Delhi Se राजधानी हटेगी | देश की व्यवस्था | समय आ गया सतयुग का?

जय गुरुदेव महानुभव, Delhi se राजधानी हटेगी क्या? क्या होगी देश की व्यवस्था, क्या समय आ गया है सतयुग आने वाला है। गीता में कृष्ण ने क्या कहा, क्या कहते हैं कल भगवान। आदि तमाम बातों को जय गुरुदेव सत्संग आर्टिकल में प्रोवाइड किया गया है। महानुभाव महात्माओं की भविष्यवाणी मिथ्या नहीं होती है। मगर समय जरूर लगता है पता नहीं कब क्या हो जाए, चलिए बाबा जय गुरुदेव जी महाराज ने अपने सत्संग माध्यम से क्या कहा जानते हैं।

Delhi se राजधानी

Delhi se राजधानी हटेगी क्या?

दिल्ली से राजधानी हटेगी और वह सौ किलोमीटर से दूर होगी। परन्तु जिस जगह पर होगी उस ज़मीन का शोधन किया जायेगा। शुभ मुहूर्त में कार्य किया जायेगा और बच्चे इस काम को करेंगे।

जय गुरुदेव बाबा ने आगे कहा कि मैं कोई विदेशी नहीं हैं। मैं भारत का हूँ और इन्हीं माताओं के गर्भ से जन्म लिया है। मैं 101 अपने राष्ट्रभक्त हूँ, समाज सुधारक हूँ तथा आत्म कल्याण का सन्देश देता हूँ। दिल्ली की गद्दी मुझे नहीं चाहिए दिल्ली की गद्दी सड़ गई है और तुमको हटाकर कोई और बैठ जाये तो वह भी सड़ जायेगा।

काल भगवान कहते हैं ( kal Bhagwan)

निरंजन भगवान जिन्हें काल भगवान कहते हैं और जिनके पुत्र ब्रह्मा, विष्णु, महादेव इस सृष्टि का कार्य देखते हैं इस समय ख़ुद परेशान हैं क्योंकि उन्हें आज कोई नहीं मानता है। उन्होंने मुझसे कहा कि आप जिस तरह से चाहे और जो भी सहयोग चाहे वह मिलेगा। फिर बाधा किस बात की है?

Jay Gurudev की बात आई तो इसका मतलब यह नहीं कि राम को नहीं मानता, कृष्णा को नहीं मानता, कृष्णा की तरह योग करने की बात को नहीं मानता हूँ। युग का परिवर्तन अब धन के प्रचार से होगा, लोग ईश्वरवादी होंगे, सत्यता आयेगी, प्रेम आयेगी, अहिंसा की भावना आयेगा।

आगे सतयुग आयेगा (satyug)

इन सबकी कल्पना अब लोगों में आने लगी है। आगे सतयुग आयेगा। भारत में इतना बड़ा विकास आध्यात्मिक, भौतिकवाद का होगा कि उसकी कल्पना आप के मस्तिष्क में नहीं है। विश्व के लोग इस प्रगति को दख कर दातों तले उंगली दबायेंगे।

आध्यात्मिकता के द्वारा ही इस देश का निर्माण होगा। किसी दूसरे तरीके से नहीं होगा। आगे नामदान बहुत लोग लेंगे-कर्म कुशलता लोगों में बढ़ेंगे। भारत में बीस करोड़ लोगों का जन जागरण पूरा हो चुका। मरने वाले लोग तो मारे जा चुके हैं और रक्षा होने वाली की रक्षा हो चुकी है। निशाने पूरे बन चुके हैं और अब तो केवल अर्जुन का गांडीव उठेगा और वह तीर छोड़ता चला जायेगा। तुममें से जो चाहे वह श्रेय ले लें। चक्र सुदर्शन तो चल ही रहा है।

जयगुरुदेव नाम से (Jay Gurudev name)

सन् 1972 के अन्दर आध्यात्मिक क्रान्ति के जुड़े भारतवर्ष में फैल गई। भारतवर्ष में जहाँ मैं नहीं भी गया हूँ वहाँ भी जयगुरुदेव का नाम पहुँच गया है। जयगुरुदेव नाम से प्रेम आ जायेगा, शराब छूट जायेगी, मांस, मछली छूट जायेगी और जो भी बुराइयाँ मनुष्यों में आ गई हैं सब छूट जायेगी।

यह काम एकाएक नहीं होगा धीरे-धीरे होगा मगर इसका आभास शुरू में ही मालूम होने लगेगा। डरने की कोई आवश्यकता नहीं है लोगों ने देख लिया है कि एक-एक स्थान पर एक-एक दो-दो तीन-तीन चार-चार लाख की उपस्थिति होती रही। सारे संसार में धर्म फैलने वाला है।

अब समय आ गया (time a Gaya)

धर्म अवश्य फैलेगा। इसे कोई रोक नहीं सकता है। अब समय आ गया है कि तुम्हें महात्माओं की बातों को सुनना पड़ेगा। बगैर उनकी बातों को सुने न तौ तुम्हें सुख मिल सकता है और शांति मिल सकती है ऐसे मलीन युग में संतों की कृपा से ही जीव बच सकता है।

मैंने सच्चा अध्यात्मवाद लोगों को पहले सुनाया तो उन्होंने मुझसे कहा कि महाराज हम तकलीफ में रहते हुए ईश्वर तथा परमात्मा की बात नहीं सुन सकते हैं। फिर मैंने कर्म की बातों सुनाना शुरू किया मैंने कहा कि तुम मांस, मछली, अण्डा, मुर्गी हड़ताल तोड़ फोड़ आन्दोलन, ताड़ी भाग शराब रिश्वत एवं अनैतिक कामों को नहीं छोड़ोगे तब तक तुम्हें शांति नहीं मिलेगी।

देश की व्यवस्था (country system)

आज की परिस्थिति में जब तक देश की व्यवस्था नहीं ठीक होती है लोगों के चरित्र नहीं उठते हैं तब तक सुख की कामना करना एक भूल है। इन 25 वर्षों में जो हालत देश की हुई है वह तुम्हारे सामने हैं। गांधी महात्मा ने कहा था कि आज़ादी मिल चुकी है और अब भारत खुश हाल हो जायेगा। उनका स्वप्न टूट गया।

देश में महान आत्माओं का जन्म हो चुका है। यह भारत भूमि धर्म भूमि है और जब-जब इस भूमि पर पाप और अत्याचार बढ़ जाता है तब वह यहाँ आकर के अधर्मियों का संहार करती है और धर्म की स्थापना करती है.

गीता में कहा (Geeta me)

इस बात को राम ने कहा और कृष्ण ने भी गीता में कहा। वर्तमान शासन भविष्य में बदल जायेगा। नई कांग्रेस भी समाप्त हो जायेगी। बच्चे भारत का नेतृत्व करेंगे। अच्छे लोगों के लिए बहुत ही अच्छे साबित होंगे और दुष्ट प्रकृति वालों के लिए बड़े कठोर होंगे।

न्याय करने में वे अपने सगे सम्बन्धियों को भी नहीं माफ़ करेंगे। इसलिए अभी से आप मेरी बातों को मान लें और धर्म की तरफ़ मुड़ जाए इसी में आप की भलाई है। यदि आप मेरी बातों को भी नहीं मानते हैं तो आप को पछताना होगा।

निष्कर्ष

महानुभाव ऊपर दिए गए सत्संग आर्टिकल में अपने परम संत बाबा जय गुरुदेव जी महाराज के द्वारा दिए गए सत्संग वचनों का वाचन किया। जिसमें मुख्य रूप से Delhi Se राजधानी हटेगी क्या इसके बारे में बताया, काल भगवान क्या कहते हैं? सतयुग आएगा देश की व्यवस्था क्या होगी, इन तमाम बातों को बताया है। आशा है ऊपर दिए गए सत्संग आर्टिकल आपको जरूर अच्छा लगा होगा। अपने दोस्तों को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। जय गुरुदेव

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