जीवन को ठग से बचाने के लिए thug life meaning महात्मा ने समझाया

महात्मा बड़े दयालु होते हैं वह किसी भी जीव के जीवन को व्यर्थ या फिजूल मैं गमाने के लिए नहीं कहते हैं। यह संसार ठगनी है और इस ठग से बचने के लिए महात्माओं ने सब कुछ बताया है। thug life meaning, ठग (smoothie) का अर्थ क्या है? इस जीवन को कैसे व्यर्थ फिजूल से बचे, यह आप सत्संग लेख के माध्यम से जानेंगे। चलिए जानते हैं कैसे हम अपने जीवन को सेफ रख सकते हैं स्टार्ट करते हैं;

जीवन को ठग से बचाने के लिए thug life meaning
जीवन को ठग से बचाने के लिए thug life meaning

Thug Life Meaning Hindi

मैं अपनी भाषा में ठग मीनिंग (thug life meaning) के बारे में बताना चाहता हूँ। ठग होता है किसी को नुकसान पहुँचाना, किसी को इस बात की भनक भी नहीं लगती है और हम किसी से लाभ अर्जित करते हैं या यूं कहें किसी की आंखों में धूल झोंकना हम Thug मान सकते हैं या ठग लाइफ कह सकते हैं। जब इंसान किसी को thugta है तो उसे उसके बारे में कोई ज्ञान नहीं होता है सामने वाला चतुर और चालाक होता है और हम से वह लाभ अर्जित करता है।

Life में किसी को किसी प्रकार की जानकारी भी ना लगे और उस के माध्यम से लाभ अर्जित करें तो यह ठग है। Thug Life से कैसे बचना है महात्माओं उदाहरण के तौर पर सब कुछ समझाया है चलिए आगे बढ़ते हैं। बतलाइए आप, तो यह लोग हमेशा से भूले रहे और जो भूले रहे हमेशा पक्षपात करते रहे और सतपुरुष और महापुरुषों के पास न खुद गए और न दूसरों को जाने दिया।

रामायण में भी कहा:

आप गए और घालहिं आनहिं। जो सद्मारग प्रतिपालहिं॥

सच्चे रास्ते पर जाने वाले को भी रोकते (thug sahi raste se rokte)

गोस्वामी जी महाराज साफ बयान करते हैं जो सत्तपुरुष के रास्ते पर नहीं जाते हैं तो आप तो जाते ही गढ्ढे में, भूल और भरम में, लेकिन सच्चे रास्ते पर जाने वाले को भी रोकते हैं। तुम कहाँ जाते हो भाई? इधर रास्ता बिल्कुल गलत है। इधर आओ इस तरफ को। आप को। आप तो उस गलती में पड़े हैं और दूसरों को भी फंसाना चाहते हैं।

तो क्या गोस्वामी जी महाराज ने यह चौपाई क्या गलत कह दी? ठीक कहा उन्होंने। पह वही दशा आज भी, पहले भी पीछे भी रही और हो सकता है आगे अगर समय अच्छा आया तो ठीक है, वर्ना अभी तो हैं ही। कोई बात नहीं। आयेगा समय। महापुरुषों की अगर प्रेरणा होगी तो जरूर आयेगा।

या से मैं तो को समझाऊँ। यह सब ठग खुल कर बतलाऊँ॥

जितने महापुरुष कहते हैं, भाई मैं तुमको खोल-खोल करके समझाता हूँ ये ठग (Thug) हैं। राह रकना में ये बैठे हुए हैं, वहाँ हमको ठगते हैं। इसी तरह से जो परमार्थ के रास्ते से रोके, चाहे वह स्त्री हो पुरुष हो, चाहे बच्चा हो, चाहे बूढ़ा हो, वह ठग नहीं तो और क्या है? जो सच्चे रास्ते से रोकता है पक्का ठग (Pakka Thug) है। वह अपना समय तो ठग गया लेकिन दूसरा जो समय देने जा रहा है, उस मालिक की प्राप्ति के लिए उसको भी ठग लेते हैं। हम नहीं जाने देंगे इसको।

समय को भी ठगना (time ko thugna)

भाई और क्या है? आप ने उसका समय खत्म कर दिया। उस दिन जो मैंने तारीफ की थी मैंने किसी की कोई निन्दा नहीं की। मैंने लोगों के स्वभाव बयान किये कि वे जिनकी अवस्था जीर्ण हो जाती है वह अपने आप तो समय खत्म कर चुके हैं। अपने समय को तो वे ठग गये क्योंकि समय नष्ट कर दिया। वह thug गया और जब दूसरा, समय अच्छे काम में देना चाहता है तो उसके समय को भी ठगना चाहते हैं।

इस भाव से मैंने कहा था कि मैं उनका, जो वृद्ध हो गये, मैं उनका दुश्मन हो गया। यह मेरा भाव नहीं था। यह जवानों के लिए भी है। अगर सच्चे रास्ते से दूसरों को भी नहीं जाने देते हो तो तुम भी ठगहो। अपने समय को, तुम खुद ठग रहे हो। तुम अपने आप को thug रहे हो। दूसरों को तुम क्या ठग (smoothie) सकोगे? तो जो अपना समय नष्ट कर देता है, बर्बाद कर देता है, वह खुद ठग-ठग है। तो ऐसी हालत महापुरुषों ने आप के सामने पेश किया है।

इनके मारग तू मत जाय। तू संतन की शरण समाय॥

बड़े प्यार से समझा रहे हैं। ऐ प्राणी, ऐ जीव तू इनके मार्ग में मत जा। ये thug हैं। ठग लेंगे। रास्ता तेरा छक करके बैठ जायेंगे। तुमको आगे मालिक के यहाँ जाने नहीं देंगे। ये ठग हैं तू इनके मार्ग में मत जा। तू संतन की शरण समाय।

जाल से बच जायेगा (Thug Se Bachan)

ऐ भाई प्राणी, तू किसी महापुरुष की शरण में जाकर बैठ और वहाँ से कुछ सबक ले ले। इनके जाल से तू, ठग (Thug) से, बच जायेगा, तुझे रास्ता मिल जायेगा। अरे भाई तू घर में पहुँच जायेगा। महापुरुषों की संगत सोहबत से रास्ता तुम्हें मिलेगा, इसलिए तू इनके मार्ग में मत जा। भाई

अगर स्त्री, बच्चा, कुटुम्ब, परिवार दोस्त और मित्र जो परमार्थ से रोके, वह पक्का दुश्मन है। मैं उनके लिए कहता हूँ जो परमात्मा के तरफ चलने से रोकते हैं। वह दुश्मन नहीं और क्या हैं। मैं तो कहूँगा कि वह उनके लिए रावण हैं कि वह राम का भजन नहीं करने देते। राम के पास जाने नहीं देते। राम के पास जाने नहीं देते फिर रावण नहीं और क्या हैं? जो भजन न प्रभु की करने दे, भाई वह सवण है। उसी को कहते हैं

दुष्ट संग न देय विधाता। याते भलो नरक कर बासा॥

हे प्रभु तुम ऐसे लोगों को सामने मत खड़ा करो जो आपके रास्ते में रोड़ा बन जाय और मुझको जाने न दे। भाई यह तो महापुरुषों की विद्या है, शिक्षा है, जो हमारे सामने पेश करते हैं तू इनके मार्ग पर मत जा। जा तू किसी महापुरुष के चरणों में बैठा जा करके। वहाँ में, पहुँचकर के तू ठगों से बच जायेगा।

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निष्कर्ष:

ऊपर दिए गए सत्संग लेख के माध्यम से Thug life meaning, ठग लाइफ का अर्थ, thug से कैसे बचना है? इसके बारे में महात्माओं ने कुछ उदाहरण दिए जो आप सत्संग लेख के माध्यम से padha. आशा है आपको यह पोस्ट जरूर अच्छी लगी होगी। पढ़ने के लिए धन्यवाद हमारे और सत्संग पेजलिस्ट पढ़े जिसमें आपको तमाम प्रकार के सत्संग पढ़ने को मिलेंगे।

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