बाबा जी के सतयुग आगवन साकेत महायज्ञ में 33 करोड़ देवता उपस्थिति

सतयुग आगवन साकेत महायज्ञ: महानुभाव स्वामी जी महाराज ने जो सत्संग में करोड़ों लोगों के बीच कुछ भविष्यवाणियाँ की और सरयू नदी के मैदान पर बाबा जी ने यज्ञ रचाया, दूसरा सतयुग आगवन साकेत महायज्ञ अहमदाबाद में साबरमती नदी के किनारे संपन्न हुआ। जिसमें 33 करोड़ देवता यज्ञ में उपस्थित रहे, इन भविष्यवाणियों को जानते हैं।

अयोध्या में सरयू नदी के उस यज्ञ

जय गुरुदेव अयोध्या में सरयू नदी के उस पार रेतीले मैदान में मई 77 में बाबा जी ने यज्ञ रचाया और देवता प्रसन्न हुए।

गन्ना और चावल का रिकार्ड उत्पादन हुआ। इतनी अधिक पैदावार हुई कि किसानों को गन्ना खेत में जलाना पड़ा। बाबा जी ने कहा कि हमारी तालीम जो इस पराविद्या की है सब जगह फैल रही है और पूरे हिन्दुस्तान में फैल जाएगी। यह राजनीति नहीं है, यह समाजनीति नहीं है और न कोई दूसरी बात है।

बाबा जी ने कहा:

मैं तो राजनीति वालों से कहता हूँ कि तुम मेरा थोड़ा-सा साथ दे दो तो फिर देखो कितनी जल्दी इस समाज का नैतिक सुधार होता है और साथ ही सारे देश में अमन चैन व सुख फैल जाता है।

मैं तो चाहता हूँ कि मिनिस्टरों को भी सुना दूँ और जनता को भी सुना दूँ। मगर अभी लोग कम सुनते हैं पर एक दिन उन्हें सुनना ही होगा। समय सबको खींचकर अपने आप ले आएगा।

See also  वक्त की पुकार (Waqt Ki Pukar) फिर परिवर्तन हो जाएगा

अभी तुम चाहे जैसे रह लो पर आगे वक्त खराब आ रहा है फिर तुम्हें मजबूरन सुनना होगा क्योंकि और कहीं शान्ति मिलेगी ही नहीं। शान्ति के लिए, कष्टों से बचने के लिए जब तुम दौड़ेंगे तो शान्ति तो केवल महात्माओं के पास ही मिलेगी अन्यत्र कहीं नहीं। तब तुम्हें मजबूरन आकर सुनना होगा। समय तुम्हें ले आएगा। मेरी बात सही और सत्य उतरेगी।

दूसरा सतयुग आगवन साकेत महायज्ञ

दूसरा सतयुग आगवन साकेत महायज्ञ अहमदाबाद में साबरमती नदी के किनारे 25-12-1977 से 5-1-1978 तक हुआ। किसी के दिल दिमाग में वहाँ का नक्शा, वहाँ की जन उपस्थिति का अन्दाज नहीं था।

33 करोड़ देवता यज्ञ में उपस्थित

एक व्यक्ति के इशारे पर असंख्य जन समूह आया था यह सबके लिए हैरत की बात थी। 33 करोड़ देवता यज्ञ में उपस्थित थे और उन्होंने जनता की खुशहाली के लिए प्रस्ताव भी पास किए जिसकी घोषणा बाबा जी ने की।

बाबा जी ने यह भी कहा कि यदि कोई शासक जनता को खुशहाल बनाना दिल्ली की भूमि पर बैठकर चाहता है तो खुशहाल नहीं बना सकता है। गांधी महात्मा चूक गए हम चूकने वाले नहीं हैं। गांधी जी केवल राजनीति के साथ जुड़े थे और हम धर्म के साथ चलकर काम करेंगे।

धर्म सबमें एक है-एक आत्मा है, एक परमात्मा है। इस बात को सोचना विचारना है। अद्वितीय परिवर्तन होगा। सारे विश्व के लोग भारत भूमि को सिजदा करने लगेंगे।

सतयुग भारत में स्थापित होगा

सारे विश्व को यहाँ की विभूतियाँ नचाया करती थीं वही वक्त आने वाला है। चीन, अमेरिका, रूस नहीं बचेंगे तो छोटे-मोटे मुल्कों का क्या? भारत की भौतिक प्रगति, आध्यात्मिक प्रगति को देखकर विश्व के लोग दाँतों तले उंगली दबाएंगे।

See also  कयामत (मौत) के दिन अन्त में क्या काम आयेगा?

भारत औतारी शक्तियों का केन्द्र ऐसा बनेगा कि सारा विश्व यहाँ के लोगों को गुरु मानने लगेगा। मैं यह जानता हूँ कि हमारी बातें लोगों को अटपटी उल्टी मालूम होती हैं। महात्माओं की भाषा जल्दी समझ में नहीं आती, निकट में आने पर समझ में आने लगती हैं।

मैंने देवताओं से प्रार्थना की

मैंने देवताओं से प्रार्थना की और कहा कि भारत का सम्मान होना चाहिए। उन्होंने प्रस्ताव पास कर दिया। विदेश मंत्री उपस्थित थे। मैंने उनसे भी कहा कि आप एक हो जाइए जो जनता को वचन दिया है। अगर कोई वचन से हटता है तो आप समझ लीजिए कि महान आत्माओं का प्रादुर्भाव होगा।

वह महान आत्माएँ शासन की बागडोर सम्हाल लेंगी फिर चाहे राज्य किसी को दें। रावण मारकर राज्य एकबारगी किसी को दिया जा सकता है, देवताओं ने प्रस्तावों पर दस्तखत कर दिया है।

निष्कर्ष

महानुभाव अपने ऊपर दिए गए कंटेंट में स्वामी जी महाराज द्वारा कुछ की गई भविष्यवाणी जो आज सिद्ध होती है ।महात्माओं के वचन पत्थर की लकीर होती है और वह वचन कभी मिथ्या नहीं होते हैं। स्वामी जी महाराज ने जो सतयुग आगवन साकेत महायज्ञ मैं भविष्यवाणियाँ की वह आपने पड़ी, सत्संग आर्टिकल पढ़ने के लिए धन्यवाद, जय गुरुदेव मालिक सब पर दया करें।

और भविष्यवाणियाँ पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Link- चिमगादड़ टापू हरिद्वार में बाबा जय गुरुदेव जी की भविष्यवाणियाँ

Comments are closed.