बाबा जयगुरुदेव की चेतावनी: भारत पर आणविक हमला होने पर आध्यात्मिक शक्ति उसे विफल कर देगी। यदि विश्व के सारे राष्ट्र एक साथ मिलकर भारत पर हमला करें तो भी जीत नहीं सकेंगे। भारत विश्व का गुरु बनने जा रहा और विवश होकर सभी उसके आगे नतमस्तक होंगे।
जयगुरुदेव’नाम उस महाप्रभु का है जो सबका मालिक है। आने वाले भयंकर समय में जब कोहराम मचेगा तब’ जयगुरुदेव’ नाम जीवों की रक्षा करेगा। ।
महाबली एक शासक होगा, धर्म-मुकुट सिर पर धारेगा।
धरा से देगा पाप हटाय, जय गुरुदेव की वाणी॥
बहुत गईथोड़ी रही
सब मसाले तैयार रक्खे हैं केवल भारत में ही नहीं विश्व के सभी मुल्कों में। महात्मा जरा-सा हट जॉय तो मिन्टों में पता नहीं क्या से क्या हो जाय। ये लोग जो कहते हैं ये ऊपर से कहते हैं पर जो देखने में आ रहा है वह यही है। जब जनसंख्या कम हो जायेगी तो अपने आप लोगों का मिलना जुलना कम हो जाएगा।
औतारी शक्तियाँ समझाती हैं
औतारी शक्तियाँ आती हैं तो वह समझाती हैं लेकिन कर्म फल देती हैं, मार काट मचवा देती हैं। उनको आप से क्या लेना देना। आप ने जो किया है वह भोगो। सन्त महापुरुष सोचते रहते हैं कि यह मनुष्य शरीर फिर नहीं मिलेगा। तो जो समय दो दिन दस दिन बरस दो बरस बचा है उसमें जीव कुछ अपनी आत्मा का कल्याण कर ले क्योंकि अगर ऐसे चला गया तो मनुष्य शरीर मिलेगा नहीं।
Otari (औतारी) शक्तियों का क्या वह तो सबको साफ करा देती हैं। इतिहास में ये है कि जितनी आबादी पहले थी उतनी अब नहीं है केवल भारतवर्ष में ही इतने आदमी थे कि सारे विश्व में उतने नहीं थे पर वह लिखा है संस्कृत में उसे कोई-कोई ही समझ पाता है। इसीलिए पुराना इतिहास छूट गया लोग नए इतिहास को याद करने लगे।
आप लड़ते हो। कोई कहता है हमारा मजहब खतरे में है, कोई कहता है हमारा धर्म संकट में है। इसी क्रूर कर्मों की लड़ाई हो रही है समझता कोई नहीं। वह तो महात्मा हैं। जो आते हैं, सबका भेद बताते हैं और कोई बता भी नहीं सकता।
जब मैं पहले कहा करता था कि
सत्संग सुना करो तो राजनीति का बहुत बड़ा भूत सिर पर चढ़ा हुआ था। अब भूत उतर गया। प्रधानमंत्री जेल में जा रहा है। चाहे भारत हो चाहे विदेश हो तब तो समझते थे कि वहाँ बहुत बड़ा। आनन्द मिल जाएगा, बहुत कुछ मिलेगा। कितना भी मिल जाय खाओगे तो उतना ही जितना पेट है। यह तो नहीं कि भर लोगे एकदम।
यहाँ कौन मंत्री नहीं आया? सब प्रधानमंत्री आए। मैंने पूछा तो एक-एक बोले कि रुपया तो इतना है कि चालीस पुश्त तक बैठ कर खा सकते हैं। अब सोच लीजिए चालीस पुश्त! हमने कहा बाबू जी खा सकते हो तो खाते क्यों नहीं?
जो समय बचा है उसमें मालिक का नाम ले लो
बोले कि अरे महाराज हट जाऊँगा तो एक हजार मुकदमे चल जायेंगे, मैं तो उसी में फंस जाऊँगा। अब बताइए क्या मिला? पैसा भर लिया, मुकदमे से डर रहे हैं अब ये परेशानी है। मैं तब सबको समझाता रहा कि साथ कुछ नहीं जाएगा तो किसी की समझ में नहीं आया।
हमारे पास तो हर तरह के लोग अमीर गरीब सब आते हैं। सब लोग चिल्लाते हैं कि हमारा सब कुछ खत्म हो गया, धन्धा मन्दा हो गया, पैसा नहीं आ रहा है। जब चिल्ला रहा था तब तो समझे नहीं तो अब तो ये है कि जो समय बचा है उसमें मालिक का नाम ले लो। बाबा जयगुरुदेव
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Last Updated on 23, January, 2023