Bhagwa Rang (भगवा रंग) का अपमान नहीं, महात्मा जहाँ रहते हैं वह भूमि पवित्र हो जाती है। परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने अपने सत्संग के माध्यम से क्या कहा? चलिए इस Gautam Buddha Stories In Hindi आर्टिकल के माध्यम से जानते हैं। उन्होंने कहा कि जो साधु महात्मा Ye Bhagwa Rang (भगवा रंग) के वस्त्र पहने हैं उनका अपमान नहीं करना चाहिए, पता नहीं वह भगवा धारी कहाँ तक पहुँचे और कैसे हैं? इसलिए किसी का अपमान नहीं करना चाहिए, चलिए जानते हैं भगवान बुद्ध (Story Of Gautam Buddha In Hindi) से रिलेटेड कुछ कहानी और सत्संग। “जय गुरुदेव”
Gautam Buddha Stories In Hindi (गौतम बुद्ध भगवान)
एक बार स्वामी जी महाराज कुछ छोटे बच्चों के साथ वाराणसी जिले के तीर्थ स्थान सारनाथ में गए। लगभगत 40 वर्ष पूर्व की बात है। बुद्ध मन्दिर (Buddha Temple) , बाग बगीचे बड़ा ही रमणीक स्थान था। मन्दिर में गौतम बुद्ध (Gautam Buddha) भगवान की विशाल मूर्ति थी।
दीवारों पर Gautam Buddha के जन्म से लेकर निर्वाण तक क चित्र बने थे। पेन्टिंग बहुत ही सुन्दर और आकर्षक थी। हाल के चारों तरफ घूमते हुए स्वामी जी ने कहा कि अच्छा बनाया है एक दृश्य था कि बुद्ध भगवान (Buddha Bhagvaan) ध्यान में बैठे है और बाहर विकराल मुंह वाले राक्षस उन पर अस्त्र शस्त्र चला रहे हैं।
उनकी शकलें बड़ी डरावनी हैं। स्वामी जी ने कहा कि जब साधक ध्यान (Dhyan) में बैठता है तो इसी तरह की बाधायें सामने आती हैं जिन्हें देखकर वह डर जाता है और साधना भी छोड़ देता है। गुरु की अन्तर में कदम-कदम पर जरूरत पड़ती है। जब साधक गुरु के रूप को याद करता है और नाम का सुमिरन करता है तो सारी शकलें गायब हो जाती हैं।
Gautam Buddha Stories (गौतम बुद्ध के चारों तरफ)
एक अन्य दृश्य में सुन्दर फुलवारी में अप्सरायें नृत्य करती हुई दिखाई गई थीं। गौतम बुद्ध (Gautam Buddha) के चारों तरफ नाचती हुई उनके ध्यान को भंग करने की कोशिश कर रही थीं। स्वामी जी ने बताया कि स्वर्ग में बैकुण्ठ में स्त्रियों के बहुत ही सुन्दर रूप हैं।
साधक (Yogi) ध्यान मार्ग से जब इन लोगों में जाता है तो इन दृश्यों को छोड़ना नहीं चाहता। Guru के वहाँ प्रकट होते ही दृश्य तो समाप्त हो जाते हैं किन्तु साधक को उन आनन्द से वंचित होने पर कष्ट होता है। ऐसे-ऐसे स्त्रियों के डान्स होते हैं कि यहाँ तो कुछ नहीं है। गुरु साधक के साथ शब्द रूप में हर वक्त मौजूद रहता है और सम्हाल करता रहता है।
ऐसे ही साधन (Yog) अवस्था को देखते दिखाते हुए स्वामी जी महाराज ने कहा कि महात्मा जहाँ रहते हैं वह भूमि पवित्र (Pavitra Bhumi) हो जाती है। काशी में बहुत से महात्मा आये लेकिन लोगों ने उनसे फायदा नहीं उठाया। बुद्ध के अंतिम दिनों में पांच शिष्यों ने उनका साथ दिया था।
Karm Ka Chakker (कर्म का चक्कर)
बात पुरानी उस समय की है जब मथुरा में बाई पास पर जयगुरूदेव आश्रम (Jaigurudev Ashram) का निर्माण कार्य शुरू हो रहा था। वहाँ पर एक कुत्ता रहता था जिसका नाम मोती था। अकसर स्वामी जी उसे आपने हाथ से रोटी खिलाया करते थे एक बार की बात है। मैं स्वमी जी के साथ नये आश्रम पर गया था।
स्वामी जी महाराज बैठे थे। मैं भी पास में खड़ा था। इतने में मोती आया और धीरे-धीरे समीप आकर स्वामी जी के चरण को जीभ से चाटने लगा। स्वामी जी चुप थे इसलिए किसी की हिम्मत नहीं हुई कि उसे हटा दे। उसने पहले अंगूठे को चाटा फिर चाटता-चाटता तलवे की तरफ बढ़ने लगा।
सेवकदार कभी कुत्ते को देखते और कभी स्वामी जी के चेहरे को देखते। अनेक किस्म के ख्यालात मस्तिष्क में दोड़ने लगे। आखिर में न रहा गया और बड़े दीन भाव से हाथ जोड़कर डरते-डरते स्वामी जी से मैंने पूछा कि मालिक! हम तो आप के चरण धूल के लिए तरसते रहते हैं किन्तु यह कुत्ता कौन है जो इतना भाग्यशाली है कि आप के चरणों को चाटता जा रहा है और आप बोल नहीं रहे हैं?
स्वामी जी बड़े प्यार से बोले कि:
Baba Jaigurudev जी बड़े प्यार से बोले कि तुमने पाटलीपुत्र का नाम पढ़ा होगा इतिहास में। कहा जी। स्वामी जी ने फिर समझाते हुए कहा कि पाटलीपुत्र के इतिहास में एक ही ब्राह्मण सम्राट हुआ हैं यह कुत्ता वही है इसने एक गेरूआ (Ye Bhagwa Rang) वस्त्रधारी महात्मा का अपमान कर दिया था और तभी से यह भटक रहा है।
जब तक कोई अपमान का इसको माफी न दे-दे इसका उद्धार कभी नहीं हो सकता। अब इसे मनुष्य शरीर मिल जाएगा। बात को आगे बढ़ाते हुए इसी संदर्भ में स्वामी जी ने कहा कि गेरूआ वस्त्र (Ye Bhagwa Rang) का कभी भी अपमान मत करना। चाहे वह डकैत ही क्यों न हो। उसकी बराबरी मत करना और उसके Bhagwa वस्त्र का सम्मान करना। यह वस्त्र महात्माओं की कफनी है उसको प्रणाम करना चाहिए।
निष्कर्ष
महानुभाव ऊपर दिए गए सत्संग आर्टिकल के माध्यम से (गौतम बुद्ध की स्टोरी) Gautam Buddha Stories In Hindi के बारे में जाना। साथ में कर्मों के चक्कर उसके बारे में भी स्वामी जी महाराज ने बताया है कि क्या करने से क्या गति होती है और क्या करने से क्या पा सकते हैं। आशा है आपको ऊपर दिया गया कंटेंट जरूर अच्छा लगा होगा। आर्टिकल को अपने अच्छे दोस्तों के साथ अपने सोशल नेटवर्क के माध्यम से शेयर करें, जय गुरुदेव मालिक की दया सब पर बनी रहे।
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