चिमगादड़ टापू हरिद्वार में बाबा जय गुरुदेव जी की भविष्यवाणियाँ

बाबा जय गुरुदेव जी की भविष्यवाणियाँ: महानुभाव चिमगादड़ टापू, हरिद्वार में बाबा जी के महामानव यज्ञ, बाबा जी की हरिद्वार में भविष्यवाणी जो मानव जगत के लिए कि आज वह सिद्ध हो रही हैं अवतारी शक्तियों पर बाबा जी ने कहा:

बाबा जी के महामानव यज्ञ:

24 नवम्बर से 1 दिसम्बर, 1973 तक चिमगादड़ टापू, हरिद्वार में बाबा जी के महामानव यज्ञ का, महाकुम्भ का कार्यक्रम सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। बाबा जी ने अपना परिचय देते हुए कहा कि इस किराये के मकान का नाम जो माता-पिता ने रखा है वह है तुलसीदास।

Baba Jai Guru Dev

एक छोटा-मोटा आश्रम मथुरा में है। चारों तरफ घूम-घूमकर धर्म का प्रचार करता हूँ, विशेष नाम जयगुरुदेव का प्रचार करता हूँ। जयगुरुदेव नाम परमात्मा का है। परमात्मा के विधान का प्रचार उन महान आत्माओं के द्वारा हुआ जिन्होंने अपना ज्ञान नेत्र, दिव्य नेत्र, तीसरा नेत्र खोला और परमात्मा को पाया। यह विधान सनातन है।

जब हम भूले तब कोई न कोई आकर हमें जगाया। उन तत्वदर्शी महान आत्माओं के द्वारा जगत का निर्माण होता रहा और होता रहेगा। बाबा जी तो सेवक हैं परमात्मा नहीं है। इतनी भारी उपस्थिति देखकर ऐसा लगता है कि परिवर्तन जरुर होगा।

बाबा जी ने कहा कि

यहाँ हम नवीन प्रतिज्ञा करेंगे और उसके लिए हम सब तत्पर रहेंगे। न्याय, प्यार, लड़ाई-झगड़ा बन्द, लोगों को भोजन कपड़ा मिले, सब अपनी-अपनी जगह रहें, अमीरों को खाने दो और गरीबों को दे दो। जातियों के विवाद से लड़ाई-झगड़े होंगे, खूरेजी होगी। महात्माओं से मदद लेनी पड़ेगी।

गंगा के तट पर बैठकर क्या-क्या करना है वह आप को प्रतिज्ञा करनी पड़ेगी। पापों का घड़ा जब फूटेगा तो लाचार होकर बाबा जी की बात आपको माननी पड़ेगी।

पापों का घड़ा जब फूटेगा तो लाचार होकर बाबा जी की बात आपको माननी पड़ेगी। कृपा और मेहरबानी उसकी होगी और पैगाम बाबा जी का होगा। विश्व में कोहराम मच जाएगा, तूफान आएगा, खूरैजी होगी और। हाय-हाय करके सब चिल्लाने लगेंगे। बाबा जी तभी शान्त हो सकते हैं जब सबको न्याय मिले, शान्ति मिले। भोजन कपड़ा मकान मिलने लगे।

20 करोड़ लोगों का जन-जागरण

20 करोड़ लोगों का जन-जागरण 1972 के अन्त तक हो गया मगर इसका कोई भी दफ्तर और रजिस्टर नहीं है। बिना पर्व के यहाँ कुम्भ लग गया और लाखों लोगों ने गंगा में स्नान किया। कुम्भ तो उस समय लगेगा जब सारी बातें हो जाएंगी, परिवर्तन हो जाएगा। अभी तो स्तान हिंसा का हो रहा है, खून का हो रहा है, दुराचार का हो रहा है।

तुम जयगुरुदेव बोल दो हम जीवात्माओं को नाम गंगा में स्नान करा देंगे जिसमें स्नान करने से जीवन मरण का चक्कर समाप्त हो जाता है और जीवात्म अपने निज घर में पहुँच जाती है। हरिद्वार से धर्म का प्रकाश फैल गया है।

बाबा जी की हरिद्वार में भविष्यवाणी

ऋषियों मुनियों की इस पावन तपोभूमि हरिद्वार से देश और दुनियाँ के सुधार के लिए अवतरित शक्तियाँ अब मैदान में उतरेंगी और कार्य शुरु करेंगी। इनका कार्य कैसा होगा इनका न्याय कितना निष्पक्ष और ऊँचा होगा, जनता की भलाई के लिए ये कितने संलग्न होंगे यह तो आपको समय बताएगा।

एक बात जरूर है कि न्याय की कसौटी पर ये बच्चे इतने खरे होंगे कि अपने माँ-बाप और सगे-सम्बन्धियों को भी माफ नहीं करेंगे। त्याग की कसौटी पर ये इतने सच्चे उतरेंगे कि जनहित में इन्हें अपना तन-मन-धन सब कुछ लगाना पड़ा तो उसके लिए भी ये तैयार रहेंगे।

पहले तो एक रावण था अब तो घर-घर में रावण

पहले तो एक रावण था अब तो घर-घर में रावण है। जितने भी रावण हैं देश व दुनियाँ में उन सबका खात्मा निश्चित है। वह बच नहीं सकते हैं। रावण उसे कहते हैं जो अंग्रजी पढ़ा हो, हिन्दी पढ़ा हो तथा सब विद्याओं का ज्ञाता होता हुआ भी सच्ची बातों को न माने,

अपने झूठे अहंकार में मान-बड़ाई के लिए हर तरह के नैतिक अनैतिक कार्यों को करने में न हिचके, ऐसे रावण अब मरेंगे। त्रेता का रावण भी बहुत बड़ा विद्वान था, उसके राज्य में बहुत वैभव था, सोने की लंका थी फिर भी उसका नैतिक पतन इतना नहीं हुआ था जितना कि आज के लोगों का हो गया। ऐसे रावण जहाँ भी होंगे, अवश्य मरेंगे और। दुनियाँ उनको देखेगी।

भक्तों की रक्षा सदा से होती आई

भक्तों की रक्षा सदा से होती आई और अब भी होगी। यदि लंका में विभीषण की कुटिया बच सकती थी तो अब भी ईश्वर के मानने वालों और धर्म पर चलने वालों की रक्षा ऐसे भीषण समय में की जाएगी। प्रेमियों को चिन्ता करने की कोई बात नहीं है।

बाबा जय गुरुदेव जी की भविष्यवाणियाँ

भयंकर समय के कष्टों में परमात्मा का और महात्माओं का हाथ तुम्हारे सिर पर होगा। तुम भजन सुमिरन में लगे रहना, अपने सत-पथ से विचलित मत होना। वह परमपिता अंतर्यामी है तुम्हारी जरूरतों को समझता है, उसी के अनुसार तुम्हारी रक्षा करता है।

तुम भूख बर्दाश्त कर लेना लेकिन कभी उससे रोटी मत मांगना। वैसे वह स्वयं ही बहुत दयालु है। जबकि दुनियाँ अपने ही कर्मानुसार आए हुए अकाल व कष्टों से पीड़ित होगी, उस समय पर अगर तुम्हें एक रोटी भी मिल जागी तो यह उस परमात्मा की कितनी बड़ी कृपा तुम्हारे ऊपर होगी। इसलिए तुम्हें चिन्ता करने की कोई बात नहीं है। जब ऐसा समय आएगा उसके अनुसार तुमसे सब कुछ बर्दाश्त करा लिया जाएगा।

बी.बी.सी. लंदन ने इस कार्यक्रम को प्रसारित किया

धन्यवाद है बी.बी.सी. लंदन को, चिमगादड टापू में आए विभिन्न देशों के उन विदेशियों को जिन्होंने अपनी सद्भावनाएँ आकर दी। बी.बी.सी. लंदन ने समुद्र पार से हरिद्वार के जंगल में हो रहे इस कार्यक्रम को प्रसारित किया। इस कार्यक्रम को महाकुम्भ की संज्ञा दी।

मुझे आश्चर्य हुआ कि कुत्ते, बिल्ली की भी कहीं दुर्घटना से मौत हो जाए तो वह खबर अखबारों में प्रकाशित हो जाती है, किन्तु इतने दिनों से हो रहे इस ऐतिहासिक कार्यक्रम की उन्हें भनक तक नहीं लगी।

बाबा जय गुरुदेव जी की भविष्यवाणियाँ

भविष्य में सबको इस बात का जवाब देना पड़ेगा। मुझे कोई चिन्ता नहीं, अब तो बीस करोड़ लोगों का पेट प्रेस और मुख अखबार बन चुका है,

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