गुरु कृपा से Brahma Vishnu Mahesh तीनों देवों से मिल सकते हैं। यह तभी संभव होगा जब हमें पूर्ण महात्मा मिल जाए, रास्ता बताने वाला मिल जाए और उनके बताए हुए रास्ते पर हम चल पड़े तो निश्चय ही हम तीनों देवताओं Brahma Vishnu Mahadev के दर्शन कर सकते हैं। इनके पिता माता के भी दर्शन कर सकते हैं। महात्मा सत्संग में सब कुछ बताते हैं, साथ में युक्ति भी बताते हैं, साधना भी बताते हैं, वह बताने वाला मिलना चाहिए वह भी पूर्ण महात्मा। चलिए सत्संग के माध्यम से इनके बारे में जानते हैं कि ब्रह्मा विष्णु महादेव कैसे मिल सकते हैं? कब संभव है? चलिए पढ़ते हैं। जय गुरुदेव,
Brahma Vishnu Mahadev
ब्रह्मा विष्णु महादेव तीनों देव है जो इस सांसारिक रचना के मालिक है। ब्रह्मा द्वारा रचा गया, विष्णु द्वारा रक्षा किया गया और शिव द्वारा संघार किया गया, सबकी अलग-अलग काम है और सबका अपना-अपना राज्य है। इसके अलावा इनके माता-पिता को देखा कि नहीं देखा?
इसके बारे में भी सत्संग के माध्यम से महापुरुष बताते हैं। brahma vishnu shiva या तीनों इनके माता-पिता भी है जो महात्मा सत्संग के माध्यम से बतलाते हैं चलिए आगे जानते हैं।
कुछ नहीं मालूम भुला दिया (Sabkuch Bhula Diya)
महात्मा आते है, कहते हैं भाई सामान तुमने पाया तुम भूल गये। तुम याद नहीं करते हो तुम इसमें, धन में, दौलत में, कुटुम्ब में, राज में, परिवार में, स्त्री में, बच्चे में, सबमें फंसे हुए हो। अब तुम क्यों नहीं याद करते हो?
तो कहते हैं भाई हम सम्पन्न हैं। सुखी हैं। हमको भगवान की जरूरत नहीं। हम Bhagwan को नहीं भजना चाहते हैं। हमको क्या जरूरत है भगवान की। तो जो कुछ सामान दिया बहुत है हमको जरूरत नहीं है। उससे कहा जाय तुमको यह सामान छोड़ना पड़ेगा, तो कहने लगे ठीक है, छोड़ना पड़ेगा तो फिर चले जायेंगे।
लो, यहीं तक आप ने खतम कर दिया। अब आप से कहते है, तुमको क्या मालूम बेचारों को कि भाई सामान जब तुम छोड़ोंगे तो कहाँ जाओगे। वहाँ जाने के बाद यह सामान मिलेगा कि नहीं यह कुटुम्ब, परिवार, सम्बन्ध, तुम्हारा होगा कि नहीं यह तुमको कुछ नहीं मालूम। बस! उन्होंने भुला दिया।
जाल से बचाने के लिए Mhatma khoje
तुम उसी भूल में चले जाते हो। कोई आवाज लगाता है, अरे भाई, तुम भूल में जा रहे हो उधर जाकर और फंस जाओगे उधर से इधर लौट आओ, तो आप जवाब देते हो जाइए। फिर वह बात नहीं करता। लीजिए तो इन लोगों ने तुमको फंसाया और तुम अब भी नहीं चेतते हो तुमको होश ही नहीं है।
तो महापुरुष आकर इनके जाल से बचाने के लिए और भूल और भर्म से छुड़ाने के लिए महात्मा कहते हैं कि यह रास्ता तुम्हारे छुटकारे का है। आँखों के पीछे यहाँ आओ और यहाँ से रास्ता तुम चल पड़ो। भाई तुम्हारा छुटकारा इनके जाल से हो जाये।
भाई, भोग भी छूट जायेंगे। इन्द्रियों से मन भी ऊपर हो जायेगा विकारों से और फिर आँखों के सामने बैठकर के, फिर ऊपर को चल पड़ो। फिर रास्ता भी तुमको नजर आयेगा। यह तो रास्ता तुम्हारे छुटकारे का है। अरे! यह तो रास्ता तुम तय नहीं करते हो, तो तुम्हारे बन्धन का रास्ता है।
गुरु बिन भव निधि (GURU BIN SAMBHAO NAHI)
तुम्हें फंसाए है अंधेरे में। पीछे में अंधेरा, अंधकार है। पर आँखों के ऊपर में है। हम प्रकाश को पाते नहीं, फिर आगे छुटकारा होता नहीं अंधेरे में रहते हैं। हम उनके जाल में फंसे रहते हैं अब हम विचारों को क्या मालूम? कथा पुराण अनेक सुनें, गीता रामायण अनेक दफा पढ़ा, लेकिन फिर भी कुछ नहीं होता क्योंकि सतगुरु नहीं मिला। कहते हैं कि
गुरु बिन भव निधि तरै न कोई,
जो विरंच शंकर सम होई।
गुरु के वगैर आप पार जाना चाहते हो, नहीं जा सकते हो। क्यों? कि गुरु के वगैर इस जाल में फंसे रहोगे। गुरु मिल जायेगा तो तुमको पार ले चलेगा। भाई इस पार से उस पार। इन्द्रियों की, भोगों की तमाम संसार के—फँसने की है। इससे ऊपर चलो।
भाई प्रकाश में आओ। फिर प्रकाश में आकर जैसे यह प्रकाश है वह ऐसा है कि बन्द नहीं होता। वह ऐसा है कि आपके लिए कनेक्शन उससे जोड़ने की कोई जरूरत नहीं है। भाई बगैर कनेक्शन के प्रकाश हो रहा है। फिर क्या जरूरत बिजली के तारों और खम्भों की?
Brahma Vishnu Mahesh मिल सकते हैं
गुरु से हमने रास्ता लिया अब हम उस रास्ते पर चल पड़े, करते-करते अभ्यास जब उस मालिक की दया और कृपा से दिव्य दृष्टि खुलेगी। तब हमें सब कुछ दिखाई देगा। जब गुरु की कृपा से दिव्य दृष्टि खुलती है तो ब्रह्मा विष्णु महेश सब कुछ दिखाई देते है। यह तभी संभव हो सकता है जब मैं पूर्ण गुरु मिल जाए, यह रास्ता तुम्हारा उस मालिक के पास गया हुआ है मिलने के लिए और तुम इनके जाल में फंसे पड़े हो,
जाल बिछाया जग में भारी।
इनकी पूजा जीव संवारी।
अच्छा अब बतलाओ, अगर यह चेतन यह भी न मिले तो फिर आप बाहर पूजा करते हो किसकी? जड़ की। यह चेतन है यह भी इसी रास्ते में मिलेंगे जब तुम रास्ते में चलने लगोगे यह भी रास्ते में बैठे हैं brahma vishnu mahesh अगर पीछे से चलेंगे किसकी?
गुरु की हिदायत से गुरु की कृपा से तब ब्रह्मा, विष्णु, महादेव भी आपको चेतन मिल सकते हैं। क्योंकि नारद जी का यही रास्ता था। आँखें बन्द की उन्होंने और एक मिनट भी नहीं लगता था ब्रह्मलोक में पहुँच गये शिव लोक में पहुँच गये और बड़े-बड़े लोक हैं।
उनमें जाकर भ्रमण कर आए फिर इसके बाद में आँखें खोली तो आ गए इस रास्ते में तो आपको ब्रह्मा, विष्णु, महादेव और शिवशक्ति तो आपको मिल जायेगी लेकिन अगर आप चाहो कि आँखों के पीछे रास्ता चलना न पड़े तो यह आप को मिलते भी नहीं।
निष्कर्ष
ऊपर दिए गए सत्संग आर्टिकल के माध्यम से आपने यह जाना कि Brahma Vishnu Mahesh कैसे मिल सकते हैं? किन की कृपा से मिल सकते हैं, पूर्ण गुरु यदि हमें मिल जाए तो यह संभव हो सकता है और हम यदि उनके बताए हुए रास्ते पर चल पड़े तो हम निश्चय ही ब्रह्मा विष्णु महादेव से मिल सकते हैं। आशा है आपको ऊपर दिया गया सत्संग जरूर अच्छा लगा होगा। पढ़ने के लिए धन्यवाद, जय गुरुदेव मालिक की दया सब पर बनी रहे।
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Last Updated on 23, January, 2023