मुख्य ध्येय स्वरूप ब्रह्म कौन हैं? सर्गुण व निर्गुण ब्रह्म का वर्णन

जब सुरत ऊपर सत्य लोक जाती है तो मार्ग में क्या-क्या नजर आते हैं?

ध्येय स्वरूप ब्रह्म कौन हैं? सर्गुण व निर्गुण ब्रह्म का वर्णन, अक्षर ब्रह्म कौन है, ब्रह्म मतलब क्या है, पूर्ण ब्रह्म का नाम क्या है? कौन व किसे कहते हैं? पुरा पढ़े। सर्गुण व निर्गुण साकार निराकर दोनों से परे, साक्षी का भी जो साक्षी … Read more

यह जीव भवसागर में कैसे आया और पुनः कैसे अमर लोक को जायेगा? लोको की रचना

मेरे प्यारे गुरु दातार मंगता द्वारे खड़े जय गुरुदेव प्रार्थना

लोको की रचना: जय गुरुदेव, परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने सत्संग में अपने अनुयायियों को वह आध्यात्मिक सत्संग और रहस्य बताया और लोको की रचना और विस्तार के बारे में जानकारी दि, हम कैसे इस भवसागर में आए और कैसे हम अमरलोक को … Read more

सोचो! जब स्वांसों की पूंजी खत्म होगी तब क्या होगा? बाबा जी का संदेश

जब हमारी सांसो की पूंजी खत्म होगी, तब हमारा क्या हाल होगा? यह महात्मा सब कुछ अपने सत्संग के माध्यम से बतलाते हैं परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने सत्संग में बताया है कि जब इस मनुष्य शरीर की सांसो की पूंजी खत्म होती … Read more

मरने के बाद जीवात्मा (Jivatma) कहाँ जाती, स्वर्ग भी है नर्क भी है, कृष्णा ने गीता में कहा

Marne Ke Bad Jivatma

Marne Ke Bad Jivatma: महात्मा अपनी दिव्य दृष्टि से संसार और भगवान को देखता है और उनका दरबार करता है। क्योंकि महात्मा अंतर्यामी होते हैं वह अपनी दिव्य दृष्टि से स्वर्ग नरक सब कुछ देखते हैं और यह मनुष्य शरीर मरने के बाद जीवात्मा (Marne … Read more

मानव शरीर में बैठी जीवात्मा एनी सुरत कैसी दिखती है महापुरुष बताते हैं

सुरत कैसी: जय गुरुदेव महानुभाव, संत महात्मा ने surt शब्द का बखान किया और उसका दर्शन दीदार किया और लोगों को करा रहे हैं।ऐसे पूर्ण महात्मा कि यदि हम खोज करेंगे तो वह हमारी सुरत यानी जीव आत्मा का साक्षात्कार जरूर करवाएंगे। ठीक ऐसे ही … Read more

गुरूमुख और मनमुख के लक्षण, जीवों को अपनी देख रेख करते हुए चलना चाहिए

विश्व के लोगों से बाबा जयगुरुदेव की अपील

गुरूमुख और मनमुख: थोड़ा-सा वर्णन लिखा जाता है कि जिसके अनुसार जीवों को अपनी देख रेख करते हुए चलना चाहिए। सतगुरू अपनी दया से सर्वदा जीव की सम्हाल करते रहते हैं और चाहते हैं कि सब सेवक उनके चरणों में मुख्य प्रीति और प्रतीति करें … Read more

सच्चे परमार्थ को प्राप्त करने के लिये भजन या ध्यान के समय जरूरी बातें

सच्चे परमार्थ को प्राप्त करने के लिये भजन या ध्यान के समय प्रेम और प्रीति के साथ अभ्यास करना चाहिए, ताकि ध्यान और भजन के समय संसार के विचार मन में ना आवे। महापुरुषों ने सत्संग में लोगों को सब कुछ बताया है कि सच्चा … Read more