विश्व में क्या होने जा रहा है? | Vishva Mein आगे ऐसा समय आने वाला है | असत्य नहीं

दुनिया में ऐसा समय आने वाला है कि सभी लोग चकाचौंध रह जाएंगे। Vishva Mein ऐसी-ऐसी घटनाएँ होने वाली हैं कि सभी देखकर ताज्जुब रह जाएंगे। विश्व में (Vishva Mein) क्या होने जा रहा है आगे इस World का समय कैसे आने वाला है? महात्मा कभी झूठ नहीं बोलते हैं वह सब कुछ जानते हैं और अपनी दिव्य दृष्टि से देखते हैं ठीक इसी प्रकार से भारत (India) ही नहीं बल्कि विश्व में (Vishva Mein) क्या होने वाला है इसके बारे में भी महात्माओं ने बताया है। चलिए जानते हैं सत्संग के माध्यम से गुरु विश्व के बारे में क्या बदलाते हैं? सबसे पहले जानते हैं गुरु की (Guru kya hai) परिभाषा क्या है गुरु;

Vishva Mein आगे ऐसा समय आने वाला है
Vishva Mein आगे ऐसा समय आने वाला है

गुरु की परिभाषा (Guru kya hai)

(Guru) गुरु हाड़-मांस का पुतला नहीं है। वह एक चेतन शक्ति है जो कण-कण में व्याप्त है। गुरु का स्वरूप हर मण्डल पर मिलता है और वह सब कुछ जानता है। साधना करने वाले जब ऊपर में गुरु को देखते है तो में प्रसन्नता से फूले नहीं समाते। जो इधर लोगों को उपदेश करता है वह उधर भी मिलता है और मरने के बाद जीवात्माओं की रक्षा करता है।

किराये के मकान में रहने वाली जीवात्माओं! तुम महात्माओं के समीप जाओ। उनसे नाम भेद कर ऊपर के लोकों में चलो। उधर ब्रह्मा, विष्णु, महादेव, आद्यामहाशक्ति, ईश्वर, ब्रह्म, सभी मिलेंगे। नारद जी बराबर विष्णुलोक, शिवलोक में जाते थे और फिर मृत्युलोक में वापस लौट आते थे।

बाल्मीकि ने जीते जी ब्रह्म को प्राप्त कर लिया था। इस पंच भौतिक शरीर से तुम इन लोकों में नहीं जा सकते हो। साधना के द्वारा जीवात्मा शरीर से अलग होकर फिर आसमानों में उड़ती है। वह जिस तरह मौत के समय शरीर से अलग हो जाती है उसी प्रकार साधना के द्वारा वह अलग हो जाती है। इसी को जीते जी मरना कहते हैं।

आगे Vishva Mein ऐसा समय आने वाला है

बाबा जी ने सत्संग के माध्यम से कहा था। तुम लोग विदेशी दूतावासों (Foreign Embassy) में मेरे संदेश को पहुँचा दो कि विश्व में (Vishva Mein) क्या होने जा रहा है? अन्न की कमी होगी, राजनीतिक नेताओं का महत्त्व व प्रभुत्व कम होगा, समाचार पत्रों में क्रान्तिकारी परिवर्तन होगा, मुस्लिम राष्ट्र (Muslim nation) आपस में लड़ जाएंगे और भारी जन-हानि (Loss Of Life) होगी।

सुरक्षा परिषद अमेरिका से उठकर भारतवर्ष में चली आएगी। भारत में कानून बनेगा और वह विश्व के (Vishva Ke) सभी देशों में लागू किया जाएगा। भारतवर्ष एक नये संविधान का निर्माण करेगा। राष्ट्रभाषा हिन्दी और संस्कृत होगी विदेशों के लोग भागकर भारत में आएंगे और इन भाषाओं को सीखेंगे। महापुरूषों के स्थानों की मिट्टी को लेकर अपने माथे से लगाएंगे तब उन्हें शान्ति (Santi) मिलेगी। आगे Vishva Mein ऐसा समय आने वाला है। भारत भूमि को सभी लोग सिंजदा करने लगेंगे।

लाशों पर लाशें पड़ी रहेंगी

रावण (Ravan) तो मरेगा ही लेकिन पहले सीताहरण (Sita Haran) तो हो जाने दो, हनुमान को (Hanumana Ko) पूंछ में आग लग जाने दो फिर रावण (Ravan) मारा जाएगा। पहले तो एक रावण था और अब तो अनेक रावण हैं। ये Ravan देश के कोने-कोने में हों या मथुरा में ही क्यों न हों वे सब मारे जा रहे हैं।

मेरा सभी वर्ग के लोगों से अनुरोध (Request) है कि धर्म की तरफ मुड़ें, आपस में लड़ाई झगड़ों को समाप्त करें, देश के प्रति वफादार बनें और यहाँ रहकर दूसरे मुल्कों का ख्वाब न देखें। भारतवर्ष धर्मभूमि (Bharatvarsha Dharmabhoomi) है।

और इस भूमि पर हो रहे अत्याचारों को परमात्मा अब अधिक दिनों तक बर्दाश्त नहीं करेगा। यदि लोग मेरी बातों को नहीं मानेंगे तो यह बात सत्य है कि एक समय यहाँ ऐसा आऐगा कि आदमी को उठाने वाला आदमी नहीं मिलेगा और लाशों पर लाशें पड़ी रहेंगी।

काम वासना को जगाने वाले (Kam Vasna)

जिन कार्यो को करने में रावण (Ravan) भी डरता था वह आज दिल्ली में हो रहा है। रावण ऋषियों-मुनियों का खून लेने लगा तो क्या हुआ यह इतिहास बताता है। पहले बीस-बीस वर्ष के लोगों को मालूम नहीं था कि गृहस्थ आश्रम का क्या अनुभव होता है।

आज 8-10 वर्ष के बच्चे-बच्चियों को गृहस्थ आश्रम का पूरा-पूरा अनुभव रहता है। लोगों की तनख्वाहें रोककर प्रचार किया जाता है, बसों, ट्रेनों पर पोस्टर टांगकर दस अरब रूपये पांच वर्ष में गरीब, किसान-मजदूरों का खत्म किया जाता है। फिर भी जनसंख्या का समाधान कुछ भी नहीं होता।

परिवार नियोजन (Parivaar Niyojan) से माता-बेटों का सम्बन्ध बिगड़ गया, भाई-बहनों का सम्बन्ध बिगड़ गया और क्या-क्या हुआ यह कहने की जरूरत नहीं है आगे यह सबसे खराब परिवार नियोजन बन्द कर दिया जायेगा। काम वासना को जगाने वाले, सबके जीवन को नष्ट करने वाले नग्न सिनेमे भारत में बन्द कर दिये जाएंगे। चरित्र निर्माण वाले कुछ सनीमें रह जाएंगे।

महात्माओं की बातें असत्य (Aastty) नहीं

महात्माओं की बातें कभी असत्य (Aastty) नहीं होती हैं। फकीरों ने अपनी किताबों में कई सौ साल पहले इस बात का जिक्र किया है कि मुस्लिम राष्ट्र (Muslim nation) आपस में लड़ जाऐंगे और खून की नदियाँ बहेंगी। राजा और प्रजा में संघर्ष हो जाऐगा और राजनीतिज्ञों का जीवन खतरे में पड़ जाऐगा। जितने भी मजहब दुनिया में हैं सब समाप्त हो जाएंगे।

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