काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार आने पर सतसंगी का कर्म
काम क्रोध लोभ मोह अहंकार यह मनुष्य शरीर के विकार, यह कैसे विकसित होते हैं? इन्हें कैसे शांत कर सकते हैं? क्या सत्संग वचनों से हम इन विकारों से बच सकते हैं? कैसे हम अपने जीवन में संतोष पा सकते हैं? काम क्रोध लोभ मोह अहंकार यह मनुष्य के अंदर छिपे हुए अंदरूनी अवगुण रूपधारी […]
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