Manushya Sharir में सोचा है कि हम कहाँ से आए और कहाँ जाएंगे
नर नारियो ये समय बड़े सौभाग्य से मिला है। Manav Sharir mein रहकर कभी सोचा कि मैं कहाँ से आया और कहाँ जाऊँगा? जब जीवात्मा को निकाल करके बाहर करेगा अपना मकान ले लेगा। फिर ये मनुष्य शरीर (Sharir) आप को नहीं मिलेगा। ये अमोलक मनुष्य शरीर (Manushya Sharir) है इसी शरीर में बैठकर ही … Read more