमती नदी के बीच में भयंकर युद्ध होगा और बाद में वो कलयुग की पूर्ण समाप्ति कर देगा और निष्कलंकी अवतार देखने को मिलेगा।
प्राचीन शास्त्र पुरान कुरान जो आडंबर के रुप बन चुके है वो गलत हो जायेंगा । रुढ़िवादितायें समाप्त होगी और न बातें सच्चा या सामने आयेगी । प्राचीन परम्परावादी धर्मावलम्बियों का समय आयेगा और वे महान कार्य करेगें ।
उत्तर दिशा में वह साहेब आएगा और कलयुग को हटाकर सतयुग की स्थापना करेगा जो उसकी शरण लेंगे उनकी रक्षा हो जाएगी।
भारत एक ऐसी वैज्ञानिक प्रणाली विकसित करने जा रहा है जिसके आगे कंप्यूटर और हथियार फेल हो जाएंगे। अब शांति और प्रेम के इसी झंडे का अभिनंदन करना होगा, जो मानव मात्र के लिए ईश्वरीय वरदान है।
महर्षि विवेकानंद ने लिखा
इसी के संबंध में महर्षि विवेकानंद ने लिखा है-” भारत का पुनरुत्थान होगा लेकिन शारीरिक शक्ति से नहीं वरन् आत्मा की शक्ति द्वारा। विनाश की ध्वजा लेकर नहीं वरन् शांति और प्रेम के ध्वज से।
मैं यहां सजीव दृश्य देख रहा हूं कि हमारी माता एक बार पुन नौयवन पुर्ण और पुर्व की अपेक्षा अधिक महामहिमन्वित होकर अपने सिहांसन पर विराजी है। शान्ति और आशीर्वाद के वचनों के साथ सारे संसार में इसके नाम की घोषणा कर दो।”
Admin: दो शब्द
महानुभाव सज्जन महात्मा अपनी दिव्य दृष्टि से, भक्ति की पावर से भविष्यवाणी करते हैं जो वास्तव में सटीक होते हैं। इस भारत भूमि पर महापुरुषों का अवतार हुआ है और आधर्म को मिटकर धर्म की स्थापना के लिए परमात्मा कोई न कोई पावरफुल शक्ति जरूर भेजता है। आशा है Devayat Pandit Bhavishyvani की भविष्यवाणी जरूर ज्ञान पूर्ण लगी होगी। पढ़ने के लिए धन्यवाद जय गुरुदेव और अधिक सत्संग वह भविष्यवाणी जरूर पढ़ें।
R- कहे गुरुदेव पुकार जमाना बदलेगा