जब हमारी सांसो की पूंजी खत्म होगी, तब हमारा क्या हाल होगा? यह महात्मा सब कुछ अपने सत्संग के माध्यम से बतलाते हैं परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने सत्संग में बताया है कि जब इस मनुष्य शरीर की सांसो की पूंजी खत्म होती है फिर इसके बाद यह जीव आत्मा कहाँ जाती है? कैसी इसकी गति होती है? सत्संग में महात्मा सीधे और सरल बातों में लोगों को समझाते हैं और कहते हैं।
प्रभु कहाँ है संसार के मनुष्यों को जानकारी कराई जाती है। आप सब सोचो कि हम कहाँ से आए हैं और कहाँ जाएंगे। क्या यह शरीर तुम्हारा है जो घमण्ड करते हों?
जब स्वांसों की पूंजी खत्म होगी
सोचो! जब स्वांसों की पूंजी खत्म होगी, तत्काल शरीर से जीवात्मा को मकान मालिक निकाल देगा। धन, दौलत, मकान, जमीन, दोस्त-मित्र, भाई-बन्धु, पति-पत्नी यहाँ छूट जाएंगे। किसके लिए जोड रहे हो?
कहाँ जाओगे तुम नहीं जानते हों। सुनो, हम आप को बताते हैं। जब तुम पशु-पक्षियों के शरीरों में बन्द किए जाओगे, जब नर्को की आग में जलाये जाओगे तो कौन बचायेगा कभी सोचा है? मांस, मदिरा, अण्डा छोड़ो और पशु पक्षियों हत्या मत करो ये पाप कर्म है यह पाप कर्म काल का कर्जा है जो देना होगा।
बचो और बचाओ
बीमारी आ रही है बचो और बचाओ। शाकाहारी रहो। दया करना महापुरुषों से सीखो वर्ना वक्त निकला जा रहा है। अहिन्सा राज कायम करो प्रजा तब सुखी होगी! कुदरत का चक्र चलने जा रहा है, अच्छी की नसीहत पकड़ो। बाबा जयगुरुदेव
सत्संग निष्कर्ष
महानुभाव ऊपर दिए गए सत्संग आर्टिकल में परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के द्वारा सुनाए गए सत्संग के वह महत्त्वपूर्ण अंश हैं, जो हमारी जीवन से जुड़े हुए हैं । जब हम इस शरीर को छोड़ेंगे, स्वांसों की पूंजी खत्म होगी तब हम कहाँ जाएंगे? और महात्माओं ने हमारे लिए क्या उपदेश दिया? ताकि हम अच्छी नसीहत पकड़े, दिनांक: 04.03. 2001 को सत्संग में कहा था। आशा है आपको ऊपर दिया गया सत्संग कंटेंट अच्छा लगा “जय गुरुदेव मालिक की दया सब को प्राप्त हो”
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