मरने के बाद क्या होगा (Marne Ke Bad Kya Hoga) इसका पता-पता महान आत्मा जो संत स्वरूप ही होती हैं वह सब कुछ जानती हैं। क्या होने वाला है? इसी जीते जी शरीर से परमात्मा और आत्मा का दर्शन दीदार कराती हैं। इस संसार में कुछ महान आत्माएँ आती हैं, हमें वास्तविकता का ज्ञान कराती हैं कि मरने के बाद क्या होगा? ठीक महात्मायो के माध्यम से हम प्रैक्टिकल कर सकते हैं और जान सकते हैं। चलिए जानते हैं कुछ सत्संग के महत्त्वपूर्ण अंश, Marne Ke Bad Kya Hoga कैसे पता होगा? चलिए शुरू करें। जय गुरुदेव…
मरने के बाद क्या होगा (Marne Ke Bad Kya Hoga)
Marne Ke Bad Kya Hoga इसका पता हम नहीं लगा सकते हैं। ना ही हमारे पास कोई चिट्ठी आती है, ना ही हम डायरेक्ट वहाँ से कांटेक्ट कर सकते हैं ना ही किसी सेल्यूलर फोन से बात कर सकते हैं कि जब इस शरीर से जीव आत्मा निकलती है हमारा शरीर प्राण हिन हो जाता है उस समय हमें पता नहीं होता है कि मरने के बाद क्या होगा?
लेकिन हाँ इसका पता हम महात्माओं के द्वारा लगा सकते हैं जो इस संसार में महान आत्माएँ आती हैं वह सब कुछ जानती हैं। जीते जी सब कुछ करके दिखाती हैं और अपनी आत्मा और परमात्मा का मेल कराती हैं। ऐसी महान आत्मा के पास यदि हम पहुँच गए और उनका सत्संग और वचनों का पालन किया और हम उस योग साधना पर कायम रहे तो हम निश्चय ही मरने के बाद क्या होगा (Marne Ke Bad Kya Hoga) इसका पता लगा सकते हैं।
क्योंकि वह सब कुछ प्रैक्टिकल कराते हैं, हमको समझाते हैं, करने का तरीका बताते हैं और हमारी मदद करते हैं। हम इसी शरीर में रहकर अपने शरीर से प्राण कैसे निकाल सकते हैं? कैसे वापस ला सकते हैं? यह महात्मा जीते जी करने की प्रक्रिया बतलाते हैं।
मौत के समय कैसा लगता है (Marte Samy Kaisa Lagta)
इस सच्चाई को छुपाए नहीं जा सकती है यह निश्चय ही सत्य है क्योंकि प्रकृति का नियम है कि मनुष्य की मृत्यु (Mrityu) निश्चय है और उस मृत्यु का हम कैसे पता या अनुभव कर सकते हैं क्योंकि जिस समय मृत्यु (Mrityu) निकट होती है उस समय हम जुबान से किसी से कुछ कह भी नहीं सकते हैं कि हमारा क्या अनुभव है?
कैसा प्रतीत होता है? क्या देखता है? यह सब उस समय की पीड़ा या सुख का अनुभव लोगों के साथ साझा नहीं कर पाते हैं। लेकिन हाँ यदि हम महात्माओं के बताए हुए नियमों पर चले तो हम इस सच्चाई को आसानी से जान सकते हैं।
यह तभी मुमकिन होगा जब हम महात्माओं के बताए हुए योग साधना पर चलते रहें। अपनी साधना और निरंतर अनुभव करते रहे उस समय हम गुरु की कृपा लेकर के हम मौत के समय में कैसा लगता है इसका अनुभव कर सकते हैं। देख सकते हैं इसी शरीर से देखा जा सकता है महात्माओं ने यह अपने सत्संग के माध्यम से सब कुछ कहा है।
जीते जी मरने की प्रक्रिया (Jeete Ji Marna)
महान आत्मा पंच भौतिक शरीर मैं आकर जीते जी मरने की प्रक्रिया बताते हैं। कहने की प्रथा चली आ रही है कि मरने के बाद स्वर्ग मिलता। बात सच है अन्तर नजरिए का है। यानी कहीं स्वर्ग है जो मिलता है लेकिन वह पंच भौतिक शरीर से परे है। नारद जी के लिए कहते हैं कि वह जब चाहते थे ध्यान लगाया और स्वर्ग पहुँच गए, देव लोक पहुँच गए, शिव लोक, विष्णु लोक पहुँच गए।
यह सिद्ध करता है कि इस मानव शरीर के अन्दर से रास्ता है जो स्वर्ग लोक को जाता है। वह जीते जी जाते थे और फिर आकर स्वर्ग का हाल बताते थे, ब्रह्मा, विष्णु, महेश के सन्देश सुनाते थे ऐसा इतिहास में आता है। यह सब बातें इतिहास की पढ़ी सुनी तो हमने भी थी लेकिन तब ऐसा सोचते थे कि यह सब काम ऋषियों मुनियों का है
हम साधारण इन्सानों का नहीं है। लेकिन जब से जयगुरूदेव बाबा का सत्संग सुना उनके चरणों में बैठे तब यह मालूम हुआ कि स्वर्ग क्या उसके आगे बड़े-बड़े लोक लोकान्तर हैं जो मरने के बाद मिलते हैं लेकिन ये मरना जीते जी मरना है।
सुरत शब्द योग की साधना (Surst Sabdy Sadhna)
पहले की क्या क्रियायें थीं? इसका तो ज्ञान नहीं मुझ को, पर सुरत शब्द योग की साधना के द्वारा जीते जी मरने (Mrityu) की प्रक्रिया जो जाना जाता है और इस शरीर से आजाद होकर आत्मा अनेक बड़े-बड़े मण्डलों को लोकों को पार करती हुई अपने सच्चे देश यानी सत्तलोक पहुँचती है।
शरीर से उनका सम्बन्ध तब तक रहता है जब तक स्वांसों की पूंजी रहती है। आत्मा आएगी जाएगी, वहाँ के भेद बताएगी, सुख आनन्द को बताएगी, नर्कों के कष्ट को बताएगी, चौरासी लाख योनियों को समझाएगी, कर्मों के बन्धन को समझायेगी। ऐसी ही महान आत्मा को कहते है सन्त, फकीर।
निष्कर्ष
महानुभाव सज्जनों ऊपर दिए गए सत्संग आर्टिकल के माध्यम से आपने यह जाना कि मरने के बाद क्या होगा (Marne Ke Bad Kya Hoga) क्या हम जीते जी मर सकते हैं? जीते जी हम परमात्मा का दर्शन दीदार कैसे और कब कर सकते हैं? यह आपको पूर्ण महात्माओं के सत्संग में सुनने को अवश्य मिलेगा। आशा है आपको ऊपर दिया गया सत्संगा आर्टिकल जरूर अच्छा लगा होगा। जय गुरुदेव मालिक की दया सब पर बनी रहे
और अधिक सत्संग पढ़ें: जय गुरुदेव का सत्संग जीवन को मोड़ सकता है। Jay Gurudev ka Satsang