बाबा जयगुरुदेव जी महाराज का संदेश विश्व के नाम, बाबा जी की अपील

बाबा जी की अपील: बाबा जयगुरुदेव की अपील विश्व के लोगों से (इन्टरनेट पर ई-मेल द्वारा विश्व में प्रेषित) अपनी बात, वर्तमान समय के महान सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज का सन्देश विश्व के नाम है। वर्तमान समय। जो नाजुक मोड़ आ गया है उसमें बाबा जी की वाणी रक्षा कवच है।

आगे समय खराब आ रहा

यो तो बाबा जी ने हर तरह से सारी मानव जाति को आगाह कर दिया है कि ” आगे समय खराब आ रहा है, तुम्हें पता नहीं कि क्या होने वाला है, कुदरत बौखलाई हुई है कुछ करना चाहती है।

भगदड़ मचने वाली है, इधर के लोग उधर भागेंगे और उधर के लोग इधर भागेंगे चाहे देश के हों या विदेश के हों। वक्त का इन्तजार करो। समय को ध्यान में रखोगे तो धोखा नहीं खाओगे। “

कुदरत ने अपनी बौखलाहट का जरा-सा इजहार गुजरात में पिछले दिनों में किया है, भूकम्प के धक्के रह-रहकर कभी कहीं और कभी और जगह आ रहे हैं। दूसरी ओर मानव प्रकृति बौखलाई है कब किधर युद्ध की विभीषिका खड़ी हो जाय,

बाबा जी की अपील पर ध्यान दें

कब क्या हो जाय कोई सोच नहीं पा रहा है। ऐसे समय में महापुरुषों की वाणी धैर्य की किरण बनकर मार्ग दर्शन करती है। अब हमारी बात है कि बाबा जी की अपील पर ध्यान देंगे तो हमारा हित है और नहीं तो समय की चपेट अपने में लपेटेंगे ही।

बाबा जी की अपील

अपने-अपने मुल्क की, जनता आम को सुखी रखना चाहते हैं और दैविक आपदा से बचना चाहते हैं तो अपने-अपने मुल्क में मान्साहार व अण्डों का आहार बन्द कर दें व शारीरिक, मानसिक रोगों व घरेलू पारिवारिक करावें तब उलझनों से बचाव होगा। मान्साहार से जीवात्मा को नों में डालकर सख्त सजा दी जाएगी।

मनुष्य शरीर किराये का मकान है। स्वांसों की पूंजी समाप्त होते ही आत्मा (Soul) को शरीर से निकाल देगा और शरीर खाली पड़ा रहेगा। कहाँ से आए सोचो।

प्रभु को पाना है तो गुरु की खोज करो। मालिक के पाने का मार्ग शरीर से गया है इसे गुरु बताएगा। अभ्यास (Meditation) में बैठे मन को रोककर फिर सुरत यानी आत्मा के कान आकाशवाणी सुनेंगे तब आनन्द आने लगेगा। 20 फरवरी, 2001-बाबा जयगुरुदेव

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