सच्ची होली जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता। यह त्यौहार सच्चा नहीं
रंग बिरंगी होली खेलने का मजा लेता है, लेकिन महात्माओं ने सच्ची होली खेलने का मजा अलग ही बताया है। होली कब है कैलेंडर तारीख के हिसाब से डिसाइड होता है। लेकिन आत्मा की होली जो सच्ची होली होती है वह उस परमपिता प्रभु या राधा-कृष्ण, सीता-राम अपने प्रिय के साथ जब चाहे तब खेल … Read more