महानुभव, हमारे शास्त्रों और संतों ने सदियों से गुरु की महिमा का गुणगान किया है। जीवन में एक सच्चे गुरु का मिलना दुर्लभ होता है, लेकिन जब मिल जाए तो उसका आशीर्वाद यानी “Guru Ki Drishti” इंसान के पूरे जीवन को बदल सकती है।

गुरु की दृष्टि केवल एक दृष्टि नहीं होती, यह आशीर्वाद, ऊर्जा, मार्गदर्शन और दिव्य ज्ञान का स्रोत होती है। आइए विस्तार से समझते हैं कि Guru ki drishti ka fal जीवन को कैसे प्रभावित करता है।
गुरु की दया दृष्टि (guru ki drishti)
प्रेमियों गुरु की दया दृष्टि जिसका वक्तव्य में अपने जीवन से जुड़ा हुआ आपको बताने वाला हूं, Me Balbodi Ahirwar सन 1999 गुरु महाराज के दर्शन के लिए मथुरा आश्रम गया | और जब गुरु महाराज ने मेरे सर पर हाथ रखा |
उसे समय मेरे लिए क्या अनुभव हुआ? मेरे शरीर का अद्भुत चमत्कार, मेरे मस्तिष्क के विकर, कैसे भस्म हुए यह ए अकथानिया है | मैं कह नहीं सकता, मेरे जीवन में क्या परिवर्तन हुआ |
वास्तव में गुरु भगवान की कृपा से मिलता है |
विन हरी कृपा मिलही नहीं संता
यह बात बिल्कुल संत महात्माओं ने 100% सत्य कही है | क्योंकि बिना भगवान की कृपा के गुरु (Guru ) नहीं मिल सकते हैं |
जब गुरु की दृष्टि हमारे ऊपर पड़ती है तो हमारे कर्मों की सफाई होती है | गुरु की दृष्टि से नूर बहता है यह हम आंखों से नहीं देख सकते, लेकिन हमारे मन के विकारों को दूर करने में बहुत ही सार्थक और लाभदायक होती है | guru ki drishti बहुत ही अमुक बात है.
1- गुरु की दृष्टि क्या होती है?
सजना बताना चाहता हूं कि गुरु की दृष्टि एक दिव्य ऊर्जा है, जो उनके शिष्य के जीवन को सकारात्मक दिशा देती है। यह दृष्टि केवल आंखों से देखने तक सीमित नहीं होती, बल्कि यह शिष्य के कर्म, सोच, व्यवहार और आत्मा को भी छू जाती है।
“गुरु की दृष्टि में वो शक्ति होती है, जो भाग्य को भी पलट सकती है।”
चलिए कुछ लोगों के मन में यह सवाल उठना होगा कि, गुरु की दृष्टि (guru ki drishti) यदि हमारे ऊपर पड़ जाए तो, जीवन को क्या प्रभावित कर सकती है? इसके बारे में आगे पढ़ते हैं |
2- Guru ki Drishti Ka Fal – इसका प्रभाव जीवन पर कैसे पड़ता है?
आध्यात्मिक उत्थान:
गुरु की दृष्टि (Guru Ki Drishti) से शिष्य के भीतर छुपा दिव्य गुण प्रकट होता है। उसे आत्मज्ञान की ओर ले जाती है।
कर्मों का शुद्धिकरण
गुरु की कृपा से पिछले जन्मों के कर्म भी धीरे-धीरे समाप्त होने लगते हैं। जीवन में शांति और स्थिरता आती है।
जीवन की दिशा तय होती है
जब व्यक्ति भटक रहा होता है, तब गुरु की दृष्टि उसे सही मार्ग दिखाती है। सही निर्णय लेने की क्षमता मिलती है।
संकटों से रक्षा
गुरु की दृष्टि एक रक्षा कवच की तरह होती है, जो अनदेखे संकटों से शिष्य की रक्षा करती है।
महानुभाव गुरु की दया दृष्टिके बारे में कोई पूरा नहीं लिख सकता है | संत महात्माओं की कृपा बहुत ही अनंत होती है | वह हमें बहुत सारे गलत रास्तों से निकाल कर अच्छे सुगम एवं सरल रास्ते पर लाकर खड़े कर देते हैं | संतों की महिमा कोई नहीं लिख सकता है |
कहा गया हैकि,
“पृथ्वी को कागज और समुद्र को स्याही बना लिया जाए तब भी गुरु की महिमा का कोई बखान नहीं कर सकता है”
चलिए महानुभव यदि आप गुरु प्रेमी है और गुरु बनाने के बारे में सोच रहे हैं, गुरु की कृपा दृष्टि पाना चाहते हैं तो, इसके बारे में चलिए कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर जानते हैं|
3- गुरु किसके लिए अच्छा है?
प्रेमियों, गुरु उस व्यक्ति के लिए अच्छा होता है, जो श्रद्धा, समर्पण और विनम्रता के साथ ज्ञान ग्रहण करना चाहता है। ऐसे शिष्य को गुरु का पूरा आशीर्वाद प्राप्त होता है।
4- सच्चा गुरु कैसे पहचाने?
सच्चे गुरु की पहचान बहुत सूक्ष्म होती है:
- वह अहंकार रहित होता है
- शब्दों से नहीं, अपने आचरण से सिखाता है
- गुरु लाभ के लिए नहीं, सेवा के लिए कार्य करता है
- उसके सान्निध्य में मन को शांति मिलती है
“सच्चा गुरु वही है जो अपने शिष्य को अपने से भी ऊपर उठते देखने की कामना करता है।”
5- गुरु कमजोर कब होता है?
GURU (गुरु) कभी कमजोर नहीं होता, लेकिन जब:
- शिष्य में श्रद्धा की कमी
- संदेह और अहंकार
- गुरु की आज्ञा का उल्लंघन
ऐसे में शिष्य के लिए गुरु की शक्ति कम हो जाती है, लेकिन गुरु की कृपा कभी खत्म नहीं होती, वह अवसर देता है सुधार का।
6- गुरु अच्छा होने से क्या होता है?
जब गुरु अच्छा होता है:
- जीवन में आत्मिक विकास होता है
- शिष्य भय, भ्रम और दुख से मुक्त होता है
- अंदर से दृढ़ता और शांति आती है
- भविष्य स्पष्ट दिखाई देने लगता है
7- गुरु से क्या लाभ होता है?
GURU से मिलने वाले लाभ:
- सही सोच और विवेक
- आत्म-साक्षात्कार
- जीवन में संतुलन
- मोह-माया से दूरी
- भविष्य की तैयारी
8- इंसान को गुरु कब बनाना चाहिए?
जब जीवन में:
- भटकाव महसूस हो
- मन अशांत हो
- सवालों के जवाब न मिलें
- आध्यात्मिक मार्ग की इच्छा जागे
तब गुरु की तलाश करनी चाहिए और मिलने पर पूरे समर्पण से शिष्यत्व स्वीकार करना चाहिए।
9- गुरु के गुण क्या हैं?
एक सच्चे गुरु में निम्नलिखित गुण होते हैं:
- करुणा और प्रेम
- ज्ञान और अनुभव
- धैर्य और विनम्रता
- निष्कपटता और पारदर्शिता
- अपने शिष्यों की चिंता
निष्कर्ष: जीवन में Guru Ki Drishti का महत्व
लास्ट में महानुभाव में बताना चाहता हूं कि गुरु की दृष्टि एक अमूल्य धरोहर है। यह केवल हमारे जीवन को ही नहीं, हमारे आत्मिक विकास, कर्मों की शुद्धि और आत्म-साक्षात्कार की दिशा में भी निर्णायक भूमिका निभाती है।
यदि आपने सच्चे गुरु को पा लिया है और उनकी दृष्टि प्राप्त हो गई है, तो समझिए आपके जीवन की नाव सही दिशा में, सही पतवार के साथ चल रही है।
“Guru Ki Drishti ही है, जो शिष्य को अंधकार से निकालकर प्रकाश की ओर ले जाती है।”
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गुरु महाराज की दया हमेशा सभी पर बनी रहे | जय गुरुदेव |
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