छुआछूत की बीमारी मानव समाज में कैसे सक्रिय। Untouchability In Hindi

महात्माओं ने छुआछूत (Untouchability) पर भी लोगों के लिए एक संदेश दिया कि वास्तव में छुआछूत क्या है? इसका सही अर्थ क्या है? इस समस्या से कैसे निपटा जा सकता है। छुआछूत समाज के लिए अभिशाप है, छुआछूत की बीमारी मानव समाज में कैसे सक्रिय और महात्मा छुआछूत का असली रूप किसे मानते हैं? आदि तमाम चीजें Untouchability In Hindi इस आर्टिकल में पढ़ने वाले हैं। वास्तव में महात्माओं ने छुआछूत कर्मों के बारे में बताया है ना की किसी जाति और धर्म के बारे में, Untouchability इंसान के कर्मों से की जाती है चलिए जानते हैं महात्माओं में ने छुआछूत (Untouchability) पर क्या कहा:-

Untouchability In Hindi
Untouchability In Hindi

वक्त की नसीहत छुआछूत की परम्परा से नहीं बल्कि खराब कामों से

Untouchability In Hindi: छुआछूत की परम्परा मानवों से नहीं बल्कि खराब कामों से बचने के लिए बनी हैं। जातियाँ, समाजें सब कुछ पहले से बनी है। इनके कुछ आधार थे, सबके नियम, परम्परायें, रीति रिवाज थे, सबके सामाजिक पारिवारिक बन्धन थे। इसमें बँधी थी मानवता और मानव धर्म और मानव कर्म। अंग्रेजी में एक कहावत है: Aman is known by the society he keeps (एक आदमी अपने संग-साथ से पहचाना जाता है। यही संगदोष है, यही छुआछूत (Untouchability) है। दूसरा पहलू है:

जैसा खाये अन्न वैसा होवे मन। जैसा पीवे पानी वैसी होवे बानी।

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छुआछूत मिटाने का अपना तरीका

छुआछूत (Untouchability) परहेज की परम्परा, जैसा खाये अन्न वैसा होवे मन। जैसा पीवे पानी वैसी होवे बानी। इसी आधार पर छुआछूत, परहेज की परम्परा बनी। हम इसे मिटायेंगे तो देश, समाज, परिवार सब दुःखी हो जायेंगे। सिद्ध पुरूषों, सन्तों फकीरों का अपना तरीका होता है छुआछूत मिटाने का। रैदास (Sant Ravidash) के चरणों में मीराबाई झुकी, कबीर (Sant Kaveer) के चरणों में धर्मदास बनियाँ झुकेगा, एक डाकू बाल्मीकि (Balmeek) बनकर रामायण का रचयिता बन जायेगा।

यह काम महापुरूष (Mahapurush) करते हैं अपने आध्यात्मिक तरीके से और उसे सारी मानवता (Manavta) स्वीकार कर लेती है। यह काम और किसी के वश का नहीं है। शासन प्रशासन अगर इधर लगेगा तो अराजकता फैल जायेगी, संघर्ष बढ़ जायेगा और अस्थिरता पैदा हो जायेगी। बाबा JaiGuruDev जी महाराज के सन्देशों और अपील के साथ यह बात कही जा रही है।

छुआछूत की बीमारी मानव समाज में (Untouchability kI Bimari)

Untouchability (छुआछूत) की परम्परा संभवत: मानव सृष्टि के साथ ही प्रारम्भ हुई होगी। छुआछूत अर्थात संग दोष’। अच्छे का साथ करो अच्छे आचार विचार होंगे, बुरे का साथ करो बुरा आचरण बनेगा, बुरी आदतें बनेंगी। बीमारियाँ छुआछूत की होती है। आचार-विचार की, रहन सहन की, खान पान की Untouchability होती है।

देखा देखी पाप, देखा देखी पुण्य’यह पुरानी कहावत है। यह ठीक है कि अच्छाइयों बुराइयों के मिश्रण की यह सृष्टि है पर बात संतुलन बिगड़ने की है। सन्तुलन बना रहा तो गोस्वामी जी ने रामचरितमानस (Ramcharit Manas) में लिखा कि “सतयुग योगी सब विज्ञानी” और संतुलन बिगड़ा तो कलिकाल बेहाल किए मनुजा, नहिं मानत कोऊ अनुजा तनुजा।’

इसलिए पूर्वजों ने Meaning Of Untouchability

तत्वज्ञानियों ने, ऋषि मुनियों ने तरह-तरह के छुआछूत की व्याख्या (Meaning Of Untouchability) की। पारिवारिक, बिरादरी की, समाज की और राष्ट्र की, राजनीति की छुआछूत लगती है। कुछ वर्ष पूर्व तक अपने ही परिवार के सब लोगों को चौके (रसोई) में जाने की इजाजत नहीं थी। खाना बड़ी साफ सफाई से बनाया जाता था तो इसका भी बड़ा असर होता था।

बिरादरी की Untouchability होती थी तो अपनी ही विरादरी वाले गलती करने पर हुक्का पानी बन्द कर देते थे। पंच बैठते थे और गलती करने वालों को सजा दी जाती थी। उसका प्रायश्चित वह करता था तब उसे पुनः बिरादरी में वापस लिया जाता था। इतना सख्त परहेज था बुरे कामों से (Bure Karmo) । किसी ने गो हत्या की तो वह गाँव वालों को अपना मुँह नहीं दिखा सकता था।

रोटी और बेटी’ व्यवहार के नियम

Roti Or Beti व्यवहार के नियम तो बड़े सख्त थे क्योंकि आम धारणा थी कि रोटी और बेटी’ व्यवहार जब बिगड़ता है तो अच्छाइयों की सब कड़ी टूटने लगती है। ये सब राजाओं के मुद्दे नहीं थे। राजाओं ने, बादशाहों ने, अंग्रेजी शासकों ने सामाजिक, पारिवारिक व्यवस्था में टाँग नहीं अड़ाया था, मन्दिर मस्जिद को लक्ष्य नहीं बनाया था,

धर्म-कर्म पर कुठारघात नहीं किया था। जो नंगा नाच आज होने लगा है वह उनके समय में भी नहीं था। ये सब मामले समाजों के Parivaaro के बिरादरी के अपने-अपने हुआ करते थे। राजा का काम सबको न्याय सुरक्षा देना, प्रजा के सुख-सुविधा का ध्यान रखना था।

Untouchability In Hindi Really Sachchay: कड़वी सच्चाई यह है कि अंग्रेजों ने भी हिन्दू मुसलमानों के बीच वैमनस्यता का इतना भयंकर बीज नहीं बोया था जो आजादी के बाद के वर्षो में वह बो दिया गया। यह बीज घर-आँगन के बीच फैल गया और अब तो हर परिवार महाभारत की त्रासदी झेल रहा है।

लोग सच्चाइयों को जानना चाहते

अगर बुराइयों की बाढ़ आती है तो कोई ऐसा भी धरती पर प्रकट हो जाता है जो मानव सृष्टि की रक्षा (Mavav Sirstti Ki Rakcha) करता है, धर्म को बचा लेता है। वह काम Bba Jai Guru Dev जी महाराज कर रहे हैं। उनकी शिक्षायें और सन्देश छुआछूत की तरह एक से दो, दो से चार और अब तो करोडों में फैल गए हैं। लोग सच्चाइयों को जानना चाहते हैं। समझना चाहते है।

जिस राजनीति ने जाति-बिहीन (Casteless) समाज का नारा लगाकर संघर्ष फैलाया है उन्हीं लोगों ने अफवाहें फैलाई थीं कि बाबाजी धोबी हैं, मल्लाह हैं, ये हैं, वह हैं। यहराजनीति भी अपने को जाति भावना से उबार नहीं पाई है। सन्त जाति-पाँति से ऊपर (Sant Jat Pat Se Upar) होकर मानव आत्माओं के उत्थान की बात करते है।

मानसिक, मनोवैज्ञानिक, वैचारिक खाज-खुजली की छुआछूत (Untouchability) ही तो पूरे देश में लग गई। सब अपने ही दिल दिमाग को नोंच रहे है। दूसरी ओर है। छुआछूत सामाजिक कोढ़ है। इसी Untouchability (छुआछूत) की सजा मिलती है।

छुआछूत (Untouchability) महात्मा छुड़ा सकते हैं

देश बिकने वाला (Desh Bikne Vala) है। विदेश पूँजी निवेश का खुला आमंत्रण हो चुका है। इतिहास (History) की पुनरावृत्ति होने जा रही है उधर किसी को ध्यान देने का समय ही कहाँ है। एक पत्रकार सम्मेलन में बाबाजी ने कहा (Baba Ji Ne Kaha) था कि सबको धर्म की जरूरत पड़ेगी। वक्त आ रहा है कि सबको बाबाजी की जरूरत पड़ेगी छुआछूत (Untouchability) कोई बन्द नहीं कर सकता।

छुआछूत (Untouchability) महात्मा छुड़ा सकते हैं। वह जीवन बदल देंगे। उनके यहाँ हर तरह के लोग आते हैं और उनका जीवन बदल जाता है। पारिवारिक, सामाजिक, राजनैतिक, Untouchability सब अलग-अलग हैं। इन सबसे बचना होगा वर्ना छुआछूत का कोहराम किसी ने अभी देखा नहीं छुआछूत सामाजिक कोढ़ है। इसी छुआछूत की सजा मिलती है।

निष्कर्ष

महानुभाव ऊपर दिए गए कंटेंट के माध्यम से आपने छुआछूत इन हिन्दी (Untouchability In Hindi) के माध्यम से बाबा जी ने क्या कहा, छुआछूत की बीमारी कैसे नष्ट हो सकती है? यह वास्तव में एक शारीरिक बीमारी नहीं है यह एक मानसिक बीमारी है। छुआछूत कर्मों की होती है वास्तव में यदि हम सब के कर्म अच्छे हैं तो छुआछूत का मतलब (Meaning Of Untouchability) ही नहीं होता है। आशा है ऊपर दिया गया कंटेंट आपको जरूर अच्छा लगा होगा। स्वामी जी महाराज की कृपा सब पर बनी रहे। जय गुरुदेव

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