Kalyug In Hindi || कलयुग के बाद || कलयुग में सच्चे नाम की महिमा

महानुभाव कलयुग का अर्थ (Kalyug Meaning) क्या होता है? नाम की महिमा क्या है? और kalyug ke bad kaun sa yug aaega यह महात्माओं ने अपने सत्संग के माध्यम से सब कुछ बताया है। आप इस छोटे से सत्संग आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे, कलयुग के बारे में कलयुग में नाम की महिमा और कलयुग के बाद सतयुग चलिए पढ़ते हैं;

Kalyug In Hindi
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सबसे पहले कलयुग के बारे में समझते हैं कलयुग का मीनिंग (Kalyug Meaning In Hindi) अथवा सीधा अर्थ होता है। आज करो कल पाव, या कलयुग आने वाला युग (समय) , आज हम जो भी कर्म करेंगे उसका फल कल आने वाले समय में मिलने वाला है कलयुग का सीधा सरल अर्थ है। महात्मा ने इसको और अच्छी तरह से समझाया है जिसे चलिए आगे जानते हैं उन्होंने कलयुग के बारे में क्या कहा? पढ़ते हैं;

कलयुग में ही नाम महिमा है

(सतसंग राजस्थान 13 जनवरी सन् 1971) अरे भाई, यह कलयुग नहीं यह तो “कर युग” है। कलयुग का मतलब नहीं कर युग है। इसमें तो जल्दी तत्क्षण यह काम होता है। इसका तो प्रमाण है। कहते हैं कलयुग में नाम तो तत्क्षण मिलेगा। यह नाम की महिमा है कि नाम कलयुग में प्रगट होगा और प्रगट है और युगों के नाम की महिमा है।

नाम की महिमा और युगों में नहीं आई। यहाँ तो महात्माओं ने Kalyug में ही नाम को प्रगट किया है। नाम प्रत्यक्ष मिलेगा और प्रगट करना चाहते हैं और नाम को आज सुनना चाहते हैं और अखण्ड ध्वनि प्रगट करना चाहते हैं तो थोड़ा-सा आपको साधन करना पड़ेगा।

वह भी साधन ऐसा है कि निमित्त मात्र।

कोई ऐसी कठिनता नहीं स्त्री-पुरु को। सब कर सकते हैं। लेकिन फिर भी नहीं। अब भी उनको इस बात का सन्देह है कि कलयुग में यह नहीं हो सकता। आँख नहीं खुलेगी, कान नहीं खुलेगा और कलयुग में यह आनन्द नहीं मिलेगा। क्या ये महात्मा सतयुग में हुए थे या त्रेता में या द्वापर में हुए थे? वे तो अभी कलयुग में हुए थे।

तो KALYUG में ही सब कुछ हो सकता है और युगों में नहीं। पर आज हमें विश्वास नहीं होता है। इसलिए सिनेमें में विश्वास है। इनकी शक्लों से विश्वास है। उसमें समझते हैं कि रस और आनन्द आता है उसमें विश्वास हो सकता है और बाकी यह है जो कुछ नहीं दे सकता है उसमें विश्वास है। फिर ऐसे ही गुरु चाहते कि जिसके पास कुछ न हो उन्हीं के पास में आप जाते हैं तो मिलेगा क्या आपको। कुछ नहीं मिल सकता आप बेफिकर रहें।

कहते हैं कनफूका गुरु हद्द का वेहद्द का गुरु और। वेहद्द का जब गुरु मिले लगे ठिकाना ठौर॥ आपका ठौर ठिकाना तभी लगेगा जब बेहद का कोई गुरु मिल जायेगा।

Kalyug ke bad kaun sa yug aaega?

एक सर्कल के अनुसार सतयुग, द्वापर, त्रेता और कलयुग इन चारों के क्रमानुसार कलयुग के बाद सतयुग आएगा। यह विधान ग्रंथों और महापुरुषों ने कहा है। क्योंकि जो भी सद ग्रंथ होते हैं वह पूर्ण महापुरुषों की दिव्य दृष्टि के अनुसार लेख लिखते हैं। इसलिए कलयुग के बाद सतयुग आएगा।

निष्कर्ष:

Mahanubhao ऊपर दिए गए सत्संग आर्टिकल के माध्यम से आपने Kalyug In Hindi कलयुग के बारे में कुछ महत्त्वपूर्ण रोचक जानकारी पढ़ी। इसका Meaning भी समझा, साथ में कलयुग की कुछ अद्भुत सच्ची Kahani के बारे में जाना। आशा है आप को ऊपर दिया गया सत्संग का जरूर अच्छा लगा होगा। अपने प्रेमियों के साथ शेयर करें, जय गुरुदेव मालिक की दया सब पर बनी रहे।

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