समय की प्रतीक्षा बाबा जयगुरुदेव | अवतारी शक्तियों पर बाबा जी की वाणि

बाबा जयगुरुदेव जी महाराज की गूंजती वाणियाँ, समय की प्रतीक्षा बाबा जयगुरुदेव, इस आर्टिकल में आपके साथ साझा कर रहा हूँ, जो बाबा जी ने अपने मुखारविंद से स्वयं इन बातों को कहा। बाबा जयगुरुदेव की गूंजती वाणियाँ ऐसा देखने सुनने को मिल रहा है। जो किसी भी काम के लिए समय की प्रतीक्षा करनी होगी समय की प्रतीक्षा में भी कर रहा हूँ आप भी करें समय आने पर काम पूरा होगा जय गुरुदेव,

Jai Gurudev
Jai Gurudev

जैसा करेगा उसे वैसा भोगना पड़ेगा (To suffer as you shall)

आप लोगों को बहुत प्रकार की तकलीफ और पीड़ा होने लगी। शरीर की पीड़ा तो करीब-करीब सभी लोग परेशान हैं। कोई ना कोई रोग सबको लगा है। आप पहले से होशियार (smart) होते, संयम से रहते और मालिक से प्यार (Love the God) करते, तो यह पीड़ा नहीं होती। आप तो तमाम क़िस्म के सुख सुविधाओं में लग गए,

जो राज करता है वह कभी आराम से नहीं बैठता है। वह हमेशा लड़ता रहता है। जितनी बड़ी लड़ाइयाँ हुई, स्त्री के लिए हुई, राजा किसी की स्त्री (Female) को उठा ले तो जानबूझकर लड़ाई मोल ले लेते हैं। गंदगी तो सबके लिए बराबर होती है। शांत तो साधु रहता है।

महापुरुष (Great man) जब ऊपर से आते हैं तो चारों युगों में क्या-क्या हुआ यह सब देखते हैं, क्योंकि यह सच्चा बोध है। वह देखते हैं कि बड़े-बड़े चक्रवर्ती राजा कर्म भोग से नहीं बच सके, जिसने यहाँ जैसा किया, उसका फल उसको भोगना पड़ा। इसलिए महापुरुष (Great man) बराबर समझाते हैं कि जैसा करेगा उसे वैसा भोगना पड़ेगा।

साधक की मनोवृति दो प्रकार से खराब (Seeker’ s attitude)

बचेगा कोई नहीं, तुम बुरे कर्म करना छोड़ो, जो भी कर्म तुम्हें बाँध ले उसे क्यों करते हो? फिर अच्छे कर्म भी ख़त्म करोगे तब मालिक मिलेगा। जिसने तप किया उसको राज मिला। अगर वह तप करता और राज्य (state) छोड़ देता तो मालिक मिल जाता।

कहा भी गया है कि तप से चुके राज, राज से चुके नर्क। दो बातों का ध्यान रखना। साधक की मनोवृति दो प्रकार से खराब होती है। फिर वह साधक भजन में रुका फीका हो जाता है और गुरु के प्रति भी उसका भाव बिगड़ जाता है।

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पहली तो स्त्री है यदि किसी स्त्री से तुमने भूलकर भी प्रेम कर लिया तो, वही स्त्री गुरु की तरफ़ से तुमको विमुख ज़रूर कर देगी। गुरु के प्रति आभाव हो जाएगा और ध्यान भजन अंतरी अभ्यास नहीं कर पाओगे। साधक को दूसरों की देवियों (Ladies) से बचना ज़रूरी है। उनके पास बैठना तो दूर, उनकी शक्ल भी नहीं देखनी चाहिए, जब तक कि साधक की साधना (meditation) पूरी नहीं होती। उसके लिए ख़ास परहेज बताया गया है। इसे ध्यान में रखना चाहिए,

दूसरा है मान बड़ाई की चाह होगी तो साधक अपने रास्ते से कभी भी गिर सकता है। कहाँ है कंचन छोड़ना आसान है। इस्त्री को भी छोड़ा जा सकता है। लेकिन मान बड़ाई को त्यागना (forsake) महान कठिन काम है। गुरु की दया से ही साधक इस का परित्याग कर सकता है।

बाबा जी की गूंजती वाणियाँ (Baba ji’ s buzzing vocals)

मैं आपको यह बता दूं कि इन माताओं (Moms) से ऐसे बच्चों का अवतार होगा। जो आपको सीधा कर देंगे। दिल्ली (Delhi) वालों को सीधा कर देंगे, लखनऊ और जयपुर वालों को सीधा कर देंगे, उसका परिचय (introduction) थोड़े ही दिन में होने वाला है। उनका संकेत आपको हर प्रांत में मिलेगा।

हमारी आवाज़ और हमारी हवा हमारे साथ में होगी। हमारी आवाज़ के साथ ही हमारी पत्रिका (magazine) बनेगी। जहाँ तक हमारी आवाज़ जाएगी वहाँ तक हमारी पत्रिका (magazine) जाएंगे और यह आप में प्रवेश हो जाएंगे।

हम घूम कर यह हवा चारों तरफ़ फैला देंगे कि आप लोग होशियार हो जाएँ, संभाल जाएँ नहीं तो पीछे पछताना होगा। कौशल्या को पीछे पशाताप हुआ था। उन बच्चों को ठीक से रखना। वह बच्चे परिवार (family) को लेकर इधर आएंगे। उन बच्चों में कुदरती देवी शक्ति अभी मौजूद हैं और अपने वक़्त आने पर प्रगट हो जाएंगी।

एक पूरा समाज, पूरा फील्ड, एक पूरी नाटक शाला उतरी हुई है। जो यह काम करेगी। यह संकेत पहले से दे रहे हैं। समय पर उठ खड़े होंगे। समय की प्रतीक्षा उनको भी है, समय की प्रतीक्षा मुझको भी है। इसलिए होश में आजाइएगा। इधर आकर पहले से ही अपने को संभाल लो, ताकि उन शक्तियों (powers) से टकराव ना हो जाए. जय गुरुदेव,

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पोस्ट कैलकुलेशन

दोस्तों आपने इस पोस्ट में जाना परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के द्वारा पूर्व में दिए गए सत्संग कार्यक्रम, में उन्होंने अवतारी शक्तियों के बारे में यह संकेत 1966 में दिया और लोगों को बताया कि समय की प्रतीक्षा उनको भी है और समय की प्रतीक्षा आपको ही करनी होगी। समय आने पर सब ठीक हो जाएगा। जय गुरुदेव

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