महानुभाव खुदा का हुक्म महापुरुषों ने सब कुछ बताया है उन्होंने भगवान की बात रखी खुदा, अल्लाह, गॉड, ईश्वर, राम, कृष्ण, रहीम सब की बात मानव जाति के सामने रखी। खुदा की रुहों पर दया करो, यह रुह परमेश्वर की है उन पर दया करो, इस प्रकार से महात्माओं ने सब कुछ समझाया है जानते हैं खुदा का हुक्म क्या है? मानव जाति के लिए,
ईसामसीह, राम, मोहम्मद क्यों आए
मगर एक बात सोचने की है कि मोहम्मद साहब क्यों आए यह मुसलमानों को सोचना है। राम क्यों आए यह हिन्दुओं को सोचना है। ईसामसीह क्यों आए वह ईसाईयों को सोचना है। तीनों धर्मों, मजहबों की किताबों में, पुस्तकों में क्या लिखा हुआ है कि जब हर धर्म के लोग हर जाति के लोग अपने-अपने मानव इन्सानी कामों से दूर हो जाते हैं, मानव धर्म से दूर चले जाते हैं या जानवर या पशुओं जैसा मनुष्यों, इन्सानों का काम होने लगता है, इसको देखें:
किताबों में लिखा हुआ
धर्म की स्थापना, हकीकत को बताने के लिए कोई न कोई आपके सामने हर समय आया। मुसलमानों की किताबों में लिखा है कि मुसलमान भाई अपने मजहब, ईमान, अपनी हकीकत से जब दूर हो जायेंगे तो चौदहवीं सदी के अन्त में एक फकीर खुदा का पैगाम लेकर जमीन पर उतरेगा और सारी इन्सान जाति को इन्सानियत का, हकीकत का पैगाम सुनायेगा।
कुरान में क्या लिखा हुआ है? कि वह फकीर सबको पैगाम खुदा का सुनायेगा। उन किताबों में लिखा हुआ है हजारों वर्ष पहले। ऐसा मालूम होता है कि फकीर हजारों वर्ष आगे की चीज देखते हों जैसे अभी दिखाई देती हों। जब वह फकीर खुदा का पैगाम इन्सानों को सुनाने का काम शुरु करेगा उस समय हिन्दुस्तान की गाँव-गाँव की सड़कें काली हो जाएंगी।
क्या आपको कभी इस तरह की हकीकत का पता था? ईसाइयों की किताबों में लिखा हुआ है कि मैं जा रहा हूँ बाप के पास, दुबारा फिर आऊँगा। तुम लोग इबादत करते रहना और गरीबों की सेवा करते रहना।
जब धर्म लोप हो जाएगा
हिन्दुओं की किताबों में लिखा हुआ है कि जब धर्म लोप हो जाएगा, सत्य, प्रेम और न्याय से लोग दूर हो जायेंगे, लोगों के हृदय में दया नहीं, अपने ऊपर, महात्माओं पर, किताबों पर कोई विश्वास नहीं रहेगा और भगवान का भी विश्वास खो बैठेंगे,
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भारत भूमि पर एक महान आत्मा का जन्म
ऐसी अवस्था में भारत भूमि पर एक महान आत्मा का जन्म होगा। आगे बहुत कुछ होने वाला है। सूखा, अकाल, भुखमरी, महँगाई, टैक्सों की बढ़ोत्तरी, महामारी, भूकम्प, कोलाहल, कोहराम और जनमानस में अकारण हत्याओं के ऐसे क्रूर आतंकित दृश्य जो देखें नहीं भविष्य में आने वाले हैं।
आने वाले भयावह मार्ग को यदि बदलना चाहते हैं तो समदर्शी, सम-मानव पुरुष जिस्मों में रहने वाली रूहों को जानने वाले फकीर, इन सबकी खोज शुरु कर दीजिए।
कुशल राजनीतिक वही है जो अच्छे लोगों से इमदाद यानी मदद ले। भौतिक शान्ति सद्भाव के लिए, राष्ट्रीय एकता के लिए, राष्ट्रभक्ति, धर्मनिरपेक्षता और प्रजा की हिफाजत के लिए आप लोग इन दिनों चूक गए तो आने वाले
खुदा का हुक्म है
समय में पछताना पड़ेगा। मुसलमानों को खुदाई हुकुमनामों पर यकीन भी करना है और गौर भी करना है: खुदा का हुक्म है-सब जिस्मों में मेरी रुहे हैं। जो मेरी रुहों पर जुल्म करता है मैं उसे सजा देता हूँ। मुझे जानना चाहते हो और मेरा दीदार करना चाहते हो तो जिस्मों में रहने वाली रुहों पर रहम करो और सबकी खिदमत करो तब तुम्हारा जिस्म पाक होगा और इबादत की ख्वाहिश होगी।
भगवान का आदेश
हिन्दुओं! भगवान का आदेश है-यदि मुझे पाना है तो मानव शरीर में मेरी आत्मायें रहती हैं, निष्कपट, नि: स्वार्थ होकर उनमें मुझे मानकर उनकी सेवा करो। ईट-पत्थरों, पेड़-पालव में क्या लड़ते हो? मानव शरीर में चेतन परमात्मा की जीवात्मा रहती है उसको पहचानने के लिए उन महापुरुषों के पास जाओ जिन्होंने अपने आपको पहचाना और भगवान का साक्षात्कार किया।
वह तुम्हें रास्ता बतायेंगे। यदि चूक गए तो समय पूरा होने पर यमदूत सीधे घसीट कर तुम्हें नर्कों में ले जायेंगे और कोई तुम्हारा साथ न दे सकेगा। हाय-हाय करके चिल्लाओगे।
बाबा जी अनुरोध करते हैं कि अपनी रुह पर रहम करो, अपनी जीवात्मा पर दया करो। सन्त और फकीर सबके होते हैं। उनकी तरफ से किसी के लिए भेदभाव नहीं होता जैसे डॉक्टर सबके लिए होता है, कोई भी मरीज आए सबकी दवा करता है।
निष्कर्ष
महानुभाव ऊपर दिए गए सत्संग आर्टिकल में परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने पूर्व में दिए गए सत्संग में इस मानव जाति के लिए भविष्यवाणियाँ की और खुदा का पैगाम सुनाया। खुदा का हुक्म है कि अपनी रूह पर दया करो वह परमेश्वर का अंश है। सब कुछ महात्माओं ने सत्संग के माध्यम से सुनाया है। आशा है ऊपर दिया गया सत्संग आर्टिकल आपको जरूर अच्छा लगा होगा। मालिक की दया को प्राप्त हो, जय गुरुदेव।
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