सोचो! जब स्वांसों की पूंजी खत्म होगी तब क्या होगा? बाबा जी का संदेश

जब हमारी सांसो की पूंजी खत्म होगी, तब हमारा क्या हाल होगा? यह महात्मा सब कुछ अपने सत्संग के माध्यम से बतलाते हैं परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने सत्संग में बताया है कि जब इस मनुष्य शरीर की सांसो की पूंजी खत्म होती … Read more

आगे समय खराब आ रहा है संभल जाओ नहीं समझोगे तो भोगना पड़ेगा

जय गुरुदेव, महापुरुषों ने अपनी भविष्यवाणी में सब कुछ साफ कहा है कि आने वाला समय भयानक होगा, उस भयानक समय की संभाल कैसे करना है महापुरुषों ने सत्संग के माध्यम से सब कुछ बताया है। आगे समय खराब आ रहा है महापुरुष कहते हैं … Read more

मरने के बाद जीवात्मा (Jivatma) कहाँ जाती, स्वर्ग भी है नर्क भी है, कृष्णा ने गीता में कहा

Marne Ke Bad Jivatma

Marne Ke Bad Jivatma: महात्मा अपनी दिव्य दृष्टि से संसार और भगवान को देखता है और उनका दरबार करता है। क्योंकि महात्मा अंतर्यामी होते हैं वह अपनी दिव्य दृष्टि से स्वर्ग नरक सब कुछ देखते हैं और यह मनुष्य शरीर मरने के बाद जीवात्मा (Marne … Read more

हम कहाँ से आए रचना का विस्तार जाने महापुरुष क्या बताते हैं? आध्यात्मिक सत्संग

आध्यात्मिक सत्संग: हम कहाँ से आए रचना का विस्तार जाने महापुरुष क्या बताते हैं? सृष्टि की उत्पत्ति, पृथ्वी की उत्पत्ति मनुष्य जीवात्मा समस्त भूमंडल की रचना का विस्तार कैसे हुआ? महापुरुषों ने आध्यात्मिक सत्संग में सब कुछ बताया है जानते हैं महापुरुष क्या कहते हैं … Read more

मानव शरीर में बैठी जीवात्मा एनी सुरत कैसी दिखती है महापुरुष बताते हैं

सुरत कैसी: जय गुरुदेव महानुभाव, संत महात्मा ने surt शब्द का बखान किया और उसका दर्शन दीदार किया और लोगों को करा रहे हैं।ऐसे पूर्ण महात्मा कि यदि हम खोज करेंगे तो वह हमारी सुरत यानी जीव आत्मा का साक्षात्कार जरूर करवाएंगे। ठीक ऐसे ही … Read more

सच्चे परमार्थ को प्राप्त करने के लिये भजन या ध्यान के समय जरूरी बातें

सच्चे परमार्थ को प्राप्त करने के लिये भजन या ध्यान के समय प्रेम और प्रीति के साथ अभ्यास करना चाहिए, ताकि ध्यान और भजन के समय संसार के विचार मन में ना आवे। महापुरुषों ने सत्संग में लोगों को सब कुछ बताया है कि सच्चा … Read more

लापरवाही और भूल के कारण भक्ति में विघ्न डालते, महात्माओं का कथन

महात्माओं का कथन है किं जीवों के सन्त मत में सम्मिलित होने निमित्त अनुचित और असत्य भ्रम तथा भय कारण से, लापरवाही और भूल के तीन कारण भक्ति में विघ्न डालते, तीनों कारण परमार्थ की घोर कमी, यदि कोई सच्चे परमार्थ कमाना चाहता है तो … Read more