Real Message: परिवर्तन केवल भारत का न होकर पूरे विश्व में होगा

महानुभव, महात्मा सत्संग से मैं माध्यम से आम जनता के बीच Real Message देते हैं। भविष्यवाणी सच्चा संदेश सुनते हैं और जनमानस सुधार के लिए सब कुछ दाव पर लगा देते हैं ।बाबा जय गुरुदेव जी महाराज ने करोड़ों लोगों के बीच में वह बीज डाला है जो आवाम के जीवात्मा की खुशी के लिए जीवात्मा के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए रियल मैसेज अपने सत्संग के माध्यम से दिया है चलिए जानते हैं।

Real Message of Jai Gurudev

नई दिल्ली 7 नवम्बर 1973 राष्ट्र के नाम भेजे गये अपने एक सन्देश में जयगुरुदेव बाबा ने कहा कि आध्यात्मिक क्रान्ति की जड़ें जो सन् 70, 71 और 72 के अन्दर ही अन्दर बिना किसी लोक यश के जमती रही और फैलती रही अब उनमें अंकुर फूटने लगी हैं।

सन् 73 में 15 फरवरी से 9 अक्टूबर तक 4 करोड़ 33 लाख नर नारियों को बैठाकर सच्चा सन्देश (Real Message) परमात्म्मण का, सुख और शान्ति का धर्म का मैंने सुनाया, शराब, मांस, मछली को छुड़ाया, जुआ, चोरी कतलों को छुड़ाया, रिश्वत और नान से दूर से दूर किया। ऐसा देश भक्ति का सन्देश अखबार और रेडियो पर नहीं आय।

पत्रकार अपनी रिपोर्ट जगह जगह के पत्रों को देते रहे हैं। प्रधान मंत्री ने अखबारों का मना कर दिया था कि बाबा जयगुरुदेव का समाचार तथा उनके सत्संग के भीड़ का हवाला अगर आप ने निकाला तो आपका कोटा हर किस्म का बन्द कर दिया जायेगा। पत्रकारों ने मुझ से इस बात को बताया और कहा कि हम हम इनके बन्धन से मुक्त हो जायेंगे तो हम इनकी सारी कलई खोल देंगे।

परिवर्तन केवल भारत का न होकर पूरे विश्व में

इस आध्यात्मिक और वैचारिक क्रान्ति के द्वारा जिस प्रकार मैंने देश में खूनी क्रान्ति को रोक दिया और अब इनके ही द्वारा ही हर तरह के परिवर्तन होने जा रहे हैं। यहां परिवर्तन (change is the rule of the world) केवल भारत का न होकर पूरे विश्व में होगा। भारत सभी राष्ट्र का अगुआ बनेगा और विश्व के देशों में भारत सबसे बड़ा राष्ट्र होगा।

भारत के आस पास के देश टूट कर भारत में मिल जायेंगे। India में बना हुआ विधान सभी देशों में लागू किया जायेगा और सभी देश इसको सहर्ष स्वीकार करेंगे। सुरक्षा परिषद और विश्व कि न्यायपालिका भारत में चली जायेगी। सब देशों के लोग अपना न्याय करने के लिए भारतवर्ष में आयेंगे।

भारत की आध्यात्मिकता को प्राप्त करने के लिए अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस व अन्य सभी देशों के लोग हिन्दुओं के खान-पान और पहनावे को अपना लेंगे और हिन्दू धर्म को स्वीकार करेंगे। सारा विश्व शाकाहारी हो जायेगा। ये सारे परिवर्तन होकर रहेंगे। कोई माई का लाल इसे अब रोक नहीं सकता है।

लेकिन इसके पहले तुम्हें बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। इन तकलीफों को तुम बर्दाश्त करके पार कर जाओ फिर तुम्हें बहुत बड़ा सुख मिलेगा जिसका तुम सभी अनुमान भी नहीं कर सकते हो।

चारों तरफ हाहाकार मच जायेगा

आगे भारत और विश्व के मुल्कों में सूखा पड़ेगा। कुये से तालाब सब सुख जायेंगे और कहीं कहीं जमीन के अन्दर का जल श्रोत भी सूख जायेगा। अन्न नहीं मिलेगा। चारों तरफ हाहाकार मच जायेगा, करोड़ों लोग मर जायेंगे। ऐसे महा भयानक समय में Real Message तीन मिनट में भगवान को तुम याद न करने लगो तो मुझे बाबा मत कहना।

ऋषियों मुनियों की इस पावन तपोभूमि हरिद्वार से देश और दुनिया के सुधार के लिए अवतरित शक्तियां अब मैदान में उतरेंगी और कार्य शुरु करेगी। इनका कार्य कैसा होगा, इनका न्याय कितना निष्पक्ष और ऊँचा होगा, जनता की भलाई के लिए ये कितने संलग्न होंगे यह तो आपको समय बतायेगा।

एक बात जरूर है कि न्याय की कसौटी पर ये बच्चे इतने खरे होंगे कि अपने सगे सम्बन्धियों को भी साफ नहीं करेंगे। त्याग की कसौटी पर ये इतने सच्चे उतरेंगे कि जनहित में इन्हें अपना तन, मन, धन सब कुछ लगाना पड़ा तो उसके लिए भी ये तैयार रहेंगे।

जनमत का ये बच्चे इतना सम्मान करेंगे कि जनता को इनके को इनके कार्यों से जरा भी असन्तोष हुआ अथवा ये जनता से किये गये अपने वादों को पूरा करने में असफल रहे तो ये अपनी गद्दी तत्काल छोड़ देंगे। अब ऐसे बच्चे हरिद्वार में इकरारनामा भरेंगे और अब कार्य क्षेत्र में उतरेंगे।

रावण किसे कहते हैं

जितने भी रावण है देश और दुनियां में अब उनका खात्मा निश्चित है। वो बच नहीं सकते हैं। रावण किसे कहते हैं जो अंग्रेजी पढ़ा, तथा सब विधाओं का ज्ञाता होता हुआ भी सच्ची बातों को न माने, अपने झूठे अहंकार में माने, बड़ाई के लिए हर तरह के नैतिक अनैतिक कार्यों को करने में न हिचके ऐसे रावण अब मरेंगे त्रेता का रावण भी बहुत बड़ा विद्वान था।

उसके राज्य में बहुत वैभव था, सोने की लंका फिर भी उसका नैतिक पतन इतना नहीं हुआ था जितना कि आज ये लोगों का हो गया। ऐसे रावण चाहे जहां हो मथुरा में ही न हो आवश्यक मरेंगे और जहां जहां जब रावण मरेगा दुनिया उसको देखेगी।

भक्तों की रक्षा सदा से होती आई है और अब भी होगी। यदि लंका में विभीषण की कुटिया बच सकती थी तो अब भी ईश्वर को मानने वाली और धर्म पर चलने वालों की रक्षा ऐसे भीषण समय में की जायेगी। प्रेमियों ! तुम्हें चिन्ता करने की कोई बात नहीं है। भयंकर समय के कष्टों में परमात्मा का और महात्माओं का हाथ तुम्हारे सिर पर होगा। तुम भजन सुमिरन में लगे रहना, अपने पथ से विचलित मत होय। वह परम पिता अन्तर्यामी है।

तुम्हारी जरूरतों को जो समझता है उसी के अनुसार तुम्हारी रक्षा करता है। तुम भूख भूख में बर्दाश्त कर लेना लेकिन कभी उससे रोटी मत मांगना ।

Real Message जमाने के साथ बदले जाओगे

उससे हमेशा उसकी दया और तकलीफों को बर्दाश्त करने की शक्ति मागना वैसे वह स्वयं ही बहुत दयालु हैं। जबकि दुनिया अपने कर्मअनुसार आए हुए अकाल व कष्टों से पीड़ित होगी उस समय अगर तुम्हें एक रटी भी मिल जायेगी तो यह उस परमात्मा की कितनी बड़ी कृपा तुम्हारे ऊपर होगी। इसलिए तुम्हें चिन्ता करने की कोई बात नहीं है। जब जैसा समय आयेगा उसके अनुसार तुमसे सब कुछ बर्दाश्त करा लिया जायेगा।

सब लोग सम्भल जाये। सचेत हो जाये। अब कार्य तेजी से होने जा रहा है। बदलते हुए साथ कुछ भी बदल जाये यह तुम्हारी बुद्धिमानी होगी। समय तो बदल कर रहेगा ही बुराईयां समाप्त होकर रहेगी, धर्म और कर्मनीति और सदाचार, महात्माओं और गुरुओं के प्रति आस्था यह आकर के ही रहेगा अब यह रुक नहीं सकता है।

तुम अगर इस बदलते जमाने के साथ बदले जाओगे तो अपना कल्याण करोगे और नहीं तो युगों युगों तक तुम्हें पछताना ही रहेगा।

सन्तमत को स्वीकार

एक समय आयेगा जब सभी लोग सन्तमत को स्वीकार कर लेंगे। यहां हर कौम के लोग बैठे हैं। तुम एक ही हो, एक घर में रहेंगे वाले थे। आज कल के युग में कन्दराओं में कोई भजन नहीं कर रहा है।

कलयुग में अन्न में प्राण हैं और उन्हें अन्न चाहिए। सतयुग, त्रेता, द्वापर समाप्त हो गया गृहस्थाश्रम में त्रेता का और उससे भी ऊँचा योग इन्हें प्राप्त हो जायेगा, कन्दराओं में नहीं। बताने वाले भी सच्चे और सत्ता भी सच्चा फिर क्या देर लगती है। हरिद्वार में महात्माओं की टोली आती रहती थी। कितनी उनमें श्रद्धा थी।

उन्होंने भी कहा कि ऐसा सत्संग सुनने को कभी नहीं मिला। भगवान सिद्ध होता है आत्माओं के जगाने से, महात्माओं की कृपा से। एक शब्द गुरु एक शब्द सेवक बना। जड़ता विनाश होता है शब्द का विनाश नहीं होता है जो आराम पाता है वह है गुरु और जो कष्ट पाता है वह है दास।

चरित्र गिर जाने से इन्सान का मनोबल खत्म हो जाता है फिर इन्सान कुछ नहीं कर सकता है। एक झूठ को छिपाने के लिए अनेक झूठ बोलने पड़ते हैं। अपने ही झूठ के जाल में फंसकर इन्सान अपना पतन कर लेता है। और दूसरों की निगाहों में गिर जाता है।

लोगों ने विदेशी बैंकों में जमा कर रखा

देश के बड़े-बड़े लोग अब विदेशी बैंकों में हीरे खरीद कर रख रहे हैं। बैंकों में सोने के बजाय हीरा रखा जा रहा है। देश का खरबों डालर लोगों ने विदेशी बैंकों में जमा कर रखा है। देश गरीब क्यों नहीं होगा ?

महाबली एक शासक होगा, धर्म मुकुट सिर पर धारेगा। धरा से देगा पाप हटाय, जय गुरुदेव की वाणी। गाय पूछा- पशु पक्षी का न बध करी कोई

निष्कर्ष

गुरु प्रेमियों भाइयों बहनों, ऊपर दिए गए सत्संग आर्टिकल के माध्यम से अपने बाबा जय गुरुदेव जी महाराज का Real Message पढ़ा। उन्होंने पूर्व में बहुत ऐसी सटीक भविष्यवाणी कि जो सिद्ध हुई और आने वाले समय में पूर्ण होगी । महात्मा अपनी दिव्य दृष्टि से सब कुछ देख लेते हैं वर्तमान भविष्य की घटनाओं को जानते हैं। आशा है आपको बाबा जी की यह सच्ची वाणी जरूर अच्छी लगी होगी। पढ़ने के लिए धन्यवाद और अधिक सत्संग पढ़ें । अपने दोस्तों को अच्छे लोगों के साथ सोशल नेटवर्क के माध्यम से शेयर करें।

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Last Updated on 16, October, 2024

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