
में Balbodi Ramtoriya, एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर और ब्लॉगर, [jaigurudev.co.in] पर आध्यात्मिक और प्रेरणादायक सामग्री के लिए काम करते हैं। मेरा उद्देश्य समाज को सही मार्गदर्शन और ज्ञान देना है। इस वेबसाइट पर गुरुजी के संदेश, धर्म, और अध्यात्म से जुड़ी जानकारी साझा करता हूं ।
बाबा जय गुरुदेव जी से लगवा
मैं Balbodi Ramtoriya अपने बारे में बताना चाहता हूं। बाबा जय गुरुदेव जी महाराज से मेरा लगाओ कैसे हुआ? जी हां हमारे गांव मोहल्ले में सत्संग हुआ करता था, मैं उसे सत्संग में जाया करता था लोग सत्संग करने के बाद भजन करते समय कपड़ा डालकर बैठते थे। मुझे अचम्मा लगता था आखिर में यह लोग क्या करते हैं जब मेरी age 18 वर्ष की थी।
कॉलेज से प्रेरणा
मैं कॉलेज में B.A. क्लास में पढ़ाई कर रहा था। हिंदी शास्त्र के माध्यम से टीचर के द्वारा बताया गया। कबीर साहब के बारे में पढ़ाई की जा रही थी। जिसमें बताया गया था कि मैं उसे दशरथ पुत्र राम की बात नहीं कर रहा हूं, मेरे दिमाग में यह प्रश्न उठा आखिर में दशरथ पुत्र राम की बात नहीं करते हैं? तो किस राम की? कबीर साहब फिर किस राम की बात करते हैं? बस मेरे दिमाग में यह क्वेश्चन लग गया कि, आखिर में वो राम कौन हो सकता है? मैंने तो एक राम ही सुना है।
गांव में सत्संगी प्रेमी
मथुरा में बाबा जय गुरुदेव जी महाराज के सत्संग के लिए हमारे गांव से लोग जाया करते थे। मैं भी लोगों से कहता था कि मुझे भी जाना है, लेकिन मैं जा नहीं सका, क्योंकि सच कहा है कि महात्मा का दर्शन पूर्व जन्म की पूर्ण और बिना आज्ञा के किसी को नहीं हो सकते हैं। मैं 1999 में बाबा जय गुरुदेव जी महाराज के सत्संग और दर्शन के लिए गांव से अकेला ही चल दिया।
मेरे पास उतना पैसा भी नहीं था मात्र 90 रुपया गांव से जाने के लिए मैं तैयार हो गया, और मैंने यह भी नहीं सोचा था कि इतना पैसा किराया का यात्रा में हो जाएगा कि नहीं, और मथुरा आखिर में कहां है मैंने सोचा भी नहीं था। मैं अकेला ही चल दिया मलिक ने सच्ची कहा है कि भगवान के नाम पर, *परमात्मा के नाम पर निकल पढ़ो वह आपका हाथ थाम लेगा* ठीक इसी प्रकार से मेरी कहानी थी।
प्रथम बाबा जय गुरुदेव दर्शन
मैं बाबा जय गुरुदेव जी महाराज के सत्संग में अगहन मास 1999 में पहुंचा। मैने बाबा जय गुरुदेव जी महाराज का दर्शन किया सत्संग किया तब से लगातार उनके चरणों का प्रेमी हो गया हूं। और में अपना मलिक मानता हूं। दुनिया में सब स्वार्थ के साथी हैं कोई किसी का नहीं है, प्रथम माता-पिता और उसके बाद गुरु शिक्षा देने वाला, और पूरी जिंदगी और सातों जन्म का ठेकेदार परमपिता परमेश्वर स्वरूप ही अपने गुरुदेव हैं। जो सही रास्ते को बताते हैं। अपने निज धाम अपने स्वयं के घर का पता बताते हैं। ऐसे सद्गुरु को मैं बारंबार नमन करता हूं ।
दोस्तों मेरा कहने का मतलब यह है कि मेरे साथ कहीं ऐसी घटनाएं घटित हुई जो बाबा जय गुरुदेव जी महाराज पर विश्वास करते हैं उन पर कोई भी घटना का असर नहीं होता है। वह सब कुछ सॉल्व कर देते हैं। स्वामी जी महाराज ने सत्संग के माध्यम से कहा है कि यदि आपको त्रिशूल लगना होगा तो कांटे से काम चला लिया जाएगा बिल्कुल सत्य है।
इस वेबसाइट पर लिखने का उद्देश्य
मैं इस वेबसाइट (jaigurudev.co.in) पर कंटेंट इसलिए लिखता हूं क्योंकि मैं पढ़ा लिखा युवा हूं। उसके साथ-साथ मलिक के चरणों से लगा हुआ हूं। मैं भी पढ़ सकूं और हमारे अच्छे प्रेमी भाई बहन, सत्संगी भाई बहन, और नेक विचारधारा वाले लोग पढ़े। इस कलयुग के नकारात्मक विचारों को बदलें और सत्य एवं नेक विचार पर चलें।
क्योंकि जितने भी महात्मा आए सबने अहिंसा सत्य और नेक रास्ते को बताया है। जिस पर चलकर इंसान अपने जीवन का सफर शांति और सुकून से व्यतीत कर सकता है।
में एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हैं जो विभिन्न वेबसाइट्स पर काम करते हैं। में शिक्षा, करियर, और प्रेरणा से जुड़े विषयों पर ब्लॉग लिखता हूं। मेरी लेखन शैली SEO और E-E-A-T गाइडलाइन्स को ध्यान में रखते हुए होती है। मेरा उद्देश्य समाज में सकारात्मक बदलाव लाना और लोगों को जानकारीपूर्ण सामग्री प्रदान करना है। आप मेरे (Balbodi Ramtoriya) के बारे में अधिक जानकारी के लिए (topjobgyan.com) Page par [यहां] प्राप्त कर सकते हैं।
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