बाबा जयगुरुदेव जी की बचपन कहानी Baba ji ka bachpan

बाबा जयगुरुदेव जी की बचपन कहानी Baba ji ka bachpan
बाबा जयगुरुदेव जी की बचपन कहानी Baba ji ka bachpan

नमस्कार दोस्तों आपको जय गुरुदेव, दोस्तों आज हम अपनी इस वेबसाइट में आपको Baba jaigurudev बचपन की कहानी को बताने बाले है। आप हमरी पोस्ट को पूरा पढ़िए ताकि भारतवर्ष के परम संत बाबा जय गुरुदेव जी के बारे में बाबा जयगुरुदेव जी की बचपन कहानी जानकारी हो तो चलिए पोस्ट शुरू करते है।

Baba Jai Gurudev बचपन

जैसे की आप जानते है कि संत महात्माओं की कहानी को कोई बखान नहीं कर सकते है। लईकिन जो मेने बाबा जय गुरु देव जी की किताबो में अनुभव किया आपको में बताने की कोसिस कर रहा हु।

परम संत बाबा जयगुरुदेव जी के माता पिता बचपन में ही परलोक सुंदर गए थे। बाबा जी अपनी माता जी की आज्ञा को अपनी लाइफ में उतरा और भगबान की खोज में निरंतर चलते रहे और इसी तरह परमात्मा की खोज में कब बाबा जी का बचपन निकल गया, कब किशोर अबश्था निकल गई, कब युवा अबश्था आये कुछ होश ही नहीं रहा और भगबान की खोज जारी रही।

आखिर में निराशा लगी, मानव जीवन बेकार लगने लगा, जिंदगी भार बन गई। अंततः बाबा जी ज़िन्दगी को अलविदा करने की ठान की तो एक प्यार भरा हाथ बाबा जी के कंधो पर पड़ा और आवाज़ आई बस थोड़ा ओर इंतज़ार करो, थोड़ी-सी और खोज कर लो, मजिल मिलने वाली है। फिर बाबाजी के अंदर एक प्रेरणा जग गई और बाबा जी पूरे जोश के साथ चलने लगे। उस महापुरुष की तलाश में जो उन प्रभु GOD, के दर्शन करा सके।

See also  परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के साथ क्या-क्या ज़ुल्म हुए?

बाबा जय गुरुदेव जी की महापुरुष की खोज

बाबा जय गुरुदेव जी की महापुरुष की खोज की तपस्या पूरी हुए और बाबा जी को महँ हस्ती मिल गई, अलीगढ़ जिले के छोटे से गाँव चिरोली के एक साधरण ब्रह्मण परिबार के पडित घूरेलाल जी शर्मा के रूप में। सदा सरल जीवन था गुरु जी परमार्थ के दानी थे। बाब जी अपनी मजिल देखि तो bani अवरुध्य हो गई आँखे छलकने लगी।

ये वही महा पुरुष थे जिन्होंने निराशा के अंधकार में आशा की किरण जगाई थी। अब कहे सुनने में क्या था बाब जी चरणों में झुक गये ‘ गुरु भी दुर्लभ, चेला दुर्लभ, बड़े भाग से मेल मिलापा” गुरु जी भाव बिभोर थे ऐसे शिष्य देख कर बो तो धन्य हो रहे थे।

गुरु जी ने कहा की अब तो तुझे बुला लिया ना क्यों की जब बाबा जी ने कश्मीर की पहाड़ी की चोटी मौत को गले लगाने के लिए बाबाजी के क़दम बढ़ने बाले थे की वही महापुरुष प्रगट हुए और कहा तह की चिंता मत कर तुझे बुला लगा। बो वही महा पुरुष थेर जिनके सामने बाबा जी खड़े थे।

Baba Jai Gurudev बचपन

दोस्तों बाबा जयगुरु देव जी ने जब पडित घूरेलाल जी शर्मा जी मिले उससे पहले बाबा जी कई प्रकार की किर्याएँ, के मदिर मंदिरो में पूजा अर्चनाएँ की, तब बाबा जी ठान लिया की अब पूरे संत नहीं मिलेंगे तब बो कश्मीर की छोटी पर जगह ए और जीवन से हार मानने बाले ही थे तो उस महापुरुष की आवाज़ आई की थोड़ा और प्रयास कर ले में मिल जाउगा। दोस्तों अपने Baba jaigurudev बचपन की कहानी को पड़ा आपको पोस्ट कैसी लगी आप ज़रूर अपने सुझाव दे। जय गुरुदेब

See also  Indira Gandhi Death और Mahatma Gandhi को कब और किसने मारा? मौत एक रहस्य

Read the post:-

Comments are closed.