बिन पिए शब्द रस का नशा हो जाता है आत्म कल्याण का

बिन पिए नशा हो जाता है आत्म कल्याण का | कौन-सा नशा? Pata Nahin

Pata Nahin कौन-सा नशा (शब्द रस का) आत्म कल्याण का है? यह तो महात्मा ही बताएंगे। एक भक्त पता नहीं जी कौन-सा नशा करता है? जिससे वह संसार इच्छा से मुंह मोड़ लेता है। यह तभी संभव होता है जब महात्माओं का सत्संग हमारी मन … Read more