गुनाहों की माफी करना सच्चे दिल से प्रार्थना

Jai Gurudev नाम योग साधना मंदिर मथुरा (Name Yoga Sadhana Temple Mathura) बाबा जयगुरुदेव जी द्वारा निर्माण कराया गया। अपने परम पूज्य गुरु दादा जी की के विशाल मंदिर में करोड़ों लोग दर्शन करते हैं और अपनी एक बुराई का त्याग करके अपनी एक मनोकामना सिद्ध होती है। गुनाहों की माफी करना सच्चे दिल से प्रार्थना, अपनी एक मनोकामना पूरी कीजिए, Jai Gurudev

Name Yoga Sadhana Temple Mathura
Name Yoga Sadhana Temple Mathura

अर्जी हमारी मर्जी आपकी बाबा जी (Our request is yours)

बाबा जयगुरुदेव जी ने नाम योग साधना मंदिर पर सत्संग कार्यक्रम में उन्होंने कहा की अर्जी हमारी मर्जी आपकी। नाम योग साधना मंदिर एक आधार है जो जीता जागता देवता जो गुनाहों की माफी करना सच्चे दिल से प्रार्थना करोगे। आपकी मदद करेगा, बाबा जयगुरुदेव जी के द्वारा दिए गए सत्संग वाणी अर्जी हमारी मर्जी आपकी। बाबा जी की प्रार्थना

जन-जन में होगी क्रांति, हम तुम्हें दिखा देंगे ।
रूडी धर्म विवादों को, हम मिटा के दिखा देंगे।
माना अभिमान को हम, मिटा के दिखा देंगे ।
जात पात के जो है झगड़े, उन सब को मिटा के दिखा देंगे।
प्रजा राजा में ना एकता, इन सब में एकता करा देंगे।
शराब मांस मछली खाते पीते, हम मना-मना करा आवश्य छुड़ा देंगे।
जिनको ना शांति मिल सकी, उनको शांति दिला देंगे, बाबा जयगुरुदेव

यह बाबा जयगुरुदेव जी का संकल्प यह तो पूरा होगा। लेकिन हमें अपने को बदलना पड़ेगा, उनके वचनों को सुनना होगा और उस पर अमल करना होगा। हम माने ना माने लेकिन यह सच है कि संत फ़क़ीर त्रिकालदर्शी होते हैं। इसलिए वे सब को सावधान करते हैं और बचने का रास्ता बताते हैं। हम मान लेंगे बच जाएंगे, नहीं मानेंगे तो खाई खंदक में गिरेंगे।

सच्चे दिल से प्रार्थना कीजिए (Pray sincerely)

अब हम सबके सामने दो ही रास्ते हैं, या हम बाबा जी की बात मानकर अपने को बचा ले, या देविक या भौतिक आपदाओं की खाई खंदक में गिर कर अपना अस्तित्व ख़त्म कर दें, बाबा जी ने हमेशा से सब को बचाने का प्रयास किया और आज भी कर रहे हैं।

लेकिन नासमझी के कारण कभी उनको राजनीति कहा गया, कभी अराजक तत्व कहा गया, कभी असामाजिक तत्व कहा गया। कहने वाले कहते सुनते अपनी ही क्रिया कर्म की तलवार से ख़त्म होते चले गए. बाबा जी शाश्वत है।

आज भी उनकी वाणी सब को आगाह कर रही है कि बच जाइए, समय खराब है अपने बचाव का रास्ता अपनाये। यह अमानुषिक काम छोड़ दीजिए, मानवता के काम कीजिए, जीवो पर दया कीजिए,

पशु पक्षियों के खून को अपने खून में मत मिलाइए और थोड़ा समय निकालकर अपनी जीवात्मा के कल्याण के लिए उस मालिक, उस खुदा से, उस गॉड (God) से सच्चे दिल से प्रार्थना कीजिए कि हे सर्वशक्तिमान प्रभु मालिक खुदा अल्लाह या रब मेरे गुनाहों को माफ़ कर, मेरी आत्मा को रुको (Soul) को सच्चा रास्ता दिखा। जिस पर चलकर मैं आपने लोक और परलोक बना लू,

मानव कल्याण के सन्देश (Messages of human welfare)

अब वक़्त है ऐसी सच्ची प्रार्थना करने का, धर्म और मज़हब के नाम पर लड़ने झगड़ने का नहीं, जाती पाती के झगड़े का नहीं, निंदा आलोचना का नहीं, हमने बहुत लड़ लिया बड़े झगड़े फसाद की, बहुत नुक्‍ताचीनी की। सिवाय नफ़रत के हमें मिला क्या?

नफ़रत की ऐसी ज्वाला जल रही कि इसमें घर परिवार जल गए, जातियाँ समाज जल गई, सारा देश जल उठा, इसलिए सारी मानवता बहुत थक गई. अब हर कोई ऐसी छांव चाहता है जहाँ उसे ठंडक मिले, आराम मिले, शांति और सुकून मिले,

यह सब वही मिलेगा जहाँ शांति के संदेश होते हैं, मानव कल्याण के संदेश होते हैं, मानव-धर्म और मानव धर्म के संदेश होते हैं और आत्माओ को रूहों को जगाने के संदेश होते हैं।

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ऐसे संदेश वह संत और फ़क़ीर ही देते हैं जो समदर्शी हैं और सब जीवो में उस प्रभु के अंश जीवात्मा को देखते हैं सौभाग्य से वक़्त का इतना बड़ा वरदान है कि बाबा जयगुरुदेव जैसी महान हस्ती सभी मानव आत्माओं का आवाहन कर रही है, एक नया रास्ता दिखा रही है जो वक़्त की मांग है।

वक्त की पुकार है (Call of time)

अगर उनकी आवाज़ सुनकर हम अपने को न बचा सके, न बदल सके, अपनी जीवात्मा का कल्याण न कर सके तो इससे बड़ा हमारा दुर्भाग्य क्या हो सकता है एक उदाहरण है—महाभारत ख़त्म होने के बाद श्री कृष्ण गान्धारी से मिलने गए। गान्धारी अपने पुत्रों के वियोग में डूबी हुई थी।

कृष्ण से बोले कि अब क्या लेने आए हो, मेरा वंश तो ख़त्म कर ही दिया। कृष्णा ने कहा मैं तो नहीं चाहता था कि ये विनाश लीला हो, मैंने हर तरह से सबको समझाने की कोशिश की लेकिन किसी ने मेरी बात नहीं मानी तो मेरा क्या दोष? गंधारी निरुत्तर हो गए।

बाबा जयगुरुदेव जी सब को समझा रहे है, सबको बदलने का एक मौका दे रहे हैं। नाम योग साधना मंदिर एक आधार दे दिया है। आप आइए, अपने गुनाहों की माफी कराइए, सच्चे दिल से। अपनी एक मनोकामना पूरी कीजिए, मंदिर का देवता बरकत देगा और आपको चाहिए क्या? इतना बड़ा या धार जय गुरुदेव बाबा जी की अर्जी है आगे आपकी मर्जी है।

पोस्ट निष्कर्ष

महानुभाव आपने बाबा जयगुरुदेव जी द्वारा दिए गये सत्संग के महतापूर्ण अंशो को पड़ा, यदि हमने अपने जीवन गुनाह किये, तो यदि परमात्मा की सच्ची इवादत करे तो गुनाहों की माफी करना मालिक का बरदान है। सच्चे दिल से प्रार्थना करे जयगुरुदेव नाम प्रभु का।

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