Manushya sharir mein

Manushya Sharir में सोचा है कि हम कहाँ से आए और कहाँ जाएंगे

Manushya Sharir

नर नारियो ये समय बड़े सौभाग्य से मिला है। Manav Sharir mein रहकर कभी सोचा कि मैं कहाँ से आया और कहाँ जाऊँगा? जब जीवात्मा को निकाल करके बाहर करेगा अपना मकान ले लेगा। फिर ये मनुष्य शरीर (Sharir) आप को नहीं मिलेगा। ये अमोलक मनुष्य शरीर (Manushya Sharir) है इसी शरीर में बैठकर ही […]

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Manushya Ka Sharir दुबारा नहीं मिलेगा। मनुष्य शरीर दुबारा नहीं

Manushya Ka Sharir दुबारा नहीं

मनुष्य का शरीर (Manushya Ka Sharir) द्वारा नहीं मिलेगा। महात्माओं ने साफ संकेत दिया है यदि जीते जी हमने अपना काम नहीं किया तो मनुष्य शरीर द्वारा नहीं मिलेगा। Manushya Ka Sharir धारण करने के लिए हमें कई युगों का इंतजार करना पड़ सकता है। क्योंकि इसी Manushya Ke Sharir Mein हम जीते जी परमात्मा

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