सत्संग की गंगा बहती है गुरुदेव तुम्हारे चरणों में

सत्संग की गंगा बहती है गुरुदेव तुम्हारे चरणों में लिरिक्स। Satsang Ki Ganga

Prathna

जय गुरुदेव महानुभाव सत्संग की गंगा (Satsang Ki Ganga) महापुरुषों के द्वारा बहती है। यदि हम उसमें नहा ले तो हमारा जीवन सफल हो जाता है। आज हम जय गुरुदेव सत्संग प्रार्थना के माध्यम से “सत्संग की गंगा बहती है गुरुदेव तुम्हारे चरणों में” इस प्रार्थना का लिरिक्स आपके साथ शेयर कर रहे हैं।

आप इसे पढ़ सकते हैं, सुन सकते हैं, गुरु महाराज की यह प्रार्थना बहुत ही अति प्रिय है जो हमारे लिए एक मार्ग प्रशस्त करती है। सत्संग की गंगा बह रही है हे गुरुदेव आपके चरणो में, आप इसे पूरा पढ़ें चलिए स्टार्ट करते हैं।

सत्संग की गंगा बहती है गुरुदेव तुम्हारे चरणों में

सत्संग की गंगा (Satsang Ki Ganga) गुरुदेव के चरणो में

कुछ शब्दों के साथ: प्रेमियों सत्संग की गंगा गुरु महाराज के चरणो में बहती है। हे गुरुदेव आपके श्री चरणों में, क्योंकि आपके जो चरणों में बैठकर के सत्संग रूपी गंगा में जो नहाता है उसको फल मिलता है। कई तीर्थों का और जीवन का कल्याण होता है।

वास्तव में हे परमपिता परमेश्वर हम जन्म-जन्म से भूले भटके हुए प्राणी हैं। हे सतगुरु में आपकी चरणों में आया हूँ। हम दीन दुखी हैं। हे सतगुरु मोक्ष की प्राप्ति आप की दया से हो हे। जो भी आपका दर्शन दीदार करता है वह धन्य हो जाता है और उसे कई जन्मों का पुण्य प्राप्त होता है।

हे सद्गुरु हम भूले भटके हुए प्राणी हैं। आपके चरणों में आए हैं, हम पर दया कीजिए, इस तरह से यह प्रार्थना का लिरिक्स आप पढ़ेंगे। इसके बाद हम आपके साथ यूट्यूब चैनल के माध्यम से प्रार्थना सुनेंगे। Satsang Ki Ganga बहती है, गुरुदेव तुम्हारे चरणों में। इस प्रकार से यह प्रार्थना पड़ें।

Satsang Ki Ganga Bahti Hai गुरुदेव तुम्हारे चरणों में

Satsang Ki Ganga Bahti Hai
Satsang Ki Ganga Bahti Hai

सतसंग की गंगा बहती है, गुरुदेव तुम्हारे चरणों में।
फल मिलता है उस तीरथ का, कल्याण तुम्हारे चरणों में। ।

मैं जनम-जनम तक भरमा हूँ, तब शरण आपकी आया हूँ।
इन भूले अटके जीवों का, कल्याण तुम्हारे चरणों में। ।

दुखियों का दुख मिटाते हो, देव दिव्य परखाते हो।
सब आवागमन मिटाते हो, है मोक्ष तुम्हारे चरणों में। ।

एक बार जो दर्शन पाता है, बस आपका ही हो जाता है।
क्या गुप्त तुम्हारी प्रीति है, हैं धन्य तुम्हारे चरणों में। ।

जनम जनम का भूला शरण पड़ा, तब आय के तुम्हरे द्वार खडा।
काटो सकल बन्धन मेंरा, निर्मल तुम्हारे चरणों में॥

पोस्ट निष्कर्ष

महानुभाव इस जय गुरुदेव प्रार्थना लिरिक्स के माध्यम से आपने जाना “सत्संग की गंगा बहती है गुरुदेव तुम्हारे चरणों में” (Satsang Ki Ganga Bahti Hai) इस लिरिक्स को पढ़ा, साथ में आपने यह वीडियो भी सुना। देखा।

आशा है आपको जरूर पसंद आया होगा। गुरु महाराज की दया सब पर बनी रहे, जय गुरुदेव और अधिक प्रार्थना पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें। धन्यवाद

और अधिक प्रार्थना पढ़ने के लिए

गुरुदेव तुम्हारे चरणों में शत कोटि प्रणाम हमारा है
गुरु का ध्यान कर प्यारे, बिना इस के नहीं छुटना।

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