Prithvi Se Hamen Kya-Kya Milta Hai || देश का उत्थान || अधर्म पर धर्म की स्थापना

पृथ्वी से हमें (Prithvi Se Hamen) क्या-क्या मिलता है? धरती अपने अंदर क्या-क्या समाए हुए हैं? महात्माओं ने इस देश का (Desh Ka) उत्थान करने के बारे में भी बताया है। अधर्म पर धर्म की स्थापना कैसे हो सकती है किन माध्यम से हो सकती है? क्या महात्मा देश का उत्थान कर सकेंगे? हमारे देश की व्यवस्था कैसे ठीक होगे? आदि तमाम चीजों पर इस सत्संग आर्टिकल में चर्चा होने वाली है आप इसे पूरा पढ़ें।

Prithvi Se Hamen Kya-Kya Milta Hai
Prithvi Se Hamen Kya-Kya Milta Hai

Prithvi Se Hamen Kya-Kya Milta Hai (धरती हमें क्या दे सकती है)

भूमि के कण-कण में धर्म विद्यमान है। यह ऋषियों मुनियों योगियों, सन्तों और फकीरों की भूमि है आदि में सभी नर नारी ज्ञानी थे, स्वस्थ थे, आत्मबोधी थे, अल्प आयु में मृत्यु लड़ाई झगड़े धोखाधड़ी मारकाट फरेब फितरत ये कुछ नहीं था।

सतयुग योगी सब विज्ञानी। धीरे-धीरे कर्मों की गन्दगी आई। कर्मों की गन्दगी आई तो धीरे। धीरे लड़ाई झगडे धोखे-घड़ी होने लगी। इस भूमि में सब कुछ छिपा हुआ है। यह धरती सब कुछ दे सकती है जब आप कुदरत के और ईश्वर के अनुकूल चलते हैं लेकिन जब हम धर्म से दूर होने लगते हैं, सत्य से-से दूर होने लगते है तब यह धरती अपने अचल में सब कुछ छिपाने लगती है।

अधर्म पर धर्म की स्थापना (Aadharm Par Darm)

जब इस धरती पर अत्याचार बढ़ता है, अनाचार बढ़ता है तो निश्चित है कि महान विभूतियाँ आती है और अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना करती है। भारत का इतिहास (Bharat Ka Ethas) है कि जब-जब महान शक्तियाँ आई। जब चारों तरफ अनाचार झूठ, छल कपट, हिन्या बढ़ने लगी।

ऐसी दीन अवस्था इन्सानों चाहता है सकुन चाहता है, फिर जिधर इसको ठंडक मिलती है, शान्ति मिलती है, इसके दर्द की दवा मिलेगी उधर ये जन समूह अपने आप उमड़ता चला जाएगा।

देश का उत्थान (Desh Ka Uththan)

देश का उत्थान बराबर महात्माओं के द्वारा होता है। महात्माओं के द्वारा ही सच्चा मानव धर्म, सच्ची मानव सेवा, सच्चा प्रेम, सद्भावना आदर म्मान, प्यार मुहब्बत आएगा। महात्माओं को छोड़ दोगे, उनसे दूर हो ‘ ओगे उनके वचनो को भूलोगे तो कुछ होने वाला नहीं।

व्यवस्था के छोटे-छोटेरूप होते है। अगर सब लोग अपनी-अपनी जिम्मेदारी समझें अपने-अपने काम को समझ ले और अपने-अपने काम को अपनी-अपनी जिम्मेदारियों को मेहनत और ईमानदारी से करने लगे तो सब काम ठीक हो जाएगा और सारी व्यवस्थायें ठीक हो जायेंगी। लेकिन जब हम यह समझ लें कि यह हमारा काम नहीं, यह हमारी जिम्मेदारी नहीं तो कुछ ठीक होने वाला नहीं, सब कुछ अस्त-व्यस्त हो जाएगा।

निष्कर्ष

ऊपर दिए गए सत्संग आर्टिकल के माध्यम से आपने यह जानना की धरती हमें (Prithvi Se Hamen) क्या-क्या दे सकती है? अधर्म पर धर्म की स्थापना कैसे हो सकती है? व देश का उत्थान कैसे होगा? आदि विषयों में छोटे से आर्टिकल के माध्यम से जाना। आशा है आपको जरूर अच्छा लगा होगा। मालिक की दया सब पर बनी रहे जय गुरुदेव।

Or Satsang Padhe: Guru Banne Ka Kam मत करना ।। ध्यान रखो कभी भूल कर भी यह मत करना

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