छोड़कर संसार जब तू जाएगा (Chod Kar Sansar Jab Tu Jayega) वास्तव में कोई भी साथ देने वाला नहीं है। क्योंकि हम आप सभी जानते हैं कि अकेले आए हैं वह अकेली ही जाएंगे। हमारी कर्म हमारे साथ रहेंगे। यदि हमने अच्छा किया है तो अच्छी गति। यदि हमने बुरे कर्म किए हैं तो हमारी दुर्गति। यही हमारे साथ जाती है। महापुरुषों ने इस प्रार्थना में लोगों को स्पष्ट रूप से समझाया है, उस संकेत दिया है।
जो एक सत्य वाणी हैं “छोड़ कर संसार जब तू जाएगा कोई ना साथी तेरा साथ निभाएगा” यदि जीते जी हमें अपना साथ ही बनाना है तो उस परमपिता परमेश्वर स्वरूप गुरु उसको हम अपना साथी बना सकते हैं। जो हमारे यहाँ भी संभाल करेगा और वहाँ भी संभाल करेगा।
बस एक विश्वास रूपी अपने सतगुरु का हाथ पकड़िए वह आपके इस संसार में और उस संसार में जरूर मदद करेगा। चलिए इसी लिरिक्स पर हम अपने कुछ प्रार्थना से रिलेटेड विचार रखते हैं।
प्रार्थना Chod Kar Sansar Jab Tu Jayega से रिलेटेड विचार
महानुभाव जैसे कि इस प्रार्थना में उल्लेख किया गया है कि “छोड़ कर संसार जब तू जाएगा कोई ना साथी तेरा साथ निभाएगा” वास्तव में मेरे सत्संगी भाई बहनों इस बात को महापुरुषों ने सख्त संकेत दिया है कि जब हम इस संसार से जाएंगे तो, हमारे साथ ना परिवार का सदस्य रहेगा, ना भाई बंधु, ना कोई भी नहीं रहेगा।
इस संसार में प्राणी अकेला ही आया है और अकेला ही जाएगा। यदि हमने प्रभु का भजन नहीं किया और सत्संग भी नहीं किया, महापुरुषों के दर्शन भी नहीं किए और प्रार्थना सत्संग नहीं किया। तो एक ऐसा समय आने वाला है। जो बिल्कुल सत्य है कि यमदूत हमारे लिए जंजीरों में जकड़ कर के अपने लोक ले जाएंगे और वहाँ पर हमारे लिए बहुत ही यातनाएँ दी जाएंगी। महापुरुषों ने ऐसा स्पष्ट संकेत दिया है।
कोई ना साथी तेरा साथ निभाएगा
जैसे कि आप जानते हैं कि इस पेट भरम की खातिर सब कोई अपनी व्यवस्थाओं में लगा हुआ है, आय-आय कर रहा है, सभी को आए चाहिए, सभी को तमाम प्रकार के संसारी व्यवस्थाएँ चाहिए, इसी में वह 24 घंटे अपना समय व्यतीत कर रहा है।
इस कमाने के चक्कर में पता नहीं कितना पाप पुण्य करते हैं और इसी में इस जीवन का फंसाओ हो जाता है और हमारे सच्चे परमपिता से हम दूर रहते हैं। महानुभाव इस प्रार्थना में स्वामी जी महाराज ने और महापुरुषों ने एक मानव जाति के लिए एक सच्ची घटना का संकेत दिया है।
कोई ना साथी तेरा साथ निभाएगा रियल में यह सच्ची बात है और जब इस संसार से जाएंगे तो अकेले ही जाएंगे। इस जीव को मालिक के चरणो में पहुँचाना ही हम सब महानुभाव सत्संगी प्रेमियों का विचार होना चाहिए, चलिए जय गुरुदेव महाराज की पुस्तकों से लिया गया लिरिक्स “छोड़ कर संसार जब तुम जाओगे कोई ना साथी तेरा साथ निभाएगा” इस प्रार्थना को पढ़ते हैं।
छोड़ कर संसार जब तू जाएगा कोई नं साथी तेरा साथ निभाएगा (Chod Kar Sansar Jab Tu Jayega)
छोड़ कर संसार जब तू जाएगा। कोई नं साथी तेरा साथ निभाएगा॥
अगर प्रभु का भजन किया ना, सतसंग किया ना दो घड़ियाँ।
यमदूत लगाकर तुझको, ले जायेगा हाथकड़ियाँ।
कौन छुड़ायेगा, कोई न साथी तेरा साथ निभाएगा।
इस पेट भरन खातिर, तू पाप कमाता निसदिन!
शमशान में लकड़ी रखकर, तेरे आग लगेगी एक दिन।
सब खाक हो जायेगा कोई न साथी तेरा साथ निभाएगा।
सत्संग की जहती गंगा, तू इसमें लगाले गोता।
वरना इस दुनियाँ से, जाएगा एक दिन रोता। ।
फिर पछताएगा, कोई न साथी तेरा साथ निभाएगा।
क्या कहता मेरा-मेरा, यह दुनियाँ रेन बसेरा
यहाँ न कोई रहने पाता, है चन्द दिनों का डेरा!
हंस उड़ जाएगा, कोई न साथी तेरा साथ निभाएगा।
गुरुदेव चरण में निश दिन तू प्रीति लगाले बन्दे।
कट जाऐगे सब तेरे ये जन्म मरण के फन्दे।
पार हो जायेगा, कोई न साथी तेरा साथ निभाएगा।
पोस्ट निष्कर्ष
महानुभाव सत्संग प्रेमियों अपने ऊपर परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज की प्रार्थना छोड़ कर संसार जब तुम जाओगे कोई ना साथी तेरा साथ निभाएगा (Chod Kar Sansar Jab Tu Jayega) इस लिरिक्स को पढ़ा आता है आपको ऊपर दी गई कंटेंट जानकारी जरूर अच्छी लगी होगी अपने अच्छे लोगों के साथ इस आर्टिकल को सोशल नेटवर्क के माध्यम से शेयर करें पोस्ट पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद स्वामी जी महाराज की दया सब पर रहे जय गुरुदेव
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