क्या करना चाहिए जब हमारा मन विचलित हो? Kya Karna Chahiye 30 सलूशन जाने

Kya Karna Chahiye? ऐसी परिस्थिति हमारे जीवन में होती है कि हमारा मन विचलित होने लगता है। कामयाब-नाकामयाब, सफलता-असफलता, हानि-लाभ, सुख-दुख ऐसे असमंजस में यह मन बहुत ही विचलित होने लगता है। महापुरुषों ने कुछ ऐसे करने की बारे में बताया है कि क्या करना चाहिए (Kya Karna Chahiye) ऐसी परिस्थिति में, आज इस सत्संग आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे महात्माओं ने क्या कहा? और गुरु महाराज की कृपा से मैं भी कुछ प्रश्नों का उत्तर देने की पूरी कोशिश करूंगा।

Table of Contents

यदि हमारा मन विचलित हो तो उस परिस्थिति में हमें क्या करना चाहिए? ताकि हम अपनी विपरीत परिस्थिति पर काबू पा सकें, चलिए जानते हैं इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। इस सत्संग के बाद आपको नीचे क्या करना चाहिए इसका सलूशन FAQ 30 के माध्यम से मिलेगा। आप पोस्ट को पूरा पढ़ें यह पोस्ट बहुत ही मददगार होने वाली है। यदि आप आध्यात्मिक बाद से जुड़े हैं, संत महात्माओं से जुड़े हैं, अच्छी ज्ञान को पाना चाहते हैं और जीवन के असली उद्देश्य को कामयाब बनाना चाहते हैं तो यह आपके लिए बहुत ही सफल होने वाली है। पहले सत्संग स्टार्ट करते हैं।

Kya Karna Chahiye
Kya Karna Chahiye

क्या करना चाहिए (Kya Karna Chahiye)

यह शब्द हमारे हृदय में कब प्रकट होता है जब हमारा मन विचलित होता है। हम अपने आपको नार्मल या कमजोर समझने लगते हैं। कोई कार्य हमारे लिए बहुत बड़ा कठिन दिखाई पड़ता है, हम अपने प्रतिद्वंद्वी (Competitor) से कमजोर महसूस करते हैं। हम किसी भारी कंपटीशन को देखकर के नेगेटिव विचार आने के बारे में विचार करते हैं। क्या करना चाहिए?

यह क्या शब्द है आपको Kya? प्रदान करता है। वह करना चाहिए (Karna Chahiye) यह आपके लिए एक दिशा निर्देश है। अब आपको यह निश्चित (Fixed) करना है, की क्या करना सही है या गलत है? बस यही पर हमारा मन विचलित होने लगता है। जीवन का उद्देश होना चाहिए कामयाबी, चाहे आप अर्थव्यवस्था के हो, चाहे धार्मिक प्रवृत्ति की हो,

हमारा उद्देश होने चाहिए, नैतिकता के आधार पर पूर्ण कामयाबी, उस कामयाबी को पाने के लिए करना चाहिए (Karna Chahiye) यह नहीं होना चाहिए कि क्या? (Kya) करना चाहिए तो करना है जीवन से लड़ना है। यही हमारा मुख्य उद्देश्य होना चाहिए,

हमें कोई भी काम करना है केवल न्याय प्रिय, सात्विक कर्म करके हम इस जीवन को सफल बना सके, हमें नेगेटिव की तरफ नहीं जाना है। हमें सकारात्मक ऊर्जा के साथ अच्छे विचारों और संस्कारों को पाने के लिए करना चाहिए (Karna Chahiye) चलिए और अधिक महात्मा जी क्या कहते हैं?

साधन पर नहीं बैठते हो? तो कहते है

सतसंग में पहुँच कर लोगों को अभी तक समझ नहीं आई। लोग चिट्ठियाँ लिखते हैं कि आप हमारे माता पिता गुरु हैं। हम आप के सहारे हैं। हमारा प्रेम आप से हो चुका है। हमें कुछ अच्छा नहीं लगता है। हमारी सुरत आकाश में चढ़ा दीजिए। हमें दर्शन दीजिए बड़ी बेचैनी होती है।

चिट्टियाँ लिखकर और उत्तर मांग कर महापुरूषों को परेशान करते हैं। जो रास्ता दया करके दो घन्टा साधन का बताया है इसमें इनका मन 15 मिनट भी नहीं लगता है और बैठते भी नहीं हैं। जब उनके पास जावें और कहें कि आप साधन पर नहीं बैठते हो? तो कहते है कि बहुत गर्मी लगती है पहले 15 मिनट बैठा करता था।

हमें अन्तर में शब्द की गुनगुनाहट हुआ करती थी। आगे पता नहीं चला। इस वजह से 15 मिनट बैठना भी छोड़ दिया है। अब आप ऐसी कृपा करें कि अन्तर में एक दम सुरत चढ़ जावे और अन्तर का रस पा जावे।

हमारा मन विचलित होता है

साफ उत्तर में समझाया जाता है कि जब तुम्हें उपदेश मिल गया और उपदेश देते वक्त कहा था कि आपको 24 घन्टें में से 3 घंटा प्रारम्भ में देना होगा। इसी प्रकार यदि तुम साधन करते रहे और अन्तर द्वार पर बैठते रहे तो जरूर है कि अन्तर में अनुभव होने लगेगा और रस भी मिलेगा।

परन्तु गुरु शब्द का उलंघन करते हुए कुछ भी वक्त साधन में न दिया और गुरु के पास दया मांगते रहे। इस प्रकार इन्द्री द्वार पर दया नहीं पहुँचाई जा सकती है। दया का घाट अन्तर में आँखों के ऊपर है। सुरत इस घाट को अधिक अर्से से त्याग चुकी है। इसी से स्थाई रस मन और सुरत को नहीं मिलता।

हमारा मन स्त्री में लगा रहता है। हमारा मन जो। बच्चे पैदा हमने किये हैं उसमें लगा रहता है। हमारा मन अपने रिश्तेदारों में लगा रहता है। हमारा मन जाति बन्धन के साथ बंधा रहता है। हमारा मन अपने अर्थ स्वार्थ के लिए कितना मेहनत करता है। इन सबके साथ हमारा प्यार रहता है।

हम अपने बच्चों के लिए सब कुछ खर्च करते हैं हर महीनों में और उनकी सारी जरूरियात को पूरी-पूरी लगन के साथ करते हैं। किसी प्रकार उनको कष्ट न होने पावे। तन भी लगाया मन भी लगाया धन भी लगाया, समय खर्च किया। जो मूल्यवान चीज हैं वह सब तो हमने इनके साथ खर्च किया। अब हम विचार करते हैं कि जो अमूल्य स्वांस थी वह तो यहाँ इस प्यार में लगा दी अब कौन-सी स्वांस है जो आप ने गुरु की सेवा में खर्च की।

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चैतन्य रोशनी चाहते हैं तो हमें क्या करना चाहिए? (Kya Karna Chahiye)

गुरू का प्यार तुम्हारी सेवा से बनेगा जब तक तुम गुरु की सेवा नहीं करते तब तक गुरु का प्यार तुम में नहीं पहुँचाया जा सकता है। गुरु अपनी चेतन धारें, जिसमें रोशनी है, उनको तुम्हारी सेवा से पहुँचावेगा। जितना ध्यान गुरु की ओर तुम्हारा होगा उतना ध्यान गुरु का तुममें प्यार के रूप में प्रवेश होगा।

प्रथम में सेवा से गुरू-प्यार बनता है यदि हम गुरु के प्यार की चैतन्य रोशनी चाहते हैं तो हमें Kya Karna Chahiye? यदि हमारे 5 बच्चे हैं तो 6 बच्चे मान लेना होगा। जितना प्यार पांचवें हिस्से में आवे उतना प्यार हमको गुरु के साथ करना होगा और पाँचवां हिस्सा सेवा भी करनी होगी।

गुरु की सेवा से मोह कम हो जावेगा और अन्धकार नष्ट होगा। बगैर गुरु की सेवा अन्धकार अज्ञान नष्ट नहीं हो सकता है। अब हमको पता चला होगा कि स्त्री और बच्चों व कुटुम्बियों की सेवा करने में हमें क्या मिलता है? इनकी सेवा से आत्म रोशनी नहीं मिलेगी।

गुरु अन्तर में बैठा है हमें क्या करना चाहिए?

अब तुलना की जावे तो गुरु को एक रत्ती भर भी नहीं मानते हैं। केवल अपने स्वभाव बस कहते हैं। हमारी आदत कहने की पड़ गई। हम कहना छोड़ते नहीं और गुरु बनावट पर रीझते नहीं। आत्म रोशनी का पिता पाकर यदि तुम उनकी सेवा से आत्म रोशनी न पा सके तो बड़ा अफसोस रहेगा। गुरु अन्तर में बैठा है।

तुम गुरु के दरवाजे पर नहीं जाते हो अफसोस है कि इतना सतसंग सुनाया कि अन्तर में चलो और द्वार पर ही बैठ जाओ। पर एक नहीं सुनना। तुम्हें आँखों के दरवाजे पर बैठना होगा उसी दरवाजे पर गुरु अपनी रोशनी लेकर खड़ा है और तुमको बुला रहा है यहाँ भी आवाज देता है कि अन्तर में द्वार पर बैठो और तुम जब द्वार पर बैठ जाते हो तो उधर से तुम्हें पुकारता है कि तुम ऊपर चढ़ जाओ। इधर भी गुरु मददगार है और उधर भी साथ है।

चिट्ठियाँ क्या लिखते हो?

अन्तर और बाहर का गुरु यही कहता है कि 3 घन्टा साधन में बैठो और कम खाओ कम सोओ और कम बात करो। इन्द्री विकारों को रोको और दो महीना ब्रह्मचर्य का पालन करो। ताकि शरीर में सुस्ती न आवे और मन लगाकर भजन कर सको ताकि तुम्हें अन्तर का रस मिल जावे।

अफसोस! लेकिन एक भी बात नहीं सुनना। हजार दफा अनुभव किया होगा और रस नहीं पाया। पर आदत से लाचार हैं। ब्रह्मचर्य का पालन नहीं करना, शरीर में सुस्ती रहती है। काम रहेगा, क्रोध रहेगा, लोभ रहेगा, मोह जरूर आयेगा और साधन में 15 मिनट भी नहीं बैठ सकेगा।

गुरु से प्यार करना चाहते (Guru Se Piyar Karna Chahte) हो तो इतनी बातें जरूर माननी होगी। सेवा करनी होगी जितना हम अपने बच्चों की करते हैं। ब्रह्मचर्य का पालन 2 माह तक करना होगा। 3 घण्टा साधन जरूर करना है 24 घण्टों में से। इसके बाद आप अपने पत्र में अपनी भूल लिखें और दया माँगें।

रास्ते के दिखाने वाले गुरु

दया काम करती है और पहुँचाई भी जा रही हो और उस पर भी कहा जाता है कि दया दीजिये। कितनी बड़ी भूल और भ्रान्ति है। गुरु अएने बचनों में कहता है कि दया के लिए आया हुआ हूँ। अन्तरात्मा और परमात्मा की रोशनी हो रही नै उसे तुम पा लो। गुरु हिदायत से रास्ता चलता है।

रास्ते के दिखाने वाले गुरु हैं। रास्ते का उत्साह पैदा गुरु करते हैं। जैसे एक व्यापारी किसी अजनबी आदमी से कहता है कि तुम व्यापार करो इसमें बहुत मुनाफा होगा। रास्ता बताता है। उत्साह भी पैदा करता है। तब अजनबी आदमी उस व्यापार को करना शुरू करता है।

काम करते समय उसे कुछ लाभ का अनुमान प्रतीत होता है। अभी लाभ हुआ नहीं है परन्तु अनुमान होता है कि जरूर लाभ होगा। इसी लाभ को विश्वास कहते हैं। गुरु के ऊपर पूरा विश्वास करना होगा। जो वह कहता है उस पर विश्वास होना जरूरी है। पर कर्म करेंगे तब उसका लाभ मालुम होगा। सच्चे सत्तलोक अविनाशी निवासी पुरूष की विभूतियाँ हमेशा से आती रहीं जो कि सोई हुई सुरतों में संस्कार डालती रहीं और आज भी डाल रही हैं।

Frequently Asked Questions (FAQ) Kya Karna Chahiye?

मैं FAQ के माध्यम से कुछ क्वेश्चन के आंसर देने की पूरी कोशिश कर रहा हूँ। यह क्वेश्चन मेरे अपने विचार गुरु महाराज की दया से और महात्माओं के द्वारा दिए गए संदेशों के आधार पर आपके साथ कुछ Ask Your Question का आंसर देने की पूरी कोशिश कर रहा हूँ। इसे आप पढ़े और जिसमें कोई किसी प्रकार की त्रुटि है तो हमें आप अवगत करा सकते हैं उसका सलूशन देने की पूरी कोशिश करूंगा।

Kya Karna Chahiye
Kya Karna Chahiye

1-लाइफ में क्या करना चाहिए?

उत्तर-Life Me Kya Karna Chahiye? हमारी जीवन का असली उद्देश्य होने चाहिए न्याय प्रिय होना, सात्विक होना, तथा लोगों की भलाई के लिए काम करना यह हमारी लाइफ का असली उद्देश्य होना चाहिए, “परहित सहस धर्म नहीं भाई”

2-सुबह उठकर क्या-क्या करना चाहिए?

उत्तर-नींद खुली, आँख खुली, सुबह-सुबह अपने इष्ट देवता परमपिता परमेश्वर का ध्यान कीजिए ताकि आपके जीवन की शुरुआत अच्छी हो सके, Good विचारों के साथ रहे और दिन में अच्छे से अच्छा कर्म की शुरुआत करें, विशेषकर सुमिरन ध्यान भजन पूजा पाठ आदि क्रिया से अपनी दिन की शुरुआत करें। डेली वर्क कोई याद करें।

3-सुबह उठते ही सबसे पहले क्या करना चाहिए?

उत्तर-सुबह उठते ही सबसे पहले आप रोजाना करने वाले काम पर ध्यान दें, आज आपको क्या करना है? उसको अपने दिमाग में सोच बना कर उठे। कठिन काम को सरल बनाने का पूरा प्रयत्न करें और कामयाबी अपना मकसद समझे।

4-कामयाब होने के लिए (Kya Karna Chahiye) क्या करना चाहिए?

उत्तर-जीवन में कामयाब होना चाहते हैं उसके लिए प्रयत्न अभ्यास करने की जरूरत है। हम जीवन में कामयाब हो सकते हैं पूर्ण निष्ठावान से किए हुए कर्म में सफलता मिलती है। “आत्मा विश्वास और प्रभु का साथ” यह जीवन में सफलता प्रदान करता है। यह रामायण में भी कहा गया है जब राम जी रावण के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाले थे। तब श्रीराम ने स्वयं कहा था कि हे रावण जिसके पास आत्मा विश्वास और प्रभु का साथ हैं उसे दुनिया की कोई भी ताकत नहीं हरा सकती है। अपने आप पर विश्वास रखें कि हाँ यह काम हम कर सकते हैं और अपनी परमपिता परमेश्वर इष्ट देव को अपने साथ समझें।

5-रात को सोते समय क्या करना चाहिए?

उत्तर-रात को सोते समय हमें सोने से पहले उस परमपिता परमेश्वर को याद Karna Chahiye, जिसने हमारे दिन में किए हुए कर्मों में मदद की और अच्छा कर्म किया है तो प्रभु का बहुत-बहुत धन्यवाद करना चाहिए, सोते समय आँख बंद करने से पहले अपने इष्ट देव परम पिता परमेश्वर का नाम याद कीजिए और उसका धन्यवाद कीजिए, इसके बाद आप सारी टेंशन को छोड़कर आराम की नींद लीजिए.

6-पढ़ाई में मन ना लगे तो क्या करना चाहिए?

उत्तर-पढ़ाई में मन नहीं लगे तो सबसे पहले अपने आपके अंदर एक के साहस रखना जरूरी है। क्योंकि कुछ बच्चे ऐसे होते हैं कि बहुत सारा पाठ्यक्रम देख करके घबरा जाते हैं और अपने दिमाग में यह टेंशन पालते हैं कि इतना बड़ा कोर्स हम कैसे पूरा करेंगे? अरे आप स्टार्ट कीजिए, शुरुआत कीजिए, पढ़ना तो आपको ही है और भी तो बच्चे पढ़ रहे हैं। अपने आप के लिए एक्टिव रखना है कि हाँ यह काम हम कर लेंगे। आप पढ़ाई की शुरुआत कीजिए, करते जाइए-करते जाइए एक दिन आपको ऐसा महसूस होगा कि हाँ हमने पढ़ लिया है और आप पढ़ते रहेंगे

7-जब मन अशांत हो तो Kya Karna Chahiye?

उत्तर-जब हमारा मन विचलित या अशांत हो ऐसी परिस्थिति में हमें यह सोचना जरूरी है उस परमपिता परमेश्वर को याद करना है कि यह मनुष्य शरीर कुछ ही समय के लिए मिला है और जीवन से लड़ना हमारा मकसद होना चाहिए, हमें अपने आप को यह सोचना है कि सुख-दुख जीवन रथ के दो पहिए हैं। कभी धूप कभी छांव कभी दिन कभी रात इस प्रकार से हमारे दिमाग में टेंशन रखती है जब हम किसी काम से विचलित हो जाते हैं। या उसका सही सलूशन नहीं निकाल पाते हैं, या निराशा असफलता हमारे हाथ लगती है, या किसी से लड़ाई झगड़ा हो जाती है। ऐसे समय में हमारा मन विचलित होता है हमारा मन शांत नहीं रहता। अपने मन को शांत रखना है तो एक बार परम पिता परमेश्वर को याद कीजिए और उसे अपने गुनाहों की माफी कीजिए, उससे अपनी कामयाबी के लिए प्रार्थना कीजिए, हे परमेश्वर हम आपसे प्रार्थना करते हैं हमारे किए हुए बुरे कर्मों से हमें माफी दे और आने वाले समय में हम कामयाब हो इसके लिए मुझे आशीर्वाद दीजिए, आप टेंशन मुक्त हो जाएंगे।

8-सच्चा प्यार पाने के लिए क्या करना चाहिए?

उत्तर-किसी से सच्चा प्यार पाना है तो सबसे पहले अपने आप को उसके हवाले करना है, किसी का दिल जीतना तभी एक सच्चा प्यार मिलता है और पूर्ण रूप से हमदर्दी न्याय प्रिय सादगी से जीवन को संचालित करना किसी में प्यार पैदा कर सकता है।

9-किसी से प्यार हो जाए तो Kya Karna Chahiye?

उत्तर-किसी से यदि आपको प्यार हो जाए तो पूर्ण प्रेम पाने के लिए एक प्रेमी बने। आप किसी भी प्यार को पाने के लिए बताए हुए निर्देशों का पूर्ण रूप से पालन करना है, या उदाहरण के तौर पर ले यदि हमें गुरु का सच्चा प्यार पाना है तो गुरु के द्वारा बताए हुए नियमों का पालन करना। यदि हमें अपनी पत्नी बच्चों और परिवार का प्यार पाना है तो उनके साथ इस प्रकार से अपना बर्ताव करना है ताकि वह आपको अपना ही समझ और किसी को ना समझे। अपने आप को इतनी मेहनत और लगन से उन लोगों के दिल जीतने के लिए पूरी कोशिश करें।

10-मृत्यु के बाद क्या करना चाहिए?

उत्तर-मृत्यु के बाद Kya Karna Chahiye यह तो जो रहता है उसको पता होता है कि क्या करना चाहिए? यदि हमारी मृत्यु होती है तो उसके बाद में क्या कर सकते यह तो भगवान ही जाने जिसने हमें बनाया है। लेकिन हम अपनी मृत्यु के पहले अच्छे और नेक कर्म करके और उस परमपिता परमेश्वर की आराधना करके, उसका साक्षात्कार कर सकते हैं। जीते जी परमात्मा का दर्शन कर सकते हैं। मृत्यु के बाद हम क्या कर सकते हैं यह तो परमात्मा ही जाने। यदि किसी की मृत्यु की बात आती है तो उसके लिए संस्कार और याद इस प्रकार से उनके बारे में कर सकते हैं।

11-जब मन उदास हो तो क्या करना चाहिए?

उत्तर-जब मन उदास हो, बेचैनी हो, विचलित हो, ऐसी परिस्थिति में अपने आप को अकेला और शांत माहौल में सबसे पहले परमात्मा को ध्यान कीजिए कि परमात्मा मुझे शांति दे। मेरे अंदर एक साहस पैदा कर ताकि मैं अपनी बेचैनियों उदासी को मिटा सकूं। उसके बाद आप ठंडा दिमाग में एक गिलास पानी पीजिए और किसी अच्छे किए हुए काम के बारे में याद कीजिए, या किसी हंसी मजाक वाली शब्द को याद कीजिए, आपके दिमाग में थोड़ा टेंशन दूर होगा। आपकी बेचैनी दूर होगी। परमेश्वर से प्रार्थना कीजिए अपने गुरु को अपने हाल बताइए उसका सलूशन जरूर मिलेगा।

12-अपने प्यार को पाने के लिए क्या करना चाहिए?

उत्तर-अपने प्यार को पाना है तो अपने आपको हवाले करें, उसका दिल जीतने की पूरी कोशिश करें। उसकी चाहत क्या है? इसको समझने की पूरी कोशिश करें, यदि हमने किसी की चाहत उसके अंदर दिल में बैठकर आपको उस परिस्थिति में समझ कर सोच लिया कि क्या चाहत है उस चाहत को पूरा करने की कोशिश करें। आप उनके प्यार पर हावी हो जाएंगे।

13-खुश रहने के लिए हमें (Kya Karna Chahiye) क्या करना चाहिए?

उत्तर-यदि हमें खुश रहना है, टेंशन मुक्त रहना है, तनाव मुक्त रहना है, तो उसके लिए हमें लफड़े झपड़े (लड़ाई झगड़े) से दूर रहना होगा। एक सच्ची बात को याद कर रखना होगा कि हम अकेले आए थे अकेले जाएंगे, यह जीवन एक सपना है। यहाँ कोई भी हमेशा के लिए नहीं रहता है। हम उस परमेश्वर की संतान हैं जिसने हमें बनाया है वह भी हमें मिटा देगा। बस सभी के साथ अच्छा कर्म करते जाइए, किसी भी प्रकार की बुराई अन्याय से दूर रहिए और परमेश्वर को साथ समझिए. सुख दुख जीवन का रथ समझिए, आगे कर्म करते जाइए कामयाबी पाने के लिए आप खुश रहें, स्वस्थ रहें, सबसे अच्छा हस के बोले।

14-जिंदगी में क्या करना चाहिए?

उत्तर-जन्म होता है जिंदगी की शुरुआत होती है। हमें जीवन को अपना एक लक्ष्य समझना चाहिए, अपने विचारों से न्याय प्रिय और जीवन के असली उद्देश्य को समझना बहुत जरूरी होता है। क्योंकि परमेश्वर ने हमारे लिए इस पृथ्वी पर जन्म क्यों दिया? क्योंकि हम उस परमपिता परमेश्वर से अलग हो चुके हैं। उसको पाने का हमारा जीवन का असली उद्देश्य होना चाहिए, आप जिंदगी जिए और लोगों को मदद करने के लिए आगे आए, न्याय आपका विचार होना चाहिए, परमेश्वर को पाने का दर्शन करने के लिए लालायित होना जरूरी है।

15-शरीर को स्वस्थ रखने के लिए Kya Karna Chahiye?

उत्तर-शरीर को स्वस्थ रखना है तो विकृतियों से बचना होगा। हमें योग साधना पर गौर देना होगा। सात्विक भोजन करना होगा। शाकाहारी रहना जीवन में अच्छी शांति प्रदान करता है। किसी भी जीव की हिंसा ना करना यह हमारा ध्यान देने योग्य कर्म होना चाहिए, स्वास्थ्य रह सकते हैं बीमारियों से बच सकते हैं परमेश्वर को अपना समझे। उसको अपना हाल बताएँ वह आपकी बात सुनता है। बीमारियों में, परेशानियों में, आपको सही सलूशन देगा। सही मार्ग प्रदान करेगा। बस अपनी गुरु इष्ट देवता को सब कुछ हवाले करें अपने स्वास्थ्य के लिए योग साधना जरूर करें।

16-घबराहट हो तो क्या करना चाहिए?

उत्तर-घबराहट हो तो Kya Karna Chahiye इसके लिए अपने आप को शांत समझे, स्वास्थ्य समझे, अपने आपके अंदर एक एक्टिव सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करने की पूरी कोशिश करें। आप जैसे भी हैं स्वास्थ्य, अपने आप को कमजोर ना समझे। अपने आप में एक जीता जागता एक्टिव समझे। बस जिंदगी से लड़ना है जीवन से घबराहट का भी सलूशन होता है।

17-सेहत बनाने के लिए क्या करना चाहिए?

उत्तर-सेहत बनाने के लिए सकारात्मक रहे, अच्छा पौष्टिक भोजन करें और मांसाहार से बचे। शाकाहारी जीवन स्वास्थ्यवर्धक जीवन होती है। क्योंकि महापुरुषों ने इस बात को कहा है कि जो भी दवाई बनी है, इंसान की दवाई इंसान के लिए, यदि हम किसी पशु पक्षी का मांस खाते हैं तो उसके उस मांस का रस हमारे शरीर में प्रवाहित हो जाता है। इससे दवाई काम नहीं करती है इसलिए अपनी सेहत का ख्याल रखें।

18-बॉडी बनाने के लिए Kya Karna Chahiye?

उत्तर-हमें अपनी बॉडी बनाना है तो अपने आप को एक स्वास्थ्य समझे, मन में उत्साह बनाए रखें, अच्छा खानपान रखें, स्वास्थ्यवर्धक खाना खाए, लोगों की भलाई के लिए अग्रसर हो, ताकि आपको वाह-वाह मिले और लोगों का धन्यवाद मिले। आपकी बॉडी स्ट्रांग रहेगी थोड़ा योगाभ्यास करें, दौड़-धूप करें, आप दिक्कत और परेशानियों से बचेंगे, स्ट्रांग रहेंगे, मजबूत रहेंगे, आपकी बॉडी हष्ट पुष्ट होगी खानपान और योगाभ्यास से,

19-श्राद्ध में क्या दान करना चाहिए?

उत्तर-श्रद्धा में क्या दान करना चाहिए वैसे देखा जाए तो, सिद्धा से किस चीज की प्राप्ति होती है? सिद्धा से ज्ञान की प्राप्ति होती है। इसलिए सिद्धा में हमें अपनी अज्ञानता और अंधकार का दान करना चाहिए, भगवान से प्रार्थना करना चाहिए अच्छी श्रद्धा भाव से। हे परमेश्वर हमारी जीवन का अंधकार निकाल दें और हमें बुराइयों से बचा ले, हमारे जीवन में प्रकाश और उजाला प्रदान करें यही श्रद्धा भाव से करना चाहिए,

20-फिट रहने के लिए क्या करना चाहिए?

उत्तर-फिट रहने के लिए Kya Karna Chahiye? अपने आप को एडजस्ट बनाकर रखें। स्ट्रांग रखें, मजबूत रहे, अच्छी सात्विक भोजन करें और शाकाहार जीवन बिताएँ, योगाभ्यास भी करें,

21-शरीर बनाने के लिए क्या करना चाहिए?

उत्तर-शरीर बनाने के लिए अच्छे खान-पान रखें। विकृतियों से बचें और नियमित दिनचर्या से रहे। योगाभ्यास करते रहे, सुमिरन ध्यान भजन प्रार्थना करते रहे, शरीर आपका टेंशन मुक्त रहेगा। इस शरीर में वृद्धि होगी।

22-परेशानी में क्या करना चाहिए?

उत्तर-यदि हमें किसी प्रकार की परेशानी आती है तो उस परेशानी से बाहर निकलने का सलूशन ढूँढना चाहिए, हम कैसे इन कठिन परिस्थितियों से बाहर निकले? उसके बारे में सोचना और उसका पूर्ण प्रयास करना चाहिए परेशानियों से निकल सकते हैं। बस आपका एक लक्ष्य होना चाहिए, कामयाबी पाने का, परेशानियों से डटकर मुकाबला कीजिए एक ना एक समय आपकी परेशानी गायब हो जाएगी।

23-पढ़ाई करने के लिए Kya Karna Chahiye?

उत्तर-यदि हमें पढ़ाई करना है तो अपना एक टाइम टेबल बनाकर रखें। नियमित अभ्यास करें। अपने सब्जेक्ट को अपने ऊपर बोझ हावी ना होने दें। निरंतर पढ़ाई करते रहे आप पढ़ाई करने में कामयाब हो जाएंगे और आपके दिमाग पर किसी भी प्रकार का बोझ पैदा नहीं होगा।

24-अमीर बनने के लिए क्या करना चाहिए?

उत्तर-अमीर बनने के लिए सबसे पहले हैं कि आप विचारों से अमीर बनना चाहते हैं या दौलत से अमीर? यदि अमीर विचारों का बनना चाहते हैं तो आप अपने इतने सकारात्मक विचार रखें कि लोग यह सोचे कि यह गरीबी में भी विचारों का धनी है। यदि आप धन दौलत के हिसाब से अमीर बनना चाहते हैं तो उसके लिए आप नियमित निरंतर प्रयास करें और उस प्रयास को जब तक जारी रखें तब तक आप कामयाब नहीं हो जाते हैं।

25-मन को शांत करने के लिए क्या करना चाहिए?

उत्तर-यदि मन में शांति चाहते हैं तो लड़ाई झगड़े से मुक्त रहें। अपने नियमित क्रिया कर्म पर ध्यान दें और अधिक से अधिक आध्यात्मिक या भौतिक लाभ के लिए प्रयास करें। न्याय प्रिय रहे, सात्विक भोजन करें और टेंशन से बचें। किसी भी झगड़े से दूर रहें मन में शांति रहेगी। परिवार में शांति बनाने का पूरा प्रयास करें। सुमिरन ध्यान भजन जरूर करें, महात्माओं का सत्संग करें और उनके वचनों का पालन करें मन में शांति मिलेगी।

26-जब कोई साथ न दे तो (Kya Karna Chahiye) क्या करना चाहिए?

उत्तर-जब हमारा कोई साथ नहीं दे उस समय में हमको एक साथ की जरूरत होती है। हम अपने आप को कमजोर और अकेला मत समझो। क्योंकि कमजोर समझेंगे तो दूसरी बुराइयाँ और विपदाएँ हमारे ऊपर हावी हो जाएंगी। अपने आप को अकेला नहीं समझे। क्योंकि आपका इष्ट देवता गुरु परमेश्वर आपके साथ है। जहाँ हमारा कोई साथ ना दे उस समय हम परमेश्वर आत्मा विश्वास रूपी साथ को लेकर चल सकते हैं। भगवान जब हमारा एक रास्ता बंद कर देता है तो दूसरा रास्ता भी खोल देता है। बस इसी को समझ कर चलना है।

27-संकट के समय क्या करना चाहिए?

उत्तर-सुख-दुख, हानि-लाभ संकट यह हमारी जीवन में आ सकते हैं। यदि हमारे ऊपर कोई भारी संकट आ गया है तो वह संकट हमेशा हावी नहीं रहता है। उसका भी एक समय होता है। हमारे जीवन से जाने का, जिस प्रकार संकट आया है उसी प्रकार से संकट हमारे जीवन से जाएगा। अपने आप को भगवान का साथ समझे और परमेश्वर से प्रार्थना करें कि हे भगवान हमें परेशानियों से निकालो। उस संकट व परेशानी से संघर्ष करें, आप का संकट धीरे-धीरे समय के साथ निकल जाएगा।

28-सुंदर दिखने के लिए क्या करना चाहिए?

उत्तर-सुंदर दिखने के लिए Kya Karna Chahiye? देखा जाए तो शारीरिक सुंदरता अलग चीज होती है। जो क्षणिक होती है। यदि आप अपनी सुंदरता को लंबे समय के लिए बनाए रखना चाहते हैं तो उसके लिए अच्छे नेक कर्म, अच्छे विचार और लोगों की भलाई के लिए हमेशा काम करना, बोलना, बात करना, आपके जीवन में आपको अनुभव होगा कि हाँ हम औरों की तुलना में सुंदर है। केवल लोगों के साथ अच्छे बर्ताव और नेक कर्तव्य पर यह मुमकिन है।

29-किसी को भूलने के लिए क्या करना चाहिए?

उत्तर-किसी को भूलना है तो उसे जीवन से अलग करें, अपना नहीं पराया समझे। क्योंकि अपना होता हमारे करीब और दिल में होता। हमारे दिल में तू आता है उसे निकालने के लिए उसे अपना बेवफा या अपना ना समझना ही अच्छा है।

30-नींद ना आए तो Kya Karna Chahiye?

उत्तर-यदि हमें नींद नहीं आती है इसका पूरा मतलब है कि आप किसी बेचैनी या कोई ख्वाब में जी रहे हैं। यदि हमें भरपूर नींद लेनी है तो शारीरिक मेहनत करना जरूरी है। क्योंकि जब हमारे शरीर में थकावट होगी, हमारा शरीर आलस मांगेगा। हम मेहनत करेंगे किसी भी काम में, यदि आप ऑफिस जाते हैं तो वहाँ मेहनत से काम करें। यदि आप मजदूरी करते हैं उससे मेहनत, यदि आप घर पर रहती हैं तो कोई शारीरिक कसरत या योगाभ्यास, आप टेंशन मुक्त रहें, जीवन में जो भी होगा अच्छा भी होगा, आने वाला समय अच्छा ही होगा, शाम को परमेश्वर को याद करें अपनी थकावट को शांत करने के लिए भरपूर नींद लें।

निष्कर्ष

दोस्तों ऊपर से आपने नीचे तक कंटेंट पढ़ा है Kya Karna Chahiye? जीवन में क्या जरूरी है? ऐसे बहुत से शब्दों साथ में FAQ के माध्यम से भी आपने कुछ महत्त्वपूर्ण प्रश्नों का उत्तर जाना। आशा है ऊपर दिए गया कंटेंट आपको जरूर पसंद आया होगा। अपने दोस्तों के साथ भी सोशल शेयर बटन पर क्लिक कर अधिक से अधिक शेयर करें। जय गुरुदेव मालिक का आशीर्वाद सबको प्राप्त हो, सबकी अच्छी मनोकामनाएँ पूर्ण हो और मालिक सबके साथ रहे। इसी शुभकामना के साथ जय गुरुदेव।

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