Jai Guru Dev Satsang Prathna

बाबा जय गुरुदेव सत्संग प्रार्थना- Baba Jiaguru Dev Website

bakt ki pukar

Welcome to https://jaigurudev.co.in/. This is your first post. Jai Guru Dev Satsang Prathna, जय गुरुदेव सत्संग प्रार्थना परम संत बाबा जयगुरुदेव जी सत्संग एवं उनके द्वारा दिए गए अनमोल वचनों का अनुसरण, jaigurudev.co.in पर आपके साथ साझा कर रहा हूँ, पोस्ट के माध्यम से कुछ अपनी तरफ़ से शब्दों को बयाँ कर रहा हूँ।

Jai Guru Dev Satsang Prathna

इस वेबसाइट क्व माध्यम से आप सभी महानुभाव Jay Gurudev Satsang एवं Jay gurudev parthna पढ़ने को मिलेगा। आप हमरी वेबसाइट को रोजाना संत महत्माओं के (jaigurudev satsang) वचन पढ़ने को मिलेगा। चलिए अब हम पोस्ट की शुरुआत करने वाले है।

समस्त प्रेमियों को सादर नमन

जय गुरुदेव समस्त प्रेमियों को सादर नमन, परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के चरणों में नमन करते हुए मैं इस पोस्ट के माध्यम से कुछ अपनी तरफ़ से शब्दों को बयाँ कर रहा हूँ। वैसे देखा जाए तो मेरे पास तो कोई शब्द है ही नहीं है। क्योंकि गुरु तो एक भगवान होता है।

यदि इस संसार में देखा जाए तो प्रथम माता पिता गुरु होते हैं, फिर इसके बाद शिक्षा देने वाला और एक जो सारी ज़िन्दगी को सारे हमारे जन्मों को सुधारे ऐसे परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के चरणों में नमन करता हूँ। मैं Balbodi रामटोरिया मैं सन 1999 में परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के मैंने दर्शन किए और मेरे मन में एक लालसा रहती थी कि मैं,

महात्माओं के दर्शन कैसे करूं?

मेरे अंदर एक के ऐसी भावना जागृत हुई कि मुझे महात्माओं के दर्शन करना चाहिए. मैं जब कॉलेज में पढ़ता था। तब मेरे दिमाग़ में एक प्रश्न पैदा हुआ, मैं करीब 18 बरस का था। अभी मेरी उम्र 40 वर्ष है।

मैं कॉलेज जाता था तो संस्कृत विषय में मुझे एक शब्द लिखा मिला। कि मैं दशरथ पुत्र राम की बात नहीं कर रहा हूँ। जब कबीर साहब ने यह कहा कि मैं दशरथ पुत्र राम की बात नहीं कर रहा हूँ।

तब मेरे दिमाग़ में एक प्रश्न पैदा हो गया कि फिर राम कौन होता होगा। क्योंकि राम को तो मैंने यही जानते हैं कि राम सीता लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न यह तो दशरथ जी के पुत्र हैं। मगर कबीर साहब किस राम की बात कर रहे हैं। मेरे दिमाग़ में वह क्वेश्चन गहराई तक पहुँच गया मैं, अपने आप में सोचने लगा खोजने लगा कि फिर ऐसा राम कौन होगा।

मैंने अपनी पुस्तक में पढ़ा वह देखा कि मैंने साहस से इतना नहीं किया कि मैंने अपने गुरु से यह प्रश्न पूछा, लेकिन कुछ दिन मेरे दिमाग़ में यह चलता रहा। हमारे गाँव में गुरु महाराज जी के सत्संग होता था। वह लोग जब भजन पर बैठे थे कपड़े डाल कर मुझे अचंभा लगता था।

बाबा जी के दर्शन करना चाहिए

लोग भजन तो करते हैं ढोल मजीरा और गाने बजाने, उन्हें भजन कहते हैं। भजन कीर्तन कहते हैं। कपड़े डालकर ऐसा क्या भजन हो सकता?

यह भी मेरे दिमाग़ में एक प्रश्न पैदा हुआ और मैंने सोचा चलो मुझे बाबा जयगुरुदेव जी के दर्शन करना चाहिए. मेरी शादी हुई थी मेरी एक बच्ची थी लगभग दो-तीन महीने की, मेरे दिमाग़ में उठा कि मुझे बाबा जी के दर्शन करना चाहिए.

Baba Jai guru dev ka darsan

मैं अगहन मास के भंडारे में मथुरा के लिए अकेला ही चल दिया। आज से 20 साल पहले तब परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज लोगों को दर्शन देने के लिए स्वयं मेहनत करते थे। हमें धक्का मुक्की नहीं सहने पड़ती थी, मगर गुरु महाराज को धक्का-मुक्की सहना पढ़ती थी। जब मैंने पहली बार दर्शन किए मुझे अपने आप में यह अनुभव हुआ जब मेरे गुरु ने मेरे सर पर हाथ रखा।

तब मैं अपने आप में यही सोचने लगा कि अब मेरे पता नहीं मेरे शरीर का भार कहाँ गया। मेरे शरीर पर मालिक ने जो हाथ रखा। आज मैं उसको याद करके मालिक का जितना शुक्रिया करो उतना कम है। मैं कई जन्मों तक मालिक का शुक्रिया करूं तब भी कम है।

संत महात्मा को वही पहचान सकता

संत महात्मा को वही पहचान सकता है जिसको मालिक की दया हो, हालांकि मैं तो एक तुच्छ प्राणी हूँ, छोटा हूँ, मैं कुछ जानता नहीं हूँ। लेकिन इतना ज़रूर है कि मैंने मालिक की दर्शन से मैंने अपने आप को यह समझ लिया कि पता नहीं यह कौन से जन्म का पुण्य है। जो ऐसे महापुरुष के दर्शन हुए हैं।

प्रेमियों यह चीज मुझे इसलिए बताने पड़ रही है।यह क्योंकि मेरे ह्रदय में जो गुरु महाराज को याद करके जो आभास होता है, इतना विश्वास होता है कि दुनिया में मेरे माता-पिता के बाद कोई है तो मेरा गुरु, मेरे परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज हैं।

मैं यह वेबसाइट के माध्यम से परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के पत्रिकाओं और पुस्तकों और जो मालिक ने सत्संग दिया, उनके कुछ महत्त्वपूर्ण वचनों को मैं अपनी इस वेबसाइट में ज़रूर आप तक सांझा करूंगा।

पोस्ट निष्कर्ष:

हालांकि मैं और वेबसाइट पर भी काम करता हूँ, यह सब परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज की कृपा से। लेकिन मैंने एक निस के अनुसार मैंने jaigurudev. co. in डोमेन उपलब्ध था।

जो मैंने इसे खरीदा और आज से मैं जय गुरुदेव सत्संग प्रार्थना यह इस वेबसाइट पर लोगों के साथ सांझा करूंगा।

ताकि हमारे गुरु प्रेमी के जहा भी टाइम मिले वह भी जिस समय, जहाँ भी टाइम मिले इस वेबसाइट को खोलकर के परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के सत्संग (jaigurudev satsang) और महात्माओं के द्वारे द्वारा दिए गए सत्संग का अनुसरण कर सकें।

आपका शुभचिंतक Balbodi अहिरवार रामटोरिया जय गुरुदेव सादर नमन।