सच्चा गुरु क्या और कहाँ मिलेंगे? Sacha Guru Darbar कहाँ है कैसे हम सच्चे गुरु से मिल सकते हैं? Guru वास्तव में क्या है? चलिए इस सत्संग आर्टिकल के माध्यम से जानते हैं गुरु के रूप को पढ़ते हैं। प्रभु के पाने की राह Guruji ka darbar कहाँ लगता है, कैसी हम पहुँच सकते हैं? महात्माओं ने अपने सत्संग के माध्यम से सब कुछ बताया है।
दुनियाँ कहाँ खोज रही Sacha Guru
समय ज्यादा जरूर हो गया और सब लोगों को इस बात की चिन्ता है। सभी महापुरुषों का दृष्टान्त देकर समझाता हूँ। दृष्टान्त देकर, गुरु चरणों में बैठकर, जिन्होंने प्राप्त किया वह कहाँ से चलते है पहिले देखें। रास्ता, कहाँ से गया है और दुनियाँ कहाँ खोज रही है? दुनियाँ खोजती है बाहर, रास्ता तुम्हारे घट में से गया हुआ है।
Sacha Guru को लोग बाहर तलाश करते हैं। गुरु, चेतन, तुम्हारे पास में है। यहाँ हम बैठे नहीं प्रार्थना भी नहीं किया तो तुम्हारी प्रार्थना भी सुनेगा कौन? बैठो तुम दर पर। ये आँखें हैं। दुनिया की तरह जो देख रही हैं, लगी पड़ी हुई हैं जिनके अन्दर में नाना प्रकार की विकार आ गया और हम उन विकारों के तद्रूप उन सामानों के बन चुके-हैं बस उसमें गड़ा दिया है तो वहाँ से निकल नहीं सकते हैं। दोनों, आँखें हट नहीं सकती हैं।
जब हम महापुरुषों के पास में जाते हैं तो यही आँखें दो बाहर के सामानों की तरफ मोड़ करके अन्दर में (Guru Darbar) गुरु की सूरत पर चढ़ाते हैं। यहाँ फिर हम बैठ करके सिजदा करते हैं। यही दोनों आँखे बन्द करके कहें ऐ मुशिद, ऐ गुरु, तुम मेरे सम्मुख हो। तू कैसा है तेरा दर मुझको मालूम हुआ। इस दर पर तू सबकी प्रार्थना सुना करता है। अगर मैं बैठ जाऊँ तो क्या वजह है कि वह प्रार्थना न सुने? जरूर सुनेगा। इसमें कोई शक नहीं।
सच्चा गुरु कौन है? (Sacha Guru)
स्वामी जी महाराज हमेशा इसी बात पर फरमाया करते थे। कहते थे कि बेटा यह यही सच्चा दर (Guru Darbar) है। यहाँ जो लोद बैठेंगे वही गुरु को पायेंगे, गुरु की शक्ति को पायेंगे वह गुरु को वोध को पायेंगे। समझ गये, सब गुरुओं की असलियत मालूम हो जाएगी। Sacha Guru (गुरु) कोई हाड़ मांस का नहीं गुरु वह असली चेतन शक्ति है जो परमात्मा है।
जो ताकत परमात्मा में है वही गुरु में है। उसमें कोई अन्तर नहीं। लेकिन जब हम परमात्मा और Guru की ताकत को जानना चाहें तो आंखों की दर पर बैठ जाय। जब तक इन आँखों की दर पर नहीं बैठते हैं तब तक न आप गुरु को जान सकते हैं और न परमात्मा को और न परमात्मा की रचना को जान सकते हैं।
जिन लोगों के भाग हैं जिनको गुरु मिले जिन गुरु ने कृपा से आपको अपनी दर पर बैठाया और सील दिया भाई उनका जीवन सुफल। जिन्होंने सीख लिया और जिन्होंने प्यार किया जिन्होंने Guru Darbar के जलवे को अन्दर में दोनों आँखें बन्द करके देख लिया और वह आँख खुली और जलवा उनका अजीब देखा। जिन्होंने दुनियाँ में आकर यह बात नहीं देखा उनका जीवन बेकार है। निष्फल।
गुरु के दरवाजे पर बैठने (Guru Ke Darbar)
इसी काम के लिए हम लोग आये थे। यहीं गुरु के दरवाजे पर बैठने के लिए। अब आप देखते हैं क्या वजह कि नहीं दिखाई देता? जो लोग बैठ जाते हैं आकर के, अगर महापुरुषों में असलियत है तो जरूर पावेंगे क्योंकि बैठना जानते हैं न। वह निशाना मारना जानते हैं।
भाई जब आप को वाण सिखाया जाय जैसे द्रोणाचार्य ने जब बांण सिखाया था, किनको? लव कुश को। बांण को सिखाने वाला Guru भी गुरु है यह बात थी। उसको क्या मालुम कि कहाँ लगेगा बांण। भाई वह निसान हो जिसमें मारना है। गुरु पीछे से हो तब बैठ के दरवाजे पर वह निशाना लगवा दे और तीर को छोड़ दे। तो क्या वजह है कि नहीं लगेगा।
गुरु की सूरत आँखों के सामने हो। वह चेतन है ज साकार में भी मिलता है। पर यह हाड़ माँस या चाम नहीं वह चेतन स्वरूप है, ज्योतिषी का। जो रूप है उसका ज्योतिषियों का भरा हुआ रूप है उस गुरु का। जब गुरु से इधर प्यार कर लेते हैं, तो वह मिलता है उसमें।
Sache Guru के चेहरे से रोशनी
तो मैं आज आपको इस रास्ते का बयान एक महात्मा का दृष्टांत देकर समझाऊंगा। तो जो उन्होंने अनुभव किया है वही बयान करेंगे। तो (Guru Ke Milne ka) रास्ता तुम्हारा गया हुआ है यहाँ से (भृकुटि की ओर इशारा करते हुए) ये दोनों आँखें बन्द करो तो फिर उसके अन्दर से आगे चलो।
उधर मैदान नजर आते हैं। बिल्कुल ऐसे ही खुले हुए जैसे ये सब। ये तो खैर बहुत गलीज नजर आता है। साफ करना, इधर, जैसे अन्धकार फैला हुआ है। लोगों के चेहरे देखो तो बिल्कुल नहीं। वहाँ के चेहरे से रोशनी निकलती है तो एक गुरु ने जब दर पर बैठाया और जब देखा बड़े प्यार के साथ में।
निष्कर्ष:
ऊपर दिए गए आर्टिकल के माध्यम से आपने सच्चा गुरु कौन है कहाँ मिलेंगे? Sacha Guru Darbar के दर्शन कैसे कर सकते हैं? आदि तमाम जानकारी आपने आर्टिकल के माध्यम से पढ़ी। पढ़ने के लिए धन्यवाद,
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