
बाबा जयगुरुदेव ज़रूरी संदेश, देवियों के लिए, खुदा के दीदार के लिए और मुस्लिम भाइयों के लिए विशेष यह महत्त्वपूर्ण संदेश महापुरुष परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज द्वारा सत्संग के माध्यम से बताए गए हैं। जिसमें हम इस वेबसाइट में इस पोस्ट में कुछ महत्त्वपूर्ण सत्संग अंश को हम आपके साथ साझा कर रहे हैं। जय गुरुदेव पोस्ट को पूरा पढ़ें, चलिए शुरू करते हैं।
बाबा जयगुरुदेव जी का ज़रूरी संदेश
सत्संग भाइयों और प्रेमियों बाबा जयगुरुदेव जी ने जो प्रेम और प्यार और लोगों के बीच एक सच्चा जन जागरण किया है, उसका प्रमाण आज आप देख सकते हैं। क्योंकि आप सब जानते हैं कि जो बाबाजी के अनुयाई हैं। उनकी अलग ही पहचान है।
वह जीवो पर दया करने और न्याय और विवेक साथ में महापुरुषों के बताए हुए सत्संग को ज़रूर पालन करते होंगे। जिसमें महापुरुष बाबा जयगुरुदेव जी ने ज़रूरी संदेश इस प्रकार से दिए जो हम सत्संग पुस्तिका के माध्यम से कुछ महत्त्वपूर्ण अंश आपके साथ साझा कर रहे हैं।
देवियों के लिए ज़रूरी संदेश
बाबा जी ने कहा है जिन देवियों को और 12 साल की उम्र की बच्चियों को, मासिक धर्म यानी महीना होता है। उन सब को चाहिए कि पांचवें दिन शाम को स्नान करें। हाथ पैर जितनी बार चाहो धोय, जितनी बार चाहो कपड़े धोय, बदन पर पानी नहीं पढ़ना चाहिए. नहीं तो बच्चे जब पैदा होंगे तो पेट में बीमारी होकर ही पैदा होंगे।
इन दिनों में आदमी संसर्ग करेंगे तो वह बीमार हो जाएगा। खाना बनाएगी या खाना छुएंगे जो वह खाना खाएगा उसको भी बीमारी लग जाएगी। कैंसर हार्ट की बीमारी, दिल धड़कन की बीमारी, ब्लड प्रेशर लूला लंगड़ा शरीर के अंगभंग, ऐसी बदपरहेजी के मर्ज होते है।इस खराब खून से बच्चों का शरीर बनता है। मुर्गियों के अंडे में भी मासिक का खून है।
इसको आप मत सेवन करिए. तरह-तरह की बीमारियाँ जो 50 साल पहले नहीं सुनी जाती थी। आज वह आ गई हैं और इन बीमारियों के नाम भी अलग-अलग हैं। यह बदपरहेज करोगे तो तुम्हारा शरीर सुखी नहीं रहेगा। रोगी शरीर रहेगा जीवन भर दुखी रहोगे, आप लोगों के लिए यह ज़रूरी संदेश है। 25 अगस्त 2001 और अलग-अलग सत्संग मंचों के माध्यम से बाबा जी ने देवियों के लिए यह विशेष संदेश दिया। जो बच्चियों और माताएँ बहने उनके लिए विशेष परहेज के लिए यह संदेश बहुत ही उपयोगी है।
खुदा के दीदार के लिए दिल पाक साफ़ करो
खुदा के दीदार के लिए दिल पाक साफ़ करो, बाबा जी ने अपनी सत्संग वाणी में कहा था। गुनाहों के दिल से वादत नहीं होगी। परिंदे पशुओं इंसानों में जो रूहे खुदा की है। ख़ुदा का कलाम है हमारी रूहे पर रहम करो। किसी के जिस्म को ख़त्म करके मुर्दे को खाते हो, खुदा इस काम से सख्त नाराज है।
इस्लाम की जान ईमान और रहम, एक कतरा शराब की बूंद का अपनी ज़बान पर रख लिया तो गुनहगारों की बस्ती की लिस्ट में तुम्हारा नाम दर्ज हो गया। फरिश्ते तुमको ले जाएंगे जलते हुए आग के कुओं में तुमको डालेंगे।
उस वक़्त तुमको याद आएगा कि मोहम्मद साहब जी ने जो खुदा का हुक्म तुम्हें सुनाया था। वह हमने कबूल नहीं किया। बिना फकीरों के पास पहुँचे इंसान नहीं बन सकते हो, 11 सितंबर 2001 बाबा जयगुरुदेव सत्संग
मुसलमान भाइयों के लिए बाबा जी ने ज़रूरी संदेश
मुसलमान भाइयों के लिए बाबा जी ने ज़रूरी संदेश दिया, मुसलमानों ग़ौर से समझो यह ज़रूरी संदेश है अब तो मोहम्मद साहब आएंगे नहीं, दूसरा कोई आ जाए खुदा के पैगाम को लेकर उसको मानेंगे नहीं। दुनिया की गुनहगार बस्ती में गुनाह पहाड़ों की तरह जमा कर रहे। इन गुनाहों किन उसूलो से उतरोगे और ईमान ख़ुद के पास पहुँचा दिया।
मुहब्बत और रहम प्यार कदमो तले कुचल दिया, अब ख़्वाहिश की जिस्मानी दुनिया में मजे ले रहे हो, खुदा से आजाद पैगंबर के कलाम को बेख़बर मोहम्मद साहब को भी बदनाम कर दिया। रहम और ईमान और रूहो के बरकरार रहने पर इस्लाम बना हुआ है। रूह को किस क़दर बेरहमी से सजा दी जा रही है। जो चाहे सो करो, खुदा ना ज़मीन पर न आसमान पर,
मोहम्मद साहब के साथ जो ज़ुल्म किए गए, जवान से कहने में शर्म आती है। अब तो ज़िन्दगी का बस अब शराब के कतरे पर हो रहा है। वह खुलकर शराब के प्याले इस्तेमाल को आगे रखकर किए जा रहे हैं। यदि मुसलमान के जानने वाले होते तो इतना कत्लेआम इंडोनेशिया नहीं होता, आख़िर वह भी तो मुसलमान हैं। खैर अब तो तैयार हो जाओ खुदा ने अपने कामों को कहलाया कि अब वक़्त आ रहा है। अब सब को सजा दी जाएगी, सुकून आराम मोहब्बत प्यार रहम और ईमान य तो बाद में तब आएंगे। जय गुरुदेव 10 सितंबर 2001
मोहम्मद साहब के बाद अब कोई
मुसलमानों के अगुआकार मुल्ले मौलवी और इमाम आप यह कहते हो कि मोहम्मद साहब के बाद अब कोई भी खुदा का पैगाम लेकर नहीं आएगा। आपकी समझ आपकी जगह पर है। पर जो पैगाम मोहम्मद साहब ने लिखा। क्या आप उस पर चल रहे हो, इस्लाम के हुक्म को मान रहे हो, आपने मोहम्मद साहब को नहीं देखा और खुदा को भी नहीं देखा।
मौलवी मुल्ले इमाम तो अभी आए हैं। उन्होंने भी मोहम्मद साहब और खुदा को नहीं देखा और आप हम सब लोग इस्लाम के महरूम हो गए हैं। यह माना जाए कि खुदा की मर्जी हो जाए कि हमारे इस्लाम और हुकूमत पर कोई नहीं मानता है तो मैं दूसरे बेटे को इस्लाम और खुदा के पैगाम को सुनाने के लिए भेज दूं,
इस्लाम के कलाम को कबूल करो
तो क्या मुल्ले मौलवी और इमाम और मुसलमान उस पैगाम को कबूल नहीं करेंगे, क्या आपकी मर्जी खुदा के ऊपर है आपने उनकी सूरत को भी नहीं देखा और मोहम्मद साहब की शक्ल को भी नहीं देखा, जितना भी पीर मोहम्मद आए उनको भी नहीं देखा। तो ऐसे गुनाहगार हालत में जबकि हमारे दिल पर गुनाह का महल बन गया है। ऐसी सूरत में आप क्या सोचेंगे।परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के साथ क्या-क्या ज़ुल्म हुए?
इस्लाम के कलाम को कबूल करो, रहम ईमान बरकरार है। मोहब्बत और प्यार इंसानियत का सुकून है। दिल को साफ़ रखो और झूठे ख़्वाहिश की कुर्बानी करो, रूह को साफ़ करो। परवरदिगार की तरफ़ लाओ. दोनों चश्मों के बीच में जो आँख है। वह साफ़ हो जाएगी, खुदा का दीदार करेंगे, इबादत इसलिए की जाती है कि हम पाक साफ़ हो जाये ना की गंदगी को जमा करने के लिए,
इस्लाम कहता है कि एक कतरा भी शराब मत लो, एक ही कलाम को कबूल नहीं करते हो, फिर सब कलाम कैसे समझोगे। दिमाग़ बदफैली में दौड़ रहा है। क्या आप भी इस पर भी कुछ सोचा है कि खुदा कैसे अपना हुकुम सुनाएगा। जय गुरुदेव पत्रिका इतिहास के पन्ने,
पोस्ट निष्कर्ष
महानुभव आपने बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के द्वारा दिए गए सत्संग जो विशेषकर महिला और मानस प्रेमियों के लिए विशेष अनुरोध किया। आपने इस आर्टिकल के माध्यम से पढ़ा देवियों और मुसलमान भाइयों के लिए बाबा जी ने ज़रूरी संदेश है। आपको ये आर्टिकल ज़रूर पसंद आया होगा। अपने सोशल नेटवर्क के माध्यम से ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करें, जय गुरुदेव।
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