Devi Devta और भगवान के मिलने का रास्ता इसी मनुष्य मन्दिर से

जीते जी भगवान को प्राप्त करना इसी मनुष्य शरीर से साकार हो सकता है। जी हाँ Devi Devta और Bhagwan से मिलने का रास्ता इसी मनुष्य रूपी मंदिर, यानी इसी मनुष्य शरीर (Manushy Sarir) से गया है। बस बताने वाला चाहिए और उस रास्ते पर चलने का साहस हुआ टारगेट होना चाहिए, आपकी मंजिल दूर नहीं है। उस परमपिता परमेश्वर की असीम कृपा से आप भी जीते जी देवी देवता (Devi Devta) और भगवान (Bhagwan) खुदा गॉड अल्लाह से मिल सकते हैं। चलिए महापुरुषों ने इसी टॉपिक पर क्या कहा? जानते हैं।

Devi Devta और भगवान के मिलने का रास्ता
Devi Devta और भगवान के मिलने का रास्ता

Devi Devta और भगवान के मिलने

किसी महात्मा की खोज करके उससे पूछो Devi Devta और भगवान के मिलने का कौन-सा रास्ता है? तो जो जानता होगा रास्ता तुमको मनुष्य शरीर में बतायेगा। फिर घर में रह के दिन में खेती करो, दुकान और दफ्तर का काम करो। शाम को बच्चों की सेवा करो और एक घण्टा का समय लगाकर मनुष्य रूपी मन्दिर (Man Temple) में सच्चे भगवान का अपनी जीवात्मा से भगवान का भजन करो तब वह परमात्मा मिलेगा।

जीते जी मरने के बाद बच्चा मिलने वाला नहीं है। तुम ये सोचते हो कि मेरे लोग पीछे के चले गये तो स्वर्ग चले गये तो उनकी कोई चिट्ठी पत्री तुम्हारे पास में आयी है। कि मैं स्वर्ग में पहुँच गया हूँ और तुम यहाँ बैठे हुए हो। स्वर्ग के दरवाजे पर और तुमको भी पता नहीं है कि स्वर्ग क्या चीज है? और दरवाजे पर बैठते ही इधर मनुष्य शरीर का दरवाजा उधर स्वर्ग का दरवाजा और मनुष्य शरीर (Manushy Sarir) में बैठकर स्वर्ग नहीं जा सकते हो तो मरने के बाद पहुँच जाओगे?

मनुष्य मन्दिर में खोज करो

उनकी तो कोई चिट्ठी-पत्री नहीं आयी कि मैं यहाँ पहुँच गया हूँ और तुम भी चले आना। तुम भी चले आओगे और तुम जानते हो कि मेरे जाने वाले घर के कहाँ गये, उनका पता तुमको नहीं है इसलिए मनुष्य शरीर के द्वारा अगर तुम पहुँच गये स्वर्ग (Heaven) में तो पहुँच गये और ऊपर चले गये तो चले गये और नहीं पहुँचे तो स्वर्ग में जाने वाले मरने के बाद नहीं हो।

इसलिए खोज करो ये मनुष्य मन्दिर (Manushy Mndir) है। ये असली मन्दिर घण्टे घड़ियाल चौबीस घण्टे परमात्मा के बज रहे हैं लेकिन तुम्हारी अगर आँख बन्द हो जाय कान बन्द हो जाय तो बाहर से ना कुछ सुनायी देगा ना दिखायी देगा। इसी तरह से तुम्हारी अन्दर की दिव्य आँख (celestial eye) और दिव्य कान तुम्हारे बन्द हो गये। दिखायी और सुनायी नहीं देता।

दिव्य नेत्र खोलकर Devi Devta और भगवान दर्शन करो

तुम्हारे अन्दर की दिव्य आँख कान खुल जांय तो सुनायी और दिखायी देगा। मन्दिर में, सच्ची आरती करो तो खुश हो जायेगा, प्रसन्न हो जायेगा तुम्हारा हो जायेगा कल्याण पूजा करो प्रेम के साथ पूजा कर लो लेकिन देवता (Devta) से ये कहो कि मुझे सद्बुद्धि दो कि मनुष्य रूपी मकान में बैठकर मैं अपनी जीवात्मा को जगाऊँ और दिव्य नेत्र खोलकर आपका सच्चा दर्शन करूं।

ये ठीक और ये मांग मांगो कि कोई महात्मा जानने वाले मिल जायें जो वहाँ तक पहुँचे और देवी देवताओं (Devi Devta) के पास और उस परमात्मा के पास और वह हमको रास्ता बता दें और उनकी कृपा से और उनकी दया से रास्ता पा जायें हम। आपके पास और भगवान के पास पहुँच जायें।

Devi Devta से प्रार्थना करो

ये देवी देवताओं से गंगा जमुना से प्रार्थना करना चाहिए और ये प्रार्थना करनी चाहिए कि ऐसी सद्बुद्धि दो कोई पाप कर्मा ना करें। कोई झूठ ना बोलें, धोखा ना दें, बेईमानी ना करें। जितना भी काम करें, नेक काम रें, पुण्य का अच्छा काम करें। किसी को मारें नहीं, किसी को सतायें नहीं, न किसी के घर में, किसी के खेत में चोरी ना करें। ये देवी देवताओं (Devi Devtayo) से प्रार्थना आपको गंगा जमुना में स्नान करते समय करना चाहिए।

निष्कर्ष:

महानुभाव ऊपर दिए गए सत्संग आर्टिकल के माध्यम से आपने यह जाना कि जीते जी देवी देवता और भगवान का दर्शन कैसे कर सकते हैं? यदि हमें सच्चे महापुरुष मिल जाए तो यह रास्ता सुलभ हो सकता है। आशा है आपको ऊपर दिया गया कंटेंट जरूर अच्छा लगा होगा, मालिक की दया सब पर बनी रहे, जय गुरुदेव।

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