जय गुरुदेव का सत्संग जीवन को मोड़ सकता है। Jay Gurudev ka Satsang

Jay Gurudev ka Satsang जीवन को मोड़ सकता है महात्माओं के सत्संग से हमें जीवन की सही राह मिल सकती है जन्म मरण की सच्ची गाथा जान सकते हैं। मानव शरीर में आने का सही उद्देश्य पता लगा सकते हैं। जीते जी हम परमात्मा से मिल सकते हैं, कितनी सच्चाई है? कैसे अनुभव किया जा सकता है? कैसे हम गुरु का सहारा लेकर अपने जीवन को सफल बना सकते हैं? चलिए आज हम जय गुरुदेव का सत्संग की महत्त्व को जानते हैं। जय गुरुदेव का सत्संग जीवन में नई राह कैसे दे सकता है? कुछ महत्त्वपूर्ण ह्रदय भाव विचार जरूर पढ़ें। जय गुरुदेव,

Jay Gurudev ka Satsang
Jay Gurudev ka Satsang

जय गुरुदेव का सत्संग (Baba Jaigurudev ji ka Satsang)

बाबा जयगुरुदेव जी मथुरा उत्तर प्रदेश की भूमि पर 2012 से पूर्व जो मानव समाज के लिए एक धर्म उद्गम का संचार हुआ जिसको आप सभी जानते ही होंगे। जय गुरुदेव जी के सत्संग की लीला जानने और देखने योग्य हैं। बाबा जयगुरुदेव के बहुत से ऐसे अनुयाई हैं जो उनके जीवन में काफी अच्छा बदलाव देखने को मिलता है।

जब पूर्ण महात्मा के वचनों का बीज इस मानव शरीर पर पड़ता है तो उससे शांति और सुकून का अंकुर देखने को मिलता है। ठीक इसी प्रकार से बाबा जय गुरुदेव का सत्संग मानव जीवन के लिए एक धर्म की बेल पैदा कर रहा है और लोगों के अंदर शांति सुकून का भाव पैदा हो रहा है जिसमें दया प्रमुखता ह्रदय भाव है।

जीवन का सही लक्ष्य (Jeevan Ka Sahi Rahssy)

मानव समाज के लिए अच्छा रास्ता चयन करना जीवन का सही लक्ष्य होता है। हम इस संसार में आए हुए हैं और भटक चुके हैं। अपने सच्चे निज घर से, क्योंकि जब बच्चा माँ के पेट में रहता है तो उस शब्द ध्वनि के साथ उसका संपर्क रहता है।

जैसे ही माँ के गर्भ से बाहर निकलते हैं इस संसार में, इस भौतिक संसार में आते ही हम उस शब्द ध्वनि से दूर हो जाते हैं और संसार के इस माया के जाल में फंस जाते हैं। मनुष्य जीवन पाने का सही अर्थ उद्देश्य केवल पूर्ण महात्मा ही बदला सकते हैं।

संसार की सच्चाई (Sansar Ki sacchai)

हालांकि आम संसारी लोगों की भाषा में इसे कहें तो, खाना-पीना, रहना यश और मौज करना, पैसा जुटाना, बंगला, घोड़ा, गाड़ी तैयार करना, बस इसी में रहते हैं। लेकिन इसकी सच्चाई यह है कि जब यह मनुष्य शरीर हम छोड़कर इस संसार से जाएंगे तो इसका किसी को पता नहीं रहता है कि शरीर नष्ट होने के बाद हमारी जीव आत्मा कहाँ जाएगी?

यदि इसकी सच्चाई जाननी है तो पूर्ण महात्मा की खोज करनी चाहिए, धरती पर बहुत से ऐसे महात्मा है जो इस भेद को जानते हैं। ठीक उनमें से बाबा जय गुरुदेव का सत्संग भी आपकी आंखें खोल सकता है। इस जीवन की सच्चाई से रूबरू करा सकता है।

बाबा जय गुरुदेव का सत्संग (Baba Jay Gurudev ka Satsang)

जय गुरुदेव जी महाराज का सत्संग आपको जगह-जगह मिल जाएगा और गुरु महाराज के आदेश अनुसार रविवार और गुरुवार को लोग अपने घर या सार्वजनिक स्थानों पर सत्संग कार्यक्रम करते हैं हालांकि नामदान जिनको आदेश है उनके द्वारा मिल जाएगा।

आप सत्संग चाहे मथुरा करें या उज्जैन यदि गुरु महाराज के भंडारे होते हैं तो उनमें भाग जरूर लेना चाहिए क्योंकि गुरु महाराज की कुछ ऐसी दया होती है जिससे बाबा जयगुरुदेव के सत्संग में जाते ही हमारी सारी समस्या और मन में उठने वाले सारे सवालों का जवाब मिल जाता है हालांकि मैं अपनी एक कहानी आपके साथ साझा कर रहा हूँ।

राम शब्द से पैदा हुआ मेरा प्रश्न है? (God is Ram Words)

मैं अपने जीवन गाथा से जुड़ा हुआ वाक्य आपके साथ साझा कर रहा हूँ जब मैं कॉलेज में पढ़ाई कर रहा था तब मैं ने हिन्दी साहित्य में एक जगह ऐसी शब्द को पढ़ा कि उसने मेरे दिमाग में एक प्रश्न पैदा कर दिया। जिसका सलूशन ना तो हमारे टीचर के पास था और ना हमारे दोस्तों के पास था।

मैंने हिन्दी साहित्य में एक पंक्ति में पढ़ा था कि कबीर साहब कह रहे हैं कि मैं उस राम के बारे में मैं कह रहा हूँ जो दशरथ का बेटा नहीं है। Kabeer साहब ने कहा कि मैं दशरथ पुत्र राम की बात नहीं कर रहा हूँ। तब मेरे दिमाग में ख्याल आया कि राम तो मैंने एक सुना है देखा है और टीवी सीरियलों में भी देखा है कि दशरथ पुत्र राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न चारों भाई,

राम की महिमा के बारे में (Ram Ki Mahima)

जिस राम की महिमा के बारे में जानता था। मगर कबीर साहब कह रहे हैं कि मैं उस राम की चर्चा कर रहा हूँ जो दशरथ पुत्र राम नहीं है? तब मेरे दिमाग में प्रश्न उठा कि जब दशरथ पुत्र राम की बात नहीं कर रहे हैं तो किस राम की बात कर रहे हैं?

मैंने सोचा समझा लोगों से पूछा पर उसका कोई जवाब नहीं, मेरे अड़ोस पड़ोस में जो गुरु भाई थे। बात लगभग 1999 की थी। मेरे पड़ोस में बाबा जयगुरुदेव जी का सत्संग हुआ करता था। लोग प्रार्थना करते थे, पत्रिका के माध्यम से गुरु वचनों का वाचन करते थे और फिर सुमिरन ध्यान भजन की प्रक्रिया करते थे।

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बाबा जयगुरुदेव जी के सत्संग में (Jay Gurudev ka Satsang)

लोग कपड़े डाल कर के बैठ जाते थे मैं देखता रहता था कि लोग कपड़ा डालकर क्या करते हैं? यह भी मेरे दिमाग में एक प्रश्न उठने लगा कि बाबा जयगुरुदेव जी के सत्संग में लोग कपड़ा डालकर क्या करते हैं? तब मैंने सोचा कि मैं मुझे बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के दर्शन जरूर करना चाहिए वही इस भेद को बताएंगे।

आखिर में मैं अकेला चल गया और गुरु महाराज की दया का में पात्र बना। उनका दर्शन दीदार किया और जिस समय मैंने उनका दर्शन दीदार किया आज भी इस ह्रदय में वह जगह बनाए हुए हैं। उसका-उसका विवरण में अगले किसी आर्टिकल के माध्यम से आपके साथ सांझा करूंगा। कि कैसे मैंने गुरु महाराज के दर्शन पाए?

निष्कर्ष

महानुभाव प्रेमियों मैंने यह वाक्य लिखने का साहस किया और उनकी दया से आप तक पहुँचा। बाबा जय गुरुदेव जी के सत्संग के माध्यम से आपके दिमाग में उठने वाले तमाम प्रश्नों का सलूशन मिल जाएगा। क्योंकि हजारों लाखों लोगों के दिमाग में ऐसा प्रश्न होता है कि गुरु महाराज एक ही शब्द के माध्यम से सारे लोगों का जवाब सीधे तौर पर दे देते हैं और लोग अच्छी तरह से समझ लेते हैं। आप गुरु महाराज जी का सत्संग करिए, संत महात्माओं की खोज कीजिए और हमें सच्चे महात्मा ही जीवन का सही राह दे सकते हैं। आशा है आपको ऊपर दिया गया कंटेंट जरूर अच्छा लगा होगा जय गुरुदेव, Balbodi Ramtoriya

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