सुरत शब्द की साधना

सुरत शब्द की साधना अंतर की कमाई के लिए कैसे तैयार हो सकते

सुरत शब्द की साधना के लिए हम कैसे तैयार हो सकते हैं? क्योंकि जब पूरा गुरु मिल जाता है तब हम सुरत शब्द की साधना से कुछ कमाई कर सकते हैं। इस संसार की चमक दमक देखकर ग्राहक फंस जाते हैं उसी तरह से एक साधक भी संसार के चमक दमक को देखकर के अंतर […]

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सत्य पुरूष (Satya Purush) की महिमा पर अनमोल वचन

सत्य पुरूष की महिमा पर अनमोल वचन- Satya Purush

सत्पुरुष (Satpurush) की महिमा अकथनीय हैं। उस मालिक की महिमा का बखान कोई नहीं कर सकता है जब साधक गुरु की कृपा लेकर रूहानी मंडलों में सफर करता है तब वह स्वयं अनुभव करता है कि वहाँ की सत्य पुरूष (Satya Purush) महिमा क्या है? यह सब गुरु की कृपा से होता है। सत्पुरुष की […]

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संत कौन है

पूरा संत कौन है? संत शब्द का अर्थ और काम के बारे में

महानुभाव जैसे कि आप सभी जानते हैं कि जो पूरा सन्त होता है उसकी व्याख्या करना व्यर्थ है। क्योंकि पूर्ण संत इतना महान होता है कि वह इस संसारी जीव को अपना बच्चा समझता है। खुद परेशान होता है लेकिन हम सबको परेशानियों और मुसीबतों से निकालते हैं। ठीक संतों का काम क्या होता है? […]

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पांच तत्व के साथ पच्चीस विषय

Panch Tatva (पांच तत्व) के साथ पच्चीस विषय, मानव शरीर तत्वों के बारे में

महापुरुष सब कुछ जानते हैं जन्म मरण के बारे में, मानव शरीर के तत्वों के बारे में और तत्वों के गुणों के बारे में, सब कुछ महापुरुष जानते हैं। तत्वज्ञान का रहस्य महापुरुषों के सत्संग में सुनने को मिलता है। पांच तत्व (panch tatva) के साथ 25 विषय हैं उन विषयों के बारे में विस्तार […]

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सर्गुण व निर्गुण ब्रह्म का वर्णन

मुख्य ध्येय स्वरूप ब्रह्म कौन हैं? सर्गुण व निर्गुण ब्रह्म का वर्णन

ध्येय स्वरूप ब्रह्म कौन हैं? सर्गुण व निर्गुण ब्रह्म का वर्णन, अक्षर ब्रह्म कौन है, ब्रह्म मतलब क्या है, पूर्ण ब्रह्म का नाम क्या है? कौन व किसे कहते हैं? पुरा पढ़े। सर्गुण व निर्गुण साकार निराकर दोनों से परे, साक्षी का भी जो साक्षी है प्रकाशक का भी जो प्रकाशक है, व्यापक में जो […]

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लोको की रचना

यह जीव भवसागर में कैसे आया और पुनः कैसे अमर लोक को जायेगा? लोको की रचना

लोको की रचना: जय गुरुदेव, परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने सत्संग में अपने अनुयायियों को वह आध्यात्मिक सत्संग और रहस्य बताया और लोको की रचना और विस्तार के बारे में जानकारी दि, हम कैसे इस भवसागर में आए और कैसे हम अमरलोक को प्राप्त कर सकते हैं? सबसे पहले जीव कैसे आया और […]

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विश्व के लोगों से बाबा जयगुरुदेव की अपील

गुरूमुख और मनमुख के लक्षण, जीवों को अपनी देख रेख करते हुए चलना चाहिए

गुरूमुख और मनमुख: थोड़ा-सा वर्णन लिखा जाता है कि जिसके अनुसार जीवों को अपनी देख रेख करते हुए चलना चाहिए। सतगुरू अपनी दया से सर्वदा जीव की सम्हाल करते रहते हैं और चाहते हैं कि सब सेवक उनके चरणों में मुख्य प्रीति और प्रतीति करें पर यह मन नहीं चाहता कि जीव को ऐसी अवस्था […]

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