Last Updated on September 18, 2023 by Balbodi Ramtoriya
महानुभाव सादर जय गुरुदेव, बाबा जयगुरुदेव प्रार्थना की Prthna के अंतर्गत हम आज आपके साथ बहुत ही बढ़िया श्रद्धा भाव से प्रार्थना करने योग्य, प्रार्थना आपके साथ सांझा कर रहे हैं इस प्रार्थना को आप याद कर सकते हैं और बड़े ही श्रद्धा भाव से अपने गुरु के चरणों में अपने भाव अर्पित कर सकते हैं। इस प्रार्थना या लिरिक्स को पढ़ने से पहले हम अपने हृदय से गुरु महाराज के लिए आम भाषा में प्रार्थना कर सकते हैं। तो चलिए स्टार्ट करते हैं कुछ सिद्धा भाव एवं गुरुदेव तुम्हारे चरणों में शत कोटि प्रणाम हमारा है इस लिरिक्स को पड़े हैं। तो चलिए हम इस प्रार्थना की शुरुआत करें।
हे गुरुदेव शत कोटि प्रणाम हमारा
गुरुदेव तुम्हारे चरणों में शत कोटि प्रणाम हमारा है यह बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के प्रेमियों द्वारा गाए जाने वाली बहुत ही प्रसिद्ध प्रार्थना है। इस प्रार्थना में एक भक्त अपने इष्ट परमपिता परमेश्वर, गुरुदेव से प्रार्थना करता है कि हे गुरुदेव में तुम्हारे चरणों में बारंबार प्रणाम करता हूँ।
मेरी नैया, मेरी जीवन की नैया को पार लगा देना। मुझे मुक्ति और अपने दर्शन देना। आपने ना जाने कितनों को पार उतारा है। मुझे भी इस भवसागर से पार उतार देना। हे परमपिता, हे गुरुदेव, तुम समरथ पिता हमारे हो मैं एक कुटिल बुद्धि का बालक हूँ।
मुझे अपनी गोद, य चरणों में बैठा लेना। क्योंकि आपके हाथ बहुत लंबे हैं, आप दाता हैं, यदि हे गुरुदेव मुझे संसार की ज्वाला प्रहार करती हैं, काम, क्रोध, मोह, लोभ, अहंकार तमाम प्रकार के विकार यदि हम पर प्रहार करते हैं। तब भी आपका ध्यान करने से मेरी अंतरात्मा बहुत शीतल होती है।
हे गुरुदेव तुम्हारे चरणों में
इस संसार में कई प्रकार की आंधी या एक प्रकार की समस्याएँ आती हैं। कई प्रकार की परेशानियाँ आती हैं। जो हम को हिला देती हैं, हमें अपने मार्ग से अलग भटका देते हैं। लेकिन हे गुरुदेव आपकी एक मुस्कान हमारे जीवन के लिए सहारा दे जाते हैं।
हे गुरुदेव मेरा ह्रदय गदगद हो जाता है। जब परेशानियों में आपका सहारा मिल जाता है। हे स्वामी आपकी यह मूर्ति झांकी मैं सदा देखता रहूँ यही मेरी जीवन की मन्नत है। मैं बारंबार प्रणाम करता हूँ, गुरुदेव शीश झुका कर और मेरा विश्वास है कि मैं अवश्य ही पार हो जाऊंगा।
यह प्रार्थना बाबा जयगुरुदेव की, जिसमें ऐसी बातों का प्रयोग किया गया है।जिससे हमारे अंदर एक प्रेम और विश्वास जागृत होता है। अपने गुरु के प्रति और हमारी प्रार्थना जरूर गुरुदेव सुनते हैं। अब आप “गुरुदेव तुम्हारे चरणों में शत कोटि प्रणाम हमारा है” इस जयगुरुदेव लिरिक्स को पढ़ें और याद करें। इस लिरिक्स को आप पढ़ेंगे। गुरुदेव तुम्हारे चरणों में शत कोटि प्रणाम हमारा है।
गुरुदेव तुम्हारे चरणों में शत कोटि प्रणाम हमारा प्रार्थना
गुरुदेव तुम्हारे चरणों-में सतकोटि प्रणाम हमारा है।
मेरी नइया पार लगा देना, कितनों को पार उतारा है॥
मैं बालक अबुध तुम्हारा हूँ तुम समरथ पिता हमारे हो।
मुझे अपनी गोद में बिठा लेना, दाता लो भुजा पसारा है।
यद्यपि संसारी ज्वालायें हम पर प्रहार करती जाती हैं।
पर शीतल करती रहती हैं तेरी शीतल अमृतधारा है॥
जब आँधी हमें हिला देती, ठण्डी जब हमें कँपा देती।
मुसकान तुम्हारे अधरों की दे जाती हमें सहारा है॥
कुछ भुजा उठाकर कहते हैं, कुछ महामंत्र-सा पढ़ते हैं
गद्गद् हो जाता हूँ, स्वामी मिल जाना बड़ा सहारा है॥
उस मूर्ति माधुरी की झाँकी यदि सदा मिला करती स्वामी।
सौभाग्य समझते हम अपना कौतूहल एक तुम्हारा है।
मैं बारम्बार प्रणाम करूँ चरणों में शीश झुकाता हूँ।
मैं पार अवश्य हो जाऊँगा तुमने पतवार सँभारा है॥
गुरुदेव तुम्हारे चरणों-में सतकोटि प्रणाम हमारा है।
पोस्ट निष्कर्ष
महानुभाव आपने ऊपर दिए गए कंटेंट में “गुरुदेव तुम्हारे चरणों में शत कोटि प्रणाम हमारा है” इसके सिद्धा भाव पढ़े और साथ में आपने इस प्रार्थना को पढ़ा। आशा है आपको ऊपर दी गई प्रार्थना जरूर अच्छी लगी होगी और गुरु महाराज का आशीर्वाद सबको प्राप्त हो। आप अपने दोस्तों और अच्छे लोगों के साथ इस प्रार्थना को शेयर बटन पर क्लिक करके अपने सोशल नेटवर्क पर शेयर करें। जय गुरुदेव
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