Kitabon Mein Likha: महापुरुषों की किताबों में लिखा है जो सच है, हुआ है और होगा। महापुरुष अंतर्यामी होते हैं वह अपने तीसरे नेत्र से सब कुछ देखते हैं। वर्तमान, भविष्य और भूतकाल सभी कालो को जानने हैं। महात्मा अपनी किताबों में सब कुछ लिख कर गए हैं ऐसा समय आएगा जो सबको देखने को मिलेगा। चलिए जानते हैं बाबा जयगुरुदेव जी महाराज की किताबों में क्या लिखा है? जय गुरु गुरुदेव,
धर्म की स्थापना Kitabon Mein Likha
हकीकत को बताने के लिए आपके सामने कोई न कोई हर समय आया। मुसलमानों की किताबों में लिखा (Kitavon Mein Likha) है कि जब मुसलमान भाई अपने मजहब, ईमान अपनी हकीकत से दूर हो जायेंगे तो चौदहवीं सदी के अन्त में एक फकीर खुद का पैगाम लेकर जमीन पर उतरेगा और सारी इन्सान जाति को इन्सानियत का, हकीकत का पैगाम सुनायेगा। कुरान में क्या लिखा है? कि वह फकीर सबको पैगाम खुदा का सुनायेगा।
किताबों में लिखा (Kitabon Me Likha)
उन किताबों में लिखा हुआ है हजारों वर्ष पहले। ऐसा मालूम होता है कि फकीर हजारों वर्ष आगे की चीज देखते हों जैसे अभी दिखाई देती हों। जब वह फकीर खुदा का पैगाम इन्सानों को सुनाने का काम शुरू करेगा उस समय हिन्दुस्तान की गाँव-गाँव की सड़कें काली हो जायेगी। क्या आपको कभी इस तरह की हकीकत का पता था? ईसाइयों की किताबों में लिया (Kitabon Mein Likha) हुआ है कि मैं जा रहा हूँ बाप के पास, दुबारा फिर आऊँगा। तुम लोग इबादत करते रहना गरीबों की सेवा करते रहना।
हिन्दुओं की Kitabon Mein Likha
हिन्दुओं की किताबों में लिखा हुआ है कि जब धर्म लोप हो जायेगा, सत्य प्रेम और न्याय से लोग दूर हो जायेगें, लोगों के हृदय में दया नहीं रहेगी, अपने ऊपर महात्माओं पर किताबों पर कोई विश्वास नहीं रहेगा और भगवान का भी विश्वास खो बैठेंगे, ऐसी अवस्था में भारत भूमि पर एक महान आत्मा का जन्म होगा।
आगे बहुत कुछ होने वाला है। सूखा, अकाल, भुखमरी, महँगाई, टक्मों की बढ़ोत्तरी, महामारी भूकम्प, कोलाहल, आतंकित दृश्य जो देखें नहीं, भविष्य में आने वाले है। आने वाले भयावह मार्ग को यदि वदलना चाहते है तो समदी सम मानव पुरूष, जिस्मों में रहने वाली रूहों को जानने वाले फकीर, इन सबकी खोज शुरू कर दीजिये।
कुशल राजनीतिक वही है जो अच्छे लोगों से इमदाद यानी मदद ले भौतिक शान्ति सद्भाव के लिए राष्ट्रीय एकता के लिए राष्ट्रभक्ति धर्मनिरपेक्षता और प्रजा की हिफाजत के लिए आप लोग इन दिनों चूक गयेतो अने वाले समय में पछताना पड़ेगा।
खुदा का हुक्म है
मुसलमानों को खुदाई हुकुमनामों पर यकीन भी करना है और गौर भी करना है: खुदा का हुक्म है-सब जिस्मों में मेरी रूहें है। जो मेरी रूहों पर जुल्म करता है मैं उसे सजा देता हूँ। मुझे जानना चाहते हो और मेरा दीदार करना चाहते हो तो जिस्मों में रहने वाली रूहों पर रहम करो और सबकी खिदमत करो तब तम्हारा जिस्म पाक होगा और इबादत की ख्वाहिश होगी।
हिन्दुओं! भगवान का आदेश Kitabon Mein Likha है-
यदि मुझे पाना है तो मानव शरीर में मेरी आत्मायें रहती हैं, निष्कपट, नि: स्वार्थ होकर उनमें मुझे मानकर उनकी सेवा करो। ईंट पत्थरों पेड़ पालव में क्यों लड़ते हो? मानव शरीर में चेतन परमात्मा की जीवात्मा रहती है। उसको पहचानने के लिए उन महापुरूषोंके पास जाओ जिन्होंने अपने आपको पहचाना और भगवान का साक्षात्कार किया वह तुम्हें रास्ता बतायेंगे।
यदि चूक गये तो समय पूरा होने पर यमदूत सीधे घसीट कर तुम्हें नर्को में ले जायेंगे और कोई तुम्हारा साथ न दे सकेगा और हाय-हाय करके चिल्लाओगे। बाबा जी अनुरोध करते है कि अपनी रूह पर रहम करो, अपनी जीवात्मा पर दया करो। सन्त और फकीर सबके होते है। उनकी तरफ से किसी के लिए भेदभाव नहीं होता जैसे डाक्टर सबके लिए होता है, कोई भी मरीज आए सबकी दवा करता है।
निष्कर्ष
महानुभाव ऊपर दिए गए जयगुरुदेव सत्संग के माध्यम से आपने जाना की महापुरुषों में अपनी किताबों में क्या लिखा है? जो कुछ Kitavon Mein Likha है वह हुआ है और होने वाला है। महात्माओं के वचन कभी मिथ्या नहीं जाते हैं जो कुछ भी वह बोलते हैं, लिख जाते हैं, वह पत्थर की लकीर होते हैं। आशा है ऊपर दिया गया कंटेंट जरूर पसंद आया होगा। मालिक की दया सब पर बनी रहे। जय गुरुदेव
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