महापुरुष सब कुछ जानते हैं जन्म मरण के बारे में, मानव शरीर के तत्वों के बारे में और तत्वों के गुणों के बारे में, सब कुछ महापुरुष जानते हैं। तत्वज्ञान का रहस्य महापुरुषों के सत्संग में सुनने को मिलता है। पांच तत्व (panch tatva) के साथ 25 विषय हैं उन विषयों के बारे में विस्तार से आप इस सत्संग आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे। जिसका मुख्य विषय है panch tatva (पांच तत्व) के साथ पच्चीस विषय, तो चलिए जानते हैं। यह विशेष जानकारी मनुष्य शरीर से रिलेटेड, मनुष्य शरीर में कितने क्या तत्व होते हैं? महापुरुष क्या बतलाते हैं चलिए जानते हैं। जय गुरुदेव।
पांच तत्व के साथ पच्चीस विषय (Panch Tatva ke sath 25 bishy)
1-आकाश तत्व-अन्त करण, चित्त मन, बुद्धि अहकार
2-वायु तत्व-प्राण, अपान, समान, व्यान, उदान
3 जल तत्व-शब्द, स्पर्श, रूप, रस, गन्ध
4-अग्नि तत्व-आंख, नाक, जीभ, त्वचा
5-पृथ्वी तत्व-हाथ, पांव, मुह, गुदा, लिंग
Panch Tatva के इन पच्चीस भागों के साथ पच्चीस विषय
1-अन्तःकरण का विषय-निर्विकल्प।
2-मन का विषय-संकल्प विकल्प
3-चित्त का विषय-अनुसंधान
4-बुद्धि का विषय-निश्चय
5-अहंकार का विषय-करतूत
6-प्राण का विषय-चलब
7-अपान का विषय-छोडब
8-समान का विषय-बैटब
9-उदान का विषय-उठब
10-व्यान का विषय-पौरब
11-कान का विषय-शब्द सुनब
12-आँख का विषय-देखब
13-नाक का विषय-सूधब
14-जीभ का विषय-बोलब
15-त्वचा का विषय-स्पर्श
16-शब्द का विषय-राग
17-स्पर्श का विषय-मृदुल, शीलत्व
18—रूप का विषय-सुन्दरत्व
19-रस का विषय-स्वाद
20-गंध का विषय-सुवास, प्रसन्नत्व
नान भेद सृष्टि का रहट चक्र
सतयुग, त्रेता, द्वापर, कलियुग, ब्राह्मण, क्षत्रिय, वेश्य, शूद्र, हिन्दू, तुर्क, जैनी, इसाई, बौद्ध, ब्रह्मा, विष्णु, शिव, शक्ति, सूर्य, गणेश, सर्गुण, ब्रह्म, निर्गुण ब्रह्म, नाना देवी, नाना देवता, नाना तीर्थ, नाना मूर्ति, नाना उपासना, नाना ज्ञान, नाना कर्म, नाना जप, नाना तप, नाना यज्ञ इसकी गणना कहाँ तक में कर दिखलाऊँ इनका कोई अन्त नहीं है।
1.भूल भुलइया किसे कहते हैं?
इस भूल भुलइया के भेद को कोई नहीं जानता है केवल सतपुरुष सतगुरू दयाल ही जानते हैं। उनके अनुग्रह से जो जान लेता है वह सिन्धु से पार हो जाता है।
- भूल भुलइया का रूप?
सर्वप्रथम काल भगवान से ओंकार की उत्पत्ति हुई। ओंकार से समस्त प्रपंच उत्पन्न हुआ। सत्त सदानन्द पद से जहाँ पर कुछ भेद नहीं है उसने काल के देश में नाना नाम नाना रूपों में उत्पन्न करके अनन्त भेद उत्पन्न कर दिया। इस काल के देश में द्वैत का राज सर्वत्र ही दिखाई पड़ता है यही भूल भुलझ्या है। - काल किसे कहते हैं?
जो बारम्बार सृष्टि को उत्पन्न करके पालन करता है और पालन करके निर्दय होकर प्रलय कर देता है उसको काल भगवान कहते हैं।
निष्कर्ष
महानुभाव ऊपर दिए गए कंटेंट के माध्यम से आपने जाना मानव शरीर में पांच तत्व (panch tatva) के बारे में साथ में पांच तत्वों के 25 विषय और 25 गुणों के बारे में जाना। आशा है आप को ऊपर दिया गया कंटेंट जरूर अच्छा लगा होगा। इस जानकारी को अपने दोस्त रिश्तेदारों के साथ सोशल नेटवर्क के माध्यम से शेयर करें। जय गुरुदेव मालिक का आशीर्वाद सबको मिले
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जय गुरुदेव मैं Balbodi रामटोरिया आपका स्वागत करता हूं। मैं 2019 से ब्लॉगिंग का काम कर रहा हूं, मैं रामटोरिया जिला छतरपुर मध्य प्रदेश का रहने वाला हूं। इस वेबसाइट में बाबा जयगुरुदेव से रिलेटेड तमाम प्रकार का कंटेंट प्रोवाइडर करता हूं। इंटरनेट जगत में लोगों के अंदर आध्यात्मिक जागृति व सच्चे ज्ञान की जरूरत है। हम आप सभी उस परमपिता परमेश्वर को याद करें, और नेक एवं सच्चे रास्ते का वाचन करें। इस वेबसाइट के अलावा अन्य साइट The Url Opener पर भी काम करता है।