Ek Waqt Khana Khane: सतगुरु की सीख जो हम सबके लिए लाभदायक होती है। एक वक्त Khana Khane चाहिए, इस आर्टिकल के माध्यम से आप जानेंगे खाने के लिए (Khane Ke Liye) जरूरी टिप्स, एक साधक को क्यों एक वक्त खाना खाने (Khana Khane) चाहिए उसके फायदे जानेंगे। स्वामी जी महाराज ने बताया है कि एक साधक को सादगी वा संयम से कैसे रहना चाहिए? यह सब कुछ अपने सत्संग के माध्यम से बताया है। चलिए आज हम इसी टॉपिक पर चर्चा करने वाले हैं कि साधक को एक वक्त भोजन करना (Khana Khana) चाहिए उसके फायदे जाने हैं। जय गुरुदेव पूरा पोस्ट पढ़े।
सतगुरू की सीख (Satguru Ki Sikh)
महात्मा हम सब पर दया करते हैं और हमारी स्वास्थ्य के प्रति हमें सजग करते हैं। कुछ महत्त्वपूर्ण खान पान (Khan Pan) के बारे में भी बताते हैं एक साधक को एक वक्त खाना-खाना (Khana Khana) चाहिए उसके फायदे के बारे में स्वामी जी महाराज ने बताया है।
यह मन इन्द्रियों का भडुआ है और इन्द्रियों के दरवाजों पर लगा रहता है। यह विषयों में फंसकर दगाबाज हो गया, बेईमान हो गया है। पहले व्यवस्था अच्छी थी। गांवों के लोगों में त्याग की भावना (Tiyag Ki Bhavna) थी। मैंने एक रू0 का 60 किलो दाना खरीदा है।
स्त्रिया चार दिन स्नान न करें।
गाय के हत्यारे का कोई मुंह नहीं देखता था। वह अपना मुंह ढक रहता था। मातायें रोटी (Roti) डाल देती थी। तुम खड़े-खड़े पैंट पहन कर पेशाब करने लगे। इसका पेशाब की थैलियों पर भयंकर असर पड़ता है। स्त्रिया महीन में चार दिन स्नान न करें। इस बीच स्नान (Esnan) करने से भयानक बीमारियाँ पैदा हो जायेगी जिसे डाक्टर ठीक नहीं कर सकता।
पांचवे दिन स्नान (Esnan) करें। ऐसा करने से तुम हजारों बीमारियों से बच जाओगी। मलमूत्र से लेकर ऊपर तक की शिक्षा मैंने दी। मैंने गलती की कि समय को मैंने बता दिया था। इसलिए मुझे 125 दिन तक बेड़ियाँ पहननी पड़ी, काल कोठरी में कई महीने रहना पड़ा। हमको और हमारे भक्तों को तकलीफें सहनी पड़ी। मैं जो कहूँ उसको तुम करते जाओ, इसी में तुम्हारी भलाई है।
एक वक्त भोजन करना (Khana Khane) चाहिए
साधकों को एक वक्त भोजन (Bhojan) करना चाहिए। पेट हल्का रहने से मन। ऊपर को चढ़ता है और सुरत का साथ देता है। हम बार-बार कहते हैं कि खाना (Khana) एक टाइम खाओ लेकिन तुम मानते नहीं। खूब गले तक ढूंस कर खा लेते हो। तुम किसान हो। खेती करते हो तो दोनों टाइम में दो-दो रोटी कम खाओ (Kam Khawo) तब भी तुम्हारा काम बनेगा।
लेकिन तुम खूब खा लेते हो तो तुम्हारा काम कैसे (Kam Kaise) बने? भजन में रस मिलता नहीं है। तुम समझते नहीं हो कि हम कहाँ से आये हैं और कहाँ जाना है? हम चाहते हैं कि तुम जल्दी अपने घर चलो। यह फिकर हमको है लेकिन तुम उस पर ध्यान नहीं देते हो तो बच्चा काम कैसे बनेगा।
एकवक्त भोजन करने से (Ek Waqt Bhojan)
यह तुम्हारा घर नहीं है। यह कर्म क्षेत्र हैं, कुछ न कुछ तो करना (Karna) ही पड़ता है। नौकरी वाले दफ्तर में जाते हैं और रजिस्टर पर दस्तखत कर देते हैं तो उनकी तो मजदूरी बन गई और तुम दरवाजे पर बैठोगे और हाजिरी लगाओगे तो वह परमात्मा तुमने कैसे नहीं मजदूरी देगा।
एकवक्त भोजन करने (Khana Khane) से शरीर हल्का रहेगा। फुर्तीलापन रहता है, सुस्ती नहीं रहेगी, रोग व्याध इत्यादि नहीं आते हैं और मन भजन का रस जब पाने लगता है तो धीरे-धीरे इंद्रियों का रस छोड़ देता है और आत्मा का साथ पूर्ण रूप से दे देता है।
सुझाव: khane ke liye
मैं साइट एडमिन अपना सुझाव आपके साथ सांझा करने वाला हूं| अक्सर लोग इंटरनेट पर सर्च करते हैं कि, गूगल आज खाने में क्या banaye? खाने की रेसिपी, घर पर सब्जी नहीं है तो क्या करें? दोपहर का खाना क्या बना सकते हैं? कुछ चटपटा खाने का मन है तो क्या करें? रात में खाने में क्या बनाए, खाना जल्दी बन सकता है| ऐसे तमाम प्रश्न करते हैं|
लेकिन खाने के लिए कुछ स्वादिष्ट व्यंजनों की तलाश कर सकते हैं| आपकी पसंद के अनुसार विभिन्न प्रकार के भोजन खा सकते हैं| भारतीय व्यंजनों की कमी नहीं है जो शाकाहारी व्यंजन है अपनी पसंद के मुताबिक खाद्य सामग्री जैसे कि हरि फल, सब्जियां, दूध, दही, मक्खन, सलाद, चावल, रोटी, दाल, इसके अलावा और भी तमाम प्रकार के स्वस्थ आहार आप खा सकते हैं| ध्यान दें khane ke liye आपको उपयुक्त मात्रा में पानी पीने की जरूरत है |
निष्कर्ष
महानुभाव सज्जनों ऊपर दिए गए सत्संग आर्टिकल के माध्यम से आपने यह जाना कि एक साधक को एक वक्त Khana Khane चाहिए, उसके फायदे Khane Ke Liye Jaruri Tips के बारे में जाना। आशा है आप को ऊपर दिया गया कंटेंट जरूर अच्छा लगा होगा। स्वामी जी महाराज की दया सब पर बनी रहे। जय गुरुदेव
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