Professor Harar: इजराइल के भविष्यवक्ता प्रो. हरार की भविष्यवाणी

महानुभव, इस भविष्यवाणी क्रम में हम आपको इजरायल की भविष्यवक्ता Professor Harar की भविष्यवाणी सत्संग आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले हैं। क्या कहती हैं Santon ki bhavishyavani और प्रोफेसर हरार ने दिव्य पुरुष के बारे में भी बताया है। चलिए जानते हैं प्रो. हरार की भविष्यवाणी।

प्रो. हरार की भविष्यवाणी

Professor Harar की भविष्यवाणी

प्रोफेसर हरार का जन्म इसराइल के एक धर्मनिष्ठ यहूदी परिवार में हुआ था। अपनी अचूक और सत प्रतिशत सत्य भविष्य वाणियाँ के लिये वे विश्व में विख्यात हैं। उन्होंने नवयुग आयेगा सम्बन्धी एक विचार गोष्ठी में अपने विचार व्यक्त किये थे।

उन्होंने कहा रात्रि का प्रथम प्रहर जब में प्रगाढ़ निद्रा में होता हूँ स्वप्न में एक दिव्य पुरूष (Divya purush) के दर्शन करता हूँ। किसी जलाशय के निकट बैठे हुए उस योगी के मस्तक में जहाँ दोनों भौंहें मिलती है मुझे अर्घ चन्द्र के दर्शन होते हैं। उसके बाल श्वेत, शुभ्र वेष-भूषा वर्ण ग़ौर तथा पैरों में चर्म-विहीन पाहन या पादुकायें होती हैं।

उसके आस पास अनेक सन्त सज्जन व्यक्तियों की भीड़ दिखाई देती है। उनके मध्य में जलती हुई छोटी बड़ी ज्वालायें देखता हूँ। यह लोग कुछ बोलते हुए अग्नि में कुछ वस्तुएँ छोड़ते हैं। उसके धुएँ से आकाश छा रहा है।

Divya purush उपदेश कर रहा

सारी दुनिया के लोग इधर उधर ही दौड़े आ रहे हैं। उनमें से कितने ही पीड़ित, अपंग और अभाव-ग्रस्त भी होते हैं। वह दिव्य देह धारी पुरूष उन सबको उपदेश कर रहा है। उससे सबके मन में प्रसन्नता भर रही है।

लोगों के कष्ट दूर हो रहे हैं। लोग आपस में द्वेष भूलकर परस्पर मिल-जुल रहे हैं। स्वर्गीय सुख की वृष्टि हो रही है। धीरे-धीरे यह प्रकाश उत्तर की ओर बढ़ रही है और किसी पर्वत के ऊपर दिव्य सूर्य की तरह चमकने लगता है।

वहाँ से प्रकाश की किरणें वर्षा के जल की भांति उठती और सारे पृथ्वी मंडल को आच्छादित कर लेती है। वस यही आकर स्वप्न का अन्त हो जाता है।

Professor Harar का कहना है:

प्रोफेसर हरार का कहना है कि ऐसे किसी दिव्य पुरूष (Divya purush) का जन्म भारतवर्ष में हुआ है। वह 1970 तक आध्यात्म क्रान्ति की जड़े बिना किसी लोक यश के भीतर ही भीतर जमाता रहेगा और उसके बाद उसका प्रभुत्व सारे एशिया और विश्व में छा जाएगा।

उसके विचार इतने मानवतावादी और दूरदर्शी होंगे कि सारा विश्व उसके कथन को सुनन और मानने को बाध्य होगा जबकि विज्ञान सारे विश्व में धर्म और संस्कृति को नष्ट करके चौपट कर देगा तब वह धार्मिक क्रान्ति का सूत्रपात करेगा और लोग ईसा के जन्म से पूर्व की तरह अग्नि, जल वायु आकाश सूर्य और नैसर्गिक तत्वों के उपासना के महत्त्व को समझने लगेंगे।

अरब और इसराइल के युद्ध की घोषणा उन्होंने काफ़ी समय पूर्व कर दी थी। उनका कहना था कि प्रारम्भ की टक्कर बहुत जोरदार होगी। अरब का बहुत भाग छिन्न जायेगा। फिर जार्डन सीरिया, मिश्न आदि मिल कर भी उसे वापस नहीं ले सकेंगे। पहली टक्कर में इसरायल की जोरदार जीत होगी।

फिर छिट-पुट युद्ध चलता रहेगा। सन् 1979 में एक बार फिर जोरदार टक्कर होगी। इस युद्ध में धर्म के नाम पर अरब देश विश्व के अधिकांश इस्लामी देश को संगठित कर लेगा।

इसरायल, अमेरिका, ब्रिटेन आदि की मदद से अरबों पर बुरी तरह से टूट पड़ेगा और इस युद्ध में मुसलमानों की जनसंख्या घट कर संसार से सभी जातियों से कम हो जायेगी। इस तरह इस्लाम संस्कृति का पूरी तरह से अंत हो जायेगा।

राजनीतिक परिवर्तन

सन् 1970 से 2000 तक तीव्र राजनीतिक परिवर्तन होंगे। ब्रिटेन, लंका, रूस, फ्रांस और भारतवर्ष में अप्रत्याशित रूप से सरकारें बदलेंगी।

भारतवर्ष में अप्रत्याशित रूप से सरकारें भी बदलेंगी। भारत वर्ष में भी युद्ध होगा। मिन्त्र जैसे दिखाई देने वाले पड़ौसी देश आक्रमण करेंगे या आक्रमण के समय मौन रहेंगे। अधिकांश प्रतिपक्ष का समर्थन करेंगे। प्रजातंत्र होते हुए भी अधिकांश राज्यों में राष्ट्रपति शासन होगा।

सन् 1972 के बाद नेतृत्व उन लोगों के हाथ में होगा जिनकी पहले लोगों ने कल्पना भी न की होगी। वे लोग वीर होने के साथ-साथ धर्मनिष्ठ होंगे।

प्रोफेसर हरारे के अनुसार रूस और चीन में जबर्दस्त टक्कर होगी। चीन आणविक अस्त्र-शस्त्रों के अतिरिक्त एक नई युद्ध प्रणाली जर्म्स वार (इस युद्ध में दुश्मन देशों ने बीमारियों के कीटाणु फैला दिये जाते हैं। जिससे तीव्र बीमारियाँ फैलती और लोग बिना युद्ध के मरने लगते हैं) की शुरुआत करेगा।

रूस चीन का मुंह तोड़ जबाव देगा और उसकी अब तक की समस्त वैज्ञानिक प्रगति को नष्ट भ्रष्ट कर देगा। इस बीच तिब्बत स्वेच्छा से भारत से सम्बंध कर लेगा।

भारतवर्ष की उन्नति

सन् 1980 तक सारे संसार की स्थिति विश्व युद्ध जैसी हो जायेगी। उसमें अधिकांश छोटे-छोटे देश टूटकर बड़े देशों में विलीन हो जायेंगे। भारत वर्ष इन सबका अगुआ होगा। संयुक्त राष्ट्रसंघ अमेरिका से टूटकर भारतवर्ष चली जायेगी। वहाँ उसका नये सिरे से संगठन होगा। भारतवर्ष चिरकाल तक उसका अगुआ और अध्यक्ष बना रहेगा।

भारत वर्ष विलक्षण आयुधों का निर्माण करेगा। हिमालय में किसी गुप्त खजाने और बहुमूल्य सांस्कृतिक उपदानों का गुप्त भंडार मिलेगा। हिमालय के अधिकांश भाग में गुप्त भंडार मिलेगा। हिमालय के अधिकांश भाग में आबादी हो जायेगी वह देश दुनियाँ का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल होगा।

रूस, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस व खगोलीय सफलतायें अर्जित नहीं कर सकें, वह भारतवर्ष अकेले ही कर लेगा। इस भारतवर्ष की उन्नति के लिये लोग दांतो तले उंगली दवायेंगे। सबसे आश्चर्य की बात यह होती कि वह सब धार्मिक विचार वाले लोगों के द्वारा होगा।

सारी दुनिया के लोग भारतीयों के समान शाकाहारी होंगे। दुनिया में एक ऐसी भाषा का विस्तार होगा जो आज सबसे कम बोलो व पढ़ी जाती है।

निष्कर्ष:

महानुभाव आपने इस सत्संग पोस्ट के माध्यम से Professor Harar की भविष्यवाणी को पढ़ा, आशा है आपको यह bhavishyavani ज़रूर अच्छी लगी होगी और अधिक भविष्यवाणी या और संतों की वाणी पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट को बराबर फॉलो करते रहें। जय गुरु देव।

Santon ki bhavishyavani

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