इस किराए के मकान को जब खाली किया जाएगा तब क्या होगा? kiraye ka makan

किराए की मकान से जब खाली किए जाएंगे तब क्या होगा महात्माओं ने इस मनुष्य शरीर को kiraye ka makan कहाँ है चलिए जानते हैं जन्म मरण दुख हुई इस किराए के मकान को कैसे पवित्र बना सकते हैं और हम अपने मालिक को खुश कर सकते हैं चलिए इस सत्संग आर्टिकल के माध्यम से जानते हैं जय गुरुदेव पूरा पढ़ें।

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kiraye ka makan महात्माओं ने कहा है

इस मानव शरीर को महात्माओं ने किराए का मकान कहाँ है। क्योंकि जो हमारा इस मकान को बनाने वाला मालिक वह परमपिता परमेश्वर है। जिसने हमें इतना सुंदर मकान दिया है इस kiraye ke makan से हम इस संसार में रहकर सांसो की पूंजी लेकर के उस परमात्मा को प्राप्त कर सकते हैं। भजन कर सकते हैं महात्माओं ने इस मनुष्य रूपी मंदिर या किराए के मकान के बारे में बताया है। चलिए अब हम स्वामी जी महाराज के द्वारा दिए गए आध्यात्मिक सत्संग को जानते हैं।

जन्मत मरत दुशह दुःख होई

जन्मने मरने में अत्यन्त पीड़ा होती है और उसको kiraye ka makan se निकालकर बाहर करेगा और कहेगा चलो हिसाब करायें हिसाब करेगा तो तुम्हारा बतायेगा कि देखो इतनी चोरी की उतना जानवर मारे तुमने इतना धोखा दिया इतनी बेईमानी की। तुमने कोई भी पुण्य नहीं किया अपने जीवन में और चलो इनको ले जाओ उस नर्क में डालो वहाँ जाकर उस योनि में बंद करो।

इसको तो बताओ आप क्या करोगे? बोलो आप करोगे क्या उससे बच जाओगे। इसलिए जिन-जिन देवताओं की आप पूजा करते हो उनसे ये प्रार्थना करो कि हमको ये सद्बुद्धि दो कि हम मतलब ये ही कि कोई धोखा किसी की बेईमानी न करें धोखा न दें और अच्छे काम करें। मेहनत का काम करो सद्बुद्धि रहेगी।

भजन करने की सद्बुद्धि

बच्चों की सेवा आये गये का सत्कार फिर उसके बाद भजन करो कि भजन करने की सद्बुद्धि दीजिए। कि कोई महात्मा मिल जाये या आप ही मुझको रास्ता बता दीजिए तो मैं भजन करने लगूं, तो महात्मा कोई ना कोई मिल जायेंगे। तो भजन करने का रास्ता मनुष्य मन्दिर (kiraye ke makan) में बता देंगे।

तुम फिर भजन सच्चा करना अपनी जीव आत्मा से परमात्मा का। तब देखो दिव्य आँख ज्ञान चक्षु खुल जायेगा। तो यहीं से बैठ करके रोज स्वर्ग जाओ रोज वैकुण्ठ जाओ फिर वहाँ से ब्रह्मा से मिलो और विष्णु शिव से मिलो। लेकिन आप बाहर इन चर्म आंखों से आपको क्या पता इधर गये उधर पहुँच गये।

उधर धोखा देने लगे उधर किसी का खेत लूटने लगे। किसी को मार पीट करने लगे तो देखा कि पूजा क्या होगी? ये मनुष्य शरीर फिर से नहीं मिलेगा आपको अबकी अमोलक दे दिया गया है। इसलिए इसको बचाओ अभी तक जो कुछ भी किया है। गुनाह अब उनको तो छोड़ दो अच्छे काम करो जीवात्मा को जन्म मरण से बचाओ।

सांसों की पूँजी

चौरासी (84) नर्कों से नहीं तो जाने। वाला और मनुष्य शरीर खाली होने वाला है। यह तो किसी का मकान है, है बच्चे और बच्चियों यह kiraye ka makan है वह यह नहीं देखेगा कि 2 वर्ष का है या 4 वर्ष का है, 10 वर्ष का है। वह 20 वर्ष का है, 50 वर्ष का है।

सांसों की पूँजी आपको दी जाती है, जिसकी पूँजी खत्म हुई आके खड़ा हो जायेगा निकलो उसी वक्त निकाल कर तुमको चाहे खेत में रहोगे, बाहर रिस्तेदारी में आ रहे हो रस्ते में वहीं पर रास्ते में सो रहे हो उसी जगह खा रहे हो अगर पूँजी खत्म हो गयी उसी समय निकाल कर बाहर खड़ा कर देगा।

बताओ आप फिर क्या लाये थे और क्या ले जाओगे? ये किराये का मकान (kiraye ka makan) हमारा भी है। हमको भी ये खाली करना है क्या हम ले जायेंगे? हमारा शरीर भी नहीं जायेगा। एक सुई की नोंक भी तुम्हारे साथ नहीं जायेगी, शरीर यहाँ पड़ा है। इसको जंगल में फूंक देंगे इधर उधर ले जाकर के नहीं ये सामान मिलेगा न ये उससे मिलेगा। ना ये उसको देख सकता है ना समान इसको देख सकता है।

चेतन को जगाओ

ये भी जड़ है और समान भी जड़ है। चेतन में चेतने से आपने क्या किया और गड्ढे में डाल दिया। इस चिंतन की पूजा जब होगी। जब चेतन को जगाओ, जीवात्मा को जगाओ और दरवाजे दोनों आंखों के मध्य में तब फिर परमात्मा की-की पूजा होगी। सुलभ है सीधा आसान है सब सकते हैं।

स्त्री, बच्चे, पुरुष खेत में, खलयाने में, सुबह और शाम तुम एक घन्टा का समय नहीं निकाल सकते हो। 24 घण्टों में परमात्मा को प्राप्त करने के लिए और बस इसी में समान खा पीकर सोकर समय बिता रहे हैं। यह विकार है, ऐसे जीवन को तो देवी, देवताओं से जिनको आप मानते चले आये हो कि हमको सद्बुद्धि दीजिए,

प्रार्थना करो कि हम भौतिक चीजें समझ सकें और फिर अपनी जीवात्मा को जगाने के लिए कोई ऐसा रास्ता दिखा दीजिए। सुझाव दीजिए तो हम वहाँ पहुँच जायें वहाँ रास्ता पाकर के रास्ते से निकल जायें, तब ये जीवात्मा की गती, यानी कि होगी छुटकारा तब मुक्ती और मोक्ष मिलेगी।

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निष्कर्ष:

महानुभाव सज्जनों ऊपर दिए गए आर्टिकल के माध्यम से आपने महात्मा के द्वारा दिए गए सत्संग जिसमें किराए के मकान की चर्चा की गई है। यह मनुष्य रूपी kiraye ka makan हमें एक न एक दिन खाली करना पड़ेगा। उस मालिक की दया प्राप्त करके हम अपने मकान बनाने वाले मालिक को प्राप्त कर सकते हैं। जब प्राप्त हो जाएगा तब हमें वह है कहीं से नहीं निकालेगा। आशा है आपको ऊपर दी दिया गया satsang post जरूर पसंद आया होगा। आर्टिकल पढ़ने के लिए धन्यवाद जय गुरुदेव,

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